Diwali Puja Time 2024: ये 56 मिनट होंगे सबसे खास, दीवाली पूजन के लिए नोट कर लें टाइम
दीवाली का पावन त्योहार 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन लोग सुख और समृद्धि हेतु गणेश और लक्ष्मी (Ganesh And Laxmi Puja) की पूजा करते हैं। लोग घरों व सार्वजनिक स्थलों पर दीप जलाते हैं। यह भी जान लें कि दीपावली पूजन के लिए वृष लग्न को महत्वपूर्ण माना जाता है। वृष लग्न प्रदोषकाल संध्या 6.27 बजे - 7.23 बजे तक रहेगा।
संवाद सूत्र, उदवंतनगर (आरा)। दीपोत्सव का मुख्य त्योहार दीपावली (Diwali 2024) कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर गुरुवार को परंपरागत तरीके से मनाया जाएगा। दीपावली का त्योहार भगवान राम के लंका विजय के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है।
इस त्योहार को भारत के अलावा, पूरी दुनिया में रह रहे सनातन धर्मावलंबी हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। दीवाली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर गुरुवार को परंपरागत तरीके से दिवाली मनाई जाएगी।
सुख और समृद्धि हेतु लोग इस दिन गणेश और लक्ष्मी (Ganesh And Laxmi Puja) की पूजा करते हैं। लोग घरों व सार्वजनिक स्थलों पर दीप जलाते हैं। लोग घरों एवं देवमंदिरों को उत्सवी माहौल में सजाते हैं तथा रोशनी से जगमग करते हैं। इस त्योहार में साफ सफाई का विशेष खयाल रखा जाता है। बरसात बीतने के बाद आसपास के परिवेश में जमने वाली घास फूंस को लोग साफ करते हैं जिससे कीड़े मकोड़े के साथ मच्छरों का आतंक काम होता है।
अपराह्न सवा तीन बजे अमावस्या का आगमन
पंडित विवेकानंद पांडेय ने बताया कि कार्तिक कृष्ण पक्ष 31 अक्टूबर गुरुवार को दिन में 3.12 बजे अमावस्या तिथि का आगमन हो रहा है जो 1 नवम्बर शुक्रवार को सांय 5.13 बजे तक रहेगा। निशीथ काल में अमावस्या होने के कारण 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाई जाएगी। 31 अक्टूबर को रात्रि 11.15 बजे से रात्रि 1.15 बजे तक रहेगा। निशीथ काल महा काली के पूजन के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।
दीपावली की पूजा के लिए वृष लग्न, कुंभ लग्न व सिंह लग्न को उत्तम माना गया है। कुंभ लग्न दिन में 1.47 बजे से 3.18 बजे तक रहेगा। इस दौरान 3.12 बजे से 3.22 तक लक्ष्मी गणेश का आह्वान श्रेयस्कर होगा। दीपावली पूजन के लिए वृष लग्न (Diwali Puja Shubh Muhurat) को महत्वपूर्ण माना जाता है। वृष लग्न प्रदोषकाल संध्या 6.27 बजे - 7.23 बजे तक रहेगा। वहीं, अर्द्ध रात्रि में 12.55 बजे - 3.09 बजे तक सिंह लग्न का वास रहेगा।
प्रवासियों के आने से गांवों में लौटी रौनक, बाजार भी गुलजार
कुछ सपनों को लेकर गांव से शहर जाने वाले ग्रामीणों को छठ, दिवाली और होली जैसे त्योहार पर गांव की याद सताने लगती है। कई महीनों से गांव न आने वाले लोगों का छठ और दीवाली जैसे त्योहारों पर अपनी जन्मभूमि पर लौटने का सिलसिला शुरू हो चुका है। प्रवासियों ने एक बार फिर गांवों को गुलजार कर दिया है। गांव में रौनक बढ़ गई है। बाजार में भी चहल-पहल देखने को मिल रही है।
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