Bhagalpur News: सिल्क सिटी भागलपुर में जूट से नवाचार ने दिखाया दमखम, खोज लिया विदेश में बड़ा बाजार
Bhagalpur Startup News बिहार के भागलपुर जिले में जूट के उत्पादों को स्टार्टअप के माध्यम से अब विदेशों तक पहुंचाया जा रहा है। यह नवाचार कम समय में ही सिल्क सिटी भागलपुर की अर्थतंत्र का हिस्सा बन गया है। इसके उत्पादों की अमेरिका इंग्लैंड फिलिपींस से लेकर जर्मनी और पोलैंड जैसे कई देशों से अच्छी खासी डिमांड आ रही है।
ललन तिवारी, भागलपुर। जूट का भागलपुरिया नवाचार देश-दुनिया में दम दिखा रहा है। भले ही भारत में जूट को बोरा भर उपयोगी माना जाता हो, लेकिन विदेशों में बेबी कैरियर के लिए इसकी खासी मांग है। अमेरिका, इंग्लैंड, फिलिपींस, जर्मनी और पोलैंड आदि देशों में निर्यात के माध्यम से वर्तमान में यह अंग प्रदेश के अर्थतंत्र का सारथी बन गया है।
आम तौर पर जूट की पहचान खुरदरा धागा से बने उत्पाद के रूप में की जाती है। लेकिन, नई विधि, नई कार्य पद्धति और नई तकनीक के सहारे इस जूट से मुलायम और चटख रंगों में खूबसूरत गुणवत्तापूर्ण कपड़े भागलपुर का स्टार्टअप बना रहा है।
इन धागों/कपड़ों की बड़ी मांग विदेश के बाजारों से आ रही है। इन देशों में जूट से मुख्य रूप से बेबी कैरियर बनाए जाते हैं। देशी जूट के इन थैलों में विदेशों में नौनिहालों की किलकारी गूंजती है।
इस तरह काम कर रहा नवाचार
नवाचार (नव+आचार) के अर्थ को शाब्दिक सिद्धि देते हुए लिम्स एंड डिजाइन्स नाम के स्टार्टअप ने पारंपरिक जूट के उत्पाद प्रक्रिया में आमूलचूल बदलाव किए हैं।इससे जूट का धागा और कपड़ा का निर्माण-उत्पादन बहुरंगी हो गया है। नया उत्पाद क्वालिटी में भी पहले से बेहतर हो गया है।इस स्टार्टअप में विदेशों में निर्यात के लिए विशेष तौर पर जूट यार्ण, जूट एंजिलिना, जूट स्टेलिना युक्त कपड़ा का निर्माण किया जा रहा हैं।साथ ही खास उत्पाद के तौर पर बेबी सीलिंग कैरियर भी बनाया जा रहा है, जिसकी देश में कम लेकिन दुनियाभर में काफी मांग है।
भागलपुर के फरका गांव निवासी नवाचारी योगेंद्र प्रसाद ने बताया कि वे लंबे समय तक दिल्ली में रहकर जूट उत्पाद के निर्यात से जुड़े रहे।लेकिन, अब मांग बढ़ने पर अपने गांव का रुख कर लिया। यहां पत्नी अनिता कुमारी के साथ लिम्स एंड डिजाइन्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी खोली है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।बेबी कैरियर की बढ़ रही मांग
आधुनिक दौर में बच्चों को बेबी कैरियर में रखने का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। यह माता-पिता के लिए अपने बच्चे के साथ सैर-सपाटे, घूमने का सुरक्षित और व्यावहारिक कपड़ा का एक थैला है। विदेशों में प्राय: माता-पिता अपने बच्चों को घर से बाहर ले जाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। बच्चे को बेबी कैरियर, स्लिंग कैरियर में ले जाने से उन्हें अपने हाथों को खाली रखने का फायदा मिलता है।साथ ही बच्चे भी इसमें सहज महसूस करते हैं। बेबी कैरियर निर्यात करने वाले मुख्य देशों में अमेरिका, यूके, फिलिपींस, जर्मनी, पोलैंड आदि देश शामिल हैं। जूट से बने बेबी कैरियर या इसके कपड़े देश-विदेश के ग्राहक सीधा आर्डर कर स्टार्टअप से खरीदते हैं। हाल के दिनों में बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के सबएग्रीस इनक्यूबेशन सेंटर में नवोन्मेषी के रूप में चयनित होने के बाद इस नवाचार को उत्कृष्ट बनाने के लिए कई उपयोगी तरीके अपनाए जा रहे हैं।भागलपुर का लिम्स एंड डिजाइन्स स्टार्टअप।जूट की खेती को मिलेगा व्यापक बाजार
इनक्यूबेशन सेंटर, बीएयू के नोडल पदाधिकारी सह अनुसंधान निदेशक डा अनिल कुमार सिंह ने बताया कि इस नवाचार से जूट की खेती को व्यापक बाजार मिलेगा।इस उद्योग को उन्नत बनाने में जो कुछ कमी रह गई है, उसे जल्द ही दूर कर लिया जाएगा। विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण उत्पाद पर पूरा जोर दिया जा रहा है।नवाचार को आर्थिक सहयोग भी मिलेगा, जिससे गांव में आटोमेटिक मशीन लगाकर जूट का धागा, कपड़ा बड़े पैमाने पर उत्पादित किया जाएगा। आने वाले समय में स्टार्टअप के माध्यम से सैंकड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा। स्थानीय स्तर पर अधिकाधिक जूट की खरीदारी होगी। जिससे जूट उत्पादक किसान को अपने माल बेचने की समस्या से निजात मिल जाएगी और बेहतर आय भी प्राप्त होगा। इस तरह जूट की खेती का भी विस्तार होगा।इनक्यूबेटर सेंटर में जूट आधारित नवाचारी को तराशा जा रहा है। निर्यात के लिए यह स्टार्टअप वरदान बन रहा है। जूट से बड़े पैमाने पर कपड़ा निर्माण होने से जूट की खेती का विस्तार होगा। जैसे-जैसे नवाचार समृद्ध होगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। - डॉ. डीआर सिंह, कुलपति बीएयू