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Bihar Politics: बिहार में कांग्रेस को बड़ा झटका, इस नेता ने छोड़ी पार्टी; पिता इंदिरा गांधी के करीबी रहे थे

बक्सर के पूर्व सांसद केके तिवारी के बेटे तथागत हर्षवर्द्धन ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व ने पार्टी हित से ऊपर अपने निजी हितों को रखा है। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में कांग्रेस विपक्ष में होते हुए भी कई मुद्दों पर मूक है। हालांकि अब पार्टी ने भी तथागत पर पलटवार किया है।

By Arvind Tiwari Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Sat, 28 Sep 2024 11:45 AM (IST)
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बिहार कांग्रेस के नेता तथागत ने छोड़ी पार्टी (जागरण)
जागरण संवाददाता, बक्सर। Bihar Political News Today: इंदिरा गांधी के करीबी रहे बक्सर के पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री केके तिवारी के बेटे तथागत हर्षवर्द्धन ने शुक्रवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया। वह जिला कांग्रेस कमिटी के पूर्व अध्यक्ष भी रहे हैं। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से लगभग दो दर्जन पार्टी समर्थकों के साथ त्यागपत्र दे दिया।

इसकी जानकारी उन्होंने नगर की गाेयल धर्मशाला में प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व ने दुराग्रही सोच तथा निजी पसंद को पार्टी हित से ऊपर रखकर पार्टी के सिद्धांतों को नेस्तनाबूद कर दिया है। ऐसी स्थिति में अब वर्तमान बिहार प्रदेश नेतृत्व के साथ रहना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि पीढ़ियों से कांग्रेस के साथ जुड़े रहे हैं।

कांग्रेस पार्टी कई मुद्दों पर मूक: तथागत

बिहार में वर्तमान प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व विपक्ष में होते हुए भी स्थानीय नीति, नियोजन नीति, पलायन, बेरोजगारी तथा विस्थापन जैसी ज्वलंत मुद्दों पर मूक है। कोई गंभीर प्रयास नहीं कर पार्टी की अस्मिता को ही गिरवी रख दिया गया है। पार्टी का कोई संगठनात्मक स्वरूप प्रदेश में शेष नहीं है।

इसी परिस्थितिवश आज पार्टी मात्र सहयोगी दल के सेवक की भूमिका का निर्वाह करने को अभिशप्त है। प्रेस वार्ता के दाैरान पूर्व विधायक श्रीकांत पाठक, प्रवक्ता बजरंगी मिश्रा, साधना पांडेय, धनजी पांडेय, राहुल आनंद, अंशु कुमार, आशीष तिवारी, राघवेंद्र मिश्रा, मणीशंकर पांडेय समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।

कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने कसा तंज

इधर जिला कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष डा. मनोज पांडे ने तथागत पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब नौ साल तक जिला कांग्रेस के अध्यक्ष थे, तो पार्टी उनके लिए अच्छी थी। अध्यक्ष का पद छूटने के एक साल के अंदर पार्टी उन्हें खराब लगने लगी। इनके परिवार के लोग इसी पार्टी के माध्यम से केंद्रीय मंत्री बने और आज भी उसका लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने पार्टी हित में कभी भी कार्य नहीं किया। हमेशा अपने हित के बारे में सोचते रहे।

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