Bihar Sand Mining: बालू में करोड़ों का खेल, माफिया के आगे सिस्टम फेल; देखें कैसे होती है वसूली
Bihar News बिहार के बांका से करोड़ों के खेल का एक बड़ा मामला सामने आया है। यहां बालू में करोड़ों के खेल का ताजा मामला उजागर हुआ है। वहीं सवाल उठ रहा है कि आखिर इस करोड़ों के खेल के आगे सिस्टम फेल क्यों है? सवाल यह भी है कि आखिर माफिया के खिलाफ कब शिकंजा कसा जाएगा। आगे विस्तार से पढ़िए पूरी रिपोर्ट।
अभिषेक कुमार , बांका। बिहार के बांका में बालू में करोड़ों का खेल चल रहा है। माफिया के आगे सारा सिस्टम फेल है। भले ही अधिकृत तौर पर सरकार बालू बेचती है, लेकिन समानांतर व्यवस्था बनाकर तस्करों ने माफियाराज कायम कर लिया है। अभी बांका में चांदन नदी में दो, बदुआ व चीर में एक-एक घाट सहित चार घाटों से बालू उठाव की ही सरकारी अनुमति है।
बावजूद नियमों को ठेंगा दिखाकर रजौन, अमरपुर और बेलहर में बड़े पैमाने पर बालू का अवैध खनन हो रहा है। बीसियों अवैध बालू घाट बनाए गए हैं। जहां से दिन-रात बालू का उठाव किया जा रहा है।
इस काले कारोबार में भागलपुर के बड़े तस्कर पूरे जोर से सक्रिय हैं। आकाओं के संरक्षण में हो रहे इस खेल में नीचे से ऊपर तक कई सफेदपोश शामिल हैं। पूरे इलाके में बालू माफिया का ऐसा तगड़ा नेटवर्क काम कर रहा है कि इनके डर से सरकारी तंत्र भी बड़ी-कड़ी कार्रवाई का साहस नहीं जुटा पाता।
बांका से बालू का उठाव कर इंट्री के जरिये सैंकड़ों मील दूर दूसरे जिलों में बेचा जा रहा है। रात के अंधेरे में रोज बालू भरकर सैंकड़ों ट्रक-ट्रैक्टर यहां से निकलते हैं। जिन्हें माफिया के चट्टे-बट्टे जिले की सीमा से सुरक्षित पार कराते हैं।
500 से 5000 रुपये तक वसूली
अवैध बालू के खेल में प्रति ट्रैक्टर 500 और हाइवा-ट्रक से 5000 रुपये तक इंट्री-पासिंग फीस वसूली जाती है। अभी रजौन प्रखंड के डरपा, दामोदरपुर, कैथा, रामपुर-अमदाहा, भवानीपुर सहित अन्य अवैध घाटों से हर रोज बालू का उठाव हो रहा है। अमरपुर में सबसे अधिक बालू खनन लौसा, भदरिया और मालदेवचक घाटों से होता है। यहां सैकड़ों ट्रैक्टर बालू की ढुलाई पूरी रात की जाती है। बेलहर में बदुआ नदी के खुटहरी, चौरा, कैलाश पहाड़ी, बारा, घोड़बहियार घाट से बालू उठाव होता है।इस खेल के कुछ महत्वपूर्ण प्वाइंट्स
- भागलपुर के बड़े तस्कर सक्रिय माफिया-हमलावरों को पुलिस नहीं कर पा रही गिरफ्तार
- बिना अनुमति बीसियों घाट से हो रहा बालू का उठाव, धंधेबाजों के आगे शासन-प्रशासन बेबस
- प्रतिबंध के बाद भी रजौन, अमरपुर और बेलहर में बड़े पैमाने पर हो रहा बालू का अवैध खनन
- ऑटो-घोड़ा गाड़ी, साइकिल से लेकर ट्रक तक का इस्तेमाल कर रहे तस्कर, मची है चौतरफा लूट
- अभी बांका में चार घाट स्वीकृत चांदन नदी में दो, बदुआ व चीर में एक-एक घाट से बालू उठाव
दो ट्रकों पर 24 लाख जुर्माना
बांका में कई जगहों पर साइकिल से बालू की तस्करी हो रही है। वहीं अमरपुर में घोड़ा गाड़ी, जुगाड़ व आटो में बालू ढोया जा रहा है। प्राय: रात होते ही अमरपुर, बेलहर और रजौन में बालू उठाव शुरू हो जाता है। पिछले सप्ताह रजौन में अवैध बालू लदे दो ट्रकों पर 24 लाख का जुर्माना लगाया गया।
एनजीटी नियम ताक पर जिले में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के नियमों को ताक पर रख सबकी मिलीभगत से अवैध बालू का खेल चल रहा है। तस्करों ने चांदन और बदुआ नदी में जहां-तहां बालू खनन कर बड़ा-बड़ा कुंड बना दिया है।यह भी पढ़ें- Haryana Politics: नेता प्रतिपक्ष चुनने में उलझी कांग्रेस का विवाद और गहराया, अब रघुबीर कादियान ने पेश कर दी दावेदारी
बताया गया कि पहले ट्रैक्टरों से बालू निकालकर नदी किनारे डंप किया जाता है। इसके बाद हाइवा-ट्रक पर लोड कर बाहर भेजा जाता है। इसके लिए भागलपुर-दुमका मुख्य मार्ग के किनारे चार जगहों पर डंपिंग प्वाइंट बनाया गया है। अमरपुर में लौसा घाट से बालू खनन कर सड़क किनारे डंप किया जाता है। इसके बाद छोटे-बड़े वाहनों यथा हाइवा-ट्रक पर लोड होता है।यह भी पढ़ें- Jharkhand vidhan sabha Chunav result LIVE: झारखंड के रुझानों में JMM+ को बढ़त, BJP+ पिछड़ी; देखें कौन आगे-कौन पीछे?
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।100 करोड़ की काली कमाई
जिले में सरकारी चार बालू घाटों से सालाना 45 करोड़ रुपये की राजस्व की प्राप्ति होती है। वहीं अवैध बालू की काली कमाई सालाना 100 करोड़ का है। छोटे-बड़े 200 तस्कर इसमें शामिल हैं। बांका के अलावा मुंगेर, भागलपुर से लेकर कोसी प्रक्षेत्र तक यह नेटवर्क फैला हुआ है। बेलहर से बालू का उठाव कर मुंगेर-खगड़िया तक भेजा जाता है। जबकि रजौन, धोरैया व अमरपुर से बालू उठाव कर भागलपुर व कोसी इलाके में खपाया जाता है। इंट्री-पासर गिरोह की मानें तो बांका से भागलपुर तक पूरा सिस्टम मैनेज है। वहीं रजौन व अमरपुर में बड़े तस्करों का आधिपत्य है। अवैध खनन पर छापेमारी के क्रम में कई बार पुलिस पर हमला भी हो चुका है।अवैध खनन के खिलाफ सतत छापेमारी हो रही है। इस साल 15 नवंबर तक 800 से अधिक बार छापेमारी की गई है। 170 प्राथमिकी दर्ज कर 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया। - कुमार रंजन, जिला खनन पदाधिकारी, बांका