बक्सर विधानसभा चुनाव 2025: मतगणना से पहले बेचैनी चरम पर, समर्थक लगा रहे अनुमान
बक्सर विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना से पहले उम्मीदवार और उनके समर्थक बेचैन हैं। हर कोई अपनी जीत का दावा कर रहा है और नतीजों का इंतजार कर रहा है। समर्थक अपने-अपने तरीके से अनुमान लगा रहे हैं, कोई मन्नत मांग रहा है तो कोई ज्योतिषियों के पास जा रहा है। उम्मीदवारों की धड़कनें तेज हैं और वे जीत की रणनीति बना रहे हैं।

संवाद सहयोगी, डुमरांव (बक्सर)। विधानसभा चुनाव की मतगणना शुक्रवार को होनी है, लेकिन परिणाम आने में चंद घंटे शेष रहते ही समर्थकों की बेचैनी सातवें आसमान पर पहुंच गई है। मतगणना से एक दिन पहले गुरुवार को पूरे दिन प्रत्याशियों के समर्थक वोटों के समीकरण गढ़ने और रुझान भांपने में जुटे रहे।
बक्सर जिले के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर के दावे जोरों पर हैं। डुमरांव विधानसभा सीट पर मुकाबला रोचक है। यहां जदयू प्रत्याशी राहुल सिंह और भाकपा (माले) के अजीत कुमार सिंह आमने-सामने हैं।
डुमरांव के नचाप गांव निवासी अनिल प्रताप सिंह दावा करते हैं कि राहुल सिंह न केवल डुमरांव से जीतेंगे, बल्कि बक्सर जिले की चारों सीटों—डुमरांव, ब्रह्मपुर, राजपुर और बक्सर—पर एनडीए प्रत्याशी विजयी होंगे। उनकी यह धारणा कई लोगों से लगातार बातचीत पर आधारित है।
अरियांव के सोनू सिंह और डुमरांव के सुशील कुमार भी जदयू की जीत पर पूरी तरह आश्वस्त हैं। दूसरी ओर, भाकपा (माले) समर्थक उतने ही उत्साहित हैं। नावाडेरा के जगनारायण यादव, नंदन के रामबदन यादव और डुमरांव के अशोक कुशवाहा का कहना है कि अजीत कुमार सिंह लगातार दूसरी बार जीत दर्ज करेंगे। वे दावा करते हैं कि जनता का समर्थन माले के पक्ष में है।
इसी तरह ब्रह्मपुर विधानसभा में राजद के शम्भूनाथ यादव और लोजपा (रामविलास) के हुलास पांडेय के बीच सीधा मुकाबला है। सिमरी के सुनील राय और पूर्व मुखिया तेजनारायण ओझा मानते हैं कि हुलास पांडेय को हर वर्ग का वोट मिला है, इसलिए उनकी जीत आसान होगी।
वहीं, चक्की के जग नारायण यादव और पूर्व मुखिया निर्मल यादव शंभूनाथ यादव की लगातार तीसरी जीत की भविष्यवाणी कर रहे हैं। चुनाव परिणाम की प्रतीक्षा में बेचैनी इतनी है कि लोग रुझान जानने के लिए तरह-तरह के इंतजाम कर रहे हैं।
टीवी चैनल, इंटरनेट मीडिया और स्थानीय चर्चाओं से लेकर एग्जिट पोल तक, हर तरफ अनुमान लगाए जा रहे हैं। जैसे-जैसे मतगणना का समय नजदीक आ रहा है, उत्सुकता और तनाव बढ़ता जा रहा है। बिहार की सियासत में यह चुनाव एनडीए और महागठबंधन की प्रतिष्ठा का सवाल बन चुका है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।