सेकंड हैंड कार कहीं एक्सीडेंटल तो नहीं! इन बातों का रखें खास ध्यान, वरना हो सकता भारी नुकसान
second hand car tips कार के एक्सटीरियर को भी चेक करें। एक्सीडेंट के निशान आमतौर पर एक्सटीरियर पर रह जाते हैं। आपको विशेष रूप से कार के बम्पर और किनारों को चेक करना चहिए। इन जगहों पर अधिक स्क्रैच होता है। एक्सीडेंट होने पर विंडशील्ड टूट या क्रेक हो जाती है। पुरानी कार को खरीदने से पहले इन तरीकों से एक्सीडेंट हिस्ट्री की जांच करें।
नई दिल्ली,ऑटो डेस्क। भारत में नई कारें कि जितनी ही डिमांड होती है उतनी ही डिमांड सेकंड हैंड कारों की भी है। इसमें नई कारों की तुलना में काफी कम खर्च आता है। आपको रोड टैक्स से भी छुटकारा मिल जाता है। ये एक तरीका है जिसके जरिए ग्राहक नई कार के मुकाबले अच्छा खासा पैसा बचा लेते हैं। हालांकि पुरानी कार खरीदते समय आपको कई बातों का खास ख्याल रखना चाहिए। आज हम आपको कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं जिसके जरिए आप कार की एक्सीडेंट हिस्ट्री पता लगा सकते हैं।
Service Record चेक करें
सबसे पहले, आपको पुरानी कार के एक्सीडेंट हिस्ट्री का पता लगाने के लिए उसकी सर्विस रिकॉर्ड को चेक करना चाहिए। वाहन की सर्विस हिस्ट्री से आप ये जान सकते हैं कि कार में किन-किन पार्ट्स को रिपेयर कराया गया है और कार को किसी एक्सीडेंट के बाद रिपेयर किया गया है।
Windshield को चेक करें
इसके बाद कार की विंडशील्ड भी आपको एक्सीडेंट हिस्ट्री के बारे में जानकारी दे सकती है। एक्सीडेंट होने पर विंडशील्ड टूट या क्रेक हो जाती है। इसलिए अगर कार के विंडशील्ड पर कोई निशान देखते हैं ये समझ जाएं कि कार का एक्सीडेंट हाल के दिनों में हुआ है।
Exterior भी करें चेक
तीसरे, नंबर पर कार के एक्सटीरियर को भी चेक करें। एक्सीडेंट के निशान आमतौर पर एक्सटीरियर पर रह जाते हैं। आपको विशेष रूप से कार के बम्पर और किनारों को चेक करना चहिए। इन जगहों पर अधिक स्क्रैच होता है। पुरानी कार को खरीदने से पहले, इन तरीकों से एक्सीडेंट हिस्ट्री की जांच करें। पुरानी कार खरीदते वक्त सबसे पहले आपको उसकी फिटनेस का ध्यान देना चाहिये। गाड़ी के साइलेंसर से निकलने वाले धुंए के रंग पर ध्यान दें। यदि धुंऐं का रंग नीला, काला है तो इंजन में किसी खराबी के कारण हो सकता है। इसके अलावा इंजन मे ऑयल लीकेज की समस्या भी हो सकती है।