'हिंदू की हत्या पर दर्द नहीं, लेकिन...', फिर फूटा Giriraj Singh का गुस्सा; कहा- मुसलमानों के पैरोकार चुप हैं
हिंदू स्वाभिमान यात्रा के दौरान केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि बहराइच में हिंदू की हत्या पर कुछ लोगों को दर्द नहीं हुआ लेकिन हत्या करने वालों के पैर में गोली लगी तो दर्द होने लगा। देश में हिंदुओं की संख्या घट रही है और मुसलमानों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। गिरिराज सिंह ने ओवैसी और तेजस्वी पर भी निशाना साधा।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। Giriraj Singh News हिंदू स्वाभिमान यात्रा के दौरान केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि बहराइच में हिंदू की हत्या होने पर कुछ लोगों को दर्द नहीं हुआ, लेकिन हत्या करने वालों के पैर में गोली लगी तो दर्द होने लगा। देश जब आजाद हुआ था तब से अब तक हिंदुओं की संख्या घटकर 70 प्रतिशत रह गई है। भागलपुर और सीमांचल में भी हिंदुओं की संख्या घट रही है। मुसलमानों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मस्जिदों की संख्या बढ़कर 3000 से 20 लाख हो गई है।
उन्होंने जिला स्कूल के मैदान में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर पंडित जवाहर लाल नेहरू डॉ. अंबेडकर की बात मान लेते तो आज देश में यह स्थिति पैदा नहीं होती। भारत से पाकिस्तान के अलग होने के बाद सारे मुस्लिमों को पाकिस्तान भेजने की बात थी, लेकिन मुस्लिम वोट के खातिर नेहरू ने डॉ. अंबेडकर की बात नहीं मानी। तब अंबेडकर ने कहा था, मेरी बात नहीं मानोगे तो देश में सामाजिक समरसता नहीं रहेगी। आज यही हो रहा है।
'मुस्लिम के पैरोकार चुप हैं'
उन्होंने कहा कि लखनऊ, राजस्थान, बहराइच में सरेआम हिंदुओं की हत्या हो रही है और मुस्लिम के पैरोकार चुप हैं। आज अपने ही देश में मूर्ति विसर्जन के लिए रूट मांगना पड़ रहा है। क्या इसलिए देश का बंटवारा हुआ था। देश के बंटवारे के नाम पर सोची समझी साजिश तो नहीं थी? आज कहा जा रहा है लड़कर लिए थे पाकिस्तान, अब हंसकर लेंगे हिंदुस्तान।रोहिंग्या मुसलमानों के लिए ओवैसी को दर्द है। इजराइल व लेबनान के बीच युद्ध हो रहा है और दर्द ओबैसी को हो रहा है, लेकिन पाकिस्तान में हिंदुओं की बेटियों को मंडप से उठा लिया जाता है और दर्द किसी को नहीं होता।
'बांग्लादेश में मंदिरों को तोड़ा जा रहा'
गिरिराज ने आगे कहा कि बांग्लादेश में मंदिरों को तोड़ा जा रहा है। हिंदू बहु-बेटियों के साथ गलत किया जा रहा, पर सभी चुप हैं। मुस्लिम वोट के लिए लोग यात्रा निकालते हैं, लेकिन कोई कुछ नहीं बोलता। सीएए के खिलाफ पूरे देश में जुलूस निकाला जाता है, लेकिन ऐसे लोगों को दर्द नहीं होता। हम हिंदू स्वाभिमान यात्रा निकाल रहे हैं तो लोगों को दर्द हो रहा है। यह यात्रा दंगा करने के लिए नहीं, बल्कि रोकने के लिए है।
उन्होंने कहा कि आज हमारी पूजा पद्धति पर कुछ लोग आंख गड़ाए बैठे हैं। अगर सनातन बहुमत में आया तो सशक्त भारत बनेगा। अगर हम जात-पात में बंटेंगे तो लोकतंत्र नहीं बचेगा। यहां की बहु-बेटियों की स्थिति पाकिस्तान व बांग्लादेश जैसी होगी।
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