हम जानेंगे कि कार कंपनियां किस तरह से प्राइस कट करने के लिए जरूरी फीचर्स में कटौती कर लेती हैं। कारों में दिए जाने वाले इंटीग्रेटेड हेडरेस्ट कास्ट कटिंग का सबसे बड़ा उदाहरण है। आइए इनके बारे में जान लेते हैं। (फाइल फोटो)।
By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Thu, 04 May 2023 10:00 AM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। लगातार बढ़ रहे कंपटीशन के बीच कार निर्माता कंपनियों के सामने अपने ग्राहकों को सस्ते दामों में अच्छी कार उपलब्ध कराने की चुनौती रहती है। ऐसे
कार कंपनियां विभिन्न उपयोग करती हैं। अपने इस लेख में हम इसी विषय पर बात करने जा रहे हैं। हम जानेंगे कि कार कंपनियां किस तरह से प्राइस कट करने के लिए जरूरी फीचर्स में कटौती कर लेती हैं। इनमें से कुछ फीचर्स बहुत ही उपयोगी होते हैं, आइए इनके बारे में जान लेते हैं।
इंटीग्रेटेड हेडरेस्ट
कारों में दिए जाने वाले इंटीग्रेटेड हेडरेस्ट कास्ट कटिंग का सबसे बड़ा उदाहरण है। हालांकि इंटीग्रेटेड हेडरेस्ट स्पोर्टी दिख सकते हैं लेकिन ये व्यवहारिक रूप से उपयोगी नहीं साबित होते हैं। कंपनियां कम लागत होने की वजह से इन्हे किफायती कारों में उपयोग करती हैं।
अंडरसाइज्ड टायर
ज्यादातर कार निर्माता अपने लोअर वेरिएंट्स को छोटे टायर्स और व्हील्स के साथ पेश करते हैं। ये छोटे टायर और पहिए न केवल सस्ते दिखते हैं, बल्कि वे वाहन की गतिशीलता पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। ये भी कास्ट कटिंग का हिस्सा है।
रियर वाइपर
कई कार निर्माता कंपनियां बेस की वजाय टॉप वेरिएंट में भी रियर वाइपर और वॉशर तक नहीं दे रहे हैं। लंबी ड्राइव और बरसात की स्थिति के दौरान यह बहुत जरूरी फीचर है। कार में रियर वाइपर और वॉशर न देने का उद्देश्य सीधे कास्ट कटिंग की ओर इशारा करता है।
आउटडेटेड गियरबॉक्स
यदि वर्ष 2023 में भी एक नई कार में 4-स्पीड ऑटोमैटिक
गियरबॉक्स के साथ आती है तो इसका मतलब है कि कंपनी ने कार के लिए एक नया गियरबॉक्स विकसित करने की जहमत नहीं उठाई है। कास्ट कटिंग के नाम पर ये सबसे आउटडेटेड फीचर है।
साधारण स्पेयर की
यदि
कार की प्राइमरी की काम नहीं कर रही है तो एक साधारण स्पेयर की का होना बहुत कष्टप्रद हो सकता है। कंपनियां सेमीकंडटर जैसो तमाम कंपोनेंट की लागत बचाने के लिए कार में ऐसी कटौती करती हैं।