Move to Jagran APP

Flood in Bihar सबकुछ तबाह करता तेजी से आगे बढ़ रहा कोसी बराज का पानी, गांव-घर से लेकर फसल तक हो रहे तहस-नहस

बिहार में बाढ़ का कहर जारी है। कोसी बराज से 6 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने से मधेपुरा जिले के आलमनगर और चौसा प्रखंड में बाढ़ की स्थिति बन गई है। पानी तेजी से बढ़ रहा है और कई गांव डूबने के कगार पर हैं। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा है।

By Vinod Kr Vinit Edited By: Mohit Tripathi Updated: Mon, 30 Sep 2024 04:22 PM (IST)
Hero Image
तेज रफ्तार के साथ खेतों के रास्ते गांवों तक पहुंच रहा बाढ़ का पानी। (फाइल फोटो)
संवाद सूत्र, उदाकिशुनगंज (मधेपुरा)। बिहार का शोक कही जाने वाली कोसी नदी राज्य में एक बार फिर भीषण तबाही मचा रही है। वीरपुर के कोसी बराज से छह लाख अधिक क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। बराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं। 56 साल का रिकॉर्ड टूटने की कगार पर है। जिधर से भी कोसी बराज का यह पानी गुजर रहा है, उधर सिर्फ तबाही का मंजर दिखाई दे रहा है।

इधर कोसी बराज का पानी मधेपुरा जिले के आलमनगर और चौसा प्रखंड से गुजरने वाली कोसी नदी में पहुंच गया है। पानी की काफी रफ्तार तेज है। इसका असर नीचले इलाकों में दिखने लगा है। पानी खेतों के रास्ते गांव तक पहुंच रहा है। कई गांव डूबने की कगार पर हैं।

ग्रामीणों को बाढ़ का डर लोगों को सताने लगा है। आपदा को देखते हुए प्रशासन और लोग अलर्ट है। कोसी बराज से अधिक पानी छोड़े जाने से उत्पन्न बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने मुक्कमल तैयारियां की है। बचाव को लेकर प्रशासनिक व्यवस्था की कवायद जारी है।

अधिकारी संभावित बाढ़ इलाकों पर नजर बनाए हुए हैं। क्षेत्र के अधिकारी संभावित इलाकों का लगातार दौरा कर रहे हैं। खासकर अनुमंडल के चौसा और आलमनगर प्रखंड क्षेत्र के अधिकारियों को विशेष चौकसी बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

अलर्ट पर अधिकारी

उदाकिशुनगंज के एसडीएम एसजेड हसन खुद क्षेत्र पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने बताया कि संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए संबंधित विभागों के अधिकारियों को चौकसी बरतने को कहा गया है।

इसके साथ ही, आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिया गया है। इस कार्य में किसी भी प्रकार की चूक नहीं होने चाहिए। इसके लिए सभी को सख्त हिदायत दी गई है।

कोसी बराज से छोड़ा गया 6 लाख क्यूसेक पानी

बता दें कि शनिवार को नेपाल के तराई क्षेत्र में अधिक वर्षा होने और वीरपुर के कोसी बराज से छह लाख से अधिक क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद इलाके के लोगों को अलर्ट किया गया।

इस वजह से आपदा की संभावना जताई गई है। यद्यपि रविवार को बराज के पानी में कमी आई। लेकिन लोगों का भय कम नहीं हुआ है।

आलमनगर और चौसा में हर साल आती है तबाही

कोसी मधेपुरा के आलमनगर और चौसा प्रखंड क्षेत्र में हर साल बाढ़ तबाही मचाती है। लोगों का कहना है बराज से पानी छोड़ने पर इस इलाके में पानी पहुंचने में दो दिन का वक्त लग जाता है। वैसे पानी का रफ्तार रविवार को ही दिखाई देने लगा है। कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि पानी तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। कई गांवों में पानी घुसने का खतरा मंडरा रहा। रफ्तार बढ़ने के साथ तबाही मचाएगी। इससे बड़ी आबादी प्रभावित होगी।

अधिकारियों को उनके कार्य-योजना तैयार करने का आदेश

आपदाओं को देखते हुए विभिन्न विभागों के अधिकारियों को उनके कार्य-योजना तय कर दिए गए हैं। मनरेगा विभाग के अधिकारियों को इलाके सड़क व्यवस्था सुदृढ़ रखने को कहा गया है। बोरे में मिट्टी भर कर प्रर्याप्त मात्रा में रखेंगे। ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारी सभी सड़क को दुरूस्त कराएंगे। वहीं आवागमन बाधित नहीं होने को लेकर जरूरी निर्देश दिए गए हैं।

पीएचईडी विभाग जगह जगह पीने के लिए चापानल की व्यवस्था करेंगे। सभी चापानल में आयरन मुक्त टेबलेट देंगे। टेबलेट की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग करेंगे। सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया गया है।

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारीयों से कहा गया कि वह स्वस्थ्य कमेटी का गठन कर लें। खासकर आलमनगर के सोनामुखी और चौसा के फुलौत में अनवरत रूप से स्वस्थ्य व्यवस्था काम करना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारी इलाके में जीवन रक्षक दवाईयों के साथ मौजूद रहेंगे।

पशुपालन विभाग क्षेत्र के सभी पशुपालकों की सूची तैयार कर लें। पशु चारा की समुचित व्यवस्था कर रखें। बिजली विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि आपदाग्रस्त क्षेत्रों में निर्वाध रूप से विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित कराएं। व्यवस्था को सुदृढ़ कर लेने का निर्देश दिया गया है।

अंचलाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि इलाके में ऊंचे स्थल का चयन करते हुए कम्यूनिटी कीचन सेंटर की व्यवस्था करें। मानव रक्षक आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करें। वर्तमान समय में उपलब्ध नाव के अलावा अतिरिक्त नाव की व्यवस्था करने को कहा गया है।

दहशत में कट रही दिन व रात

बाढ़ के खतरे को लेकर अनुमंडल के आलमनगर और चौसा प्रखंड क्षेत्र के गांव के लोग दहशत के सांए में है। लोगों की दिन और रात मुश्किल से कट रही है। अनहोनी की आशंका सहमें लोग मन में तरह तरह की बात सोच रहे हैं।

लोगों का कहना है कि कब क्या हो जाए पता नहीं है। लोगों का कहना है कि शनिवार को जो पानी छोड़ा गया उससे बाढ़ का आना तय है। इससे बर्बादी होगी ही।

बताते चलें कि चौसा और आलमनगर के नीचले इलाके में हर साल बाढ़ तबाही मचाती है। इस बार वक्त बितने के साथ बाढ़ नहीं आने पर लोग राहत महसूस कर रहे थे। अचानक शनिवार को कोसी बराज में अत्यधिक पानी छोड़े जाने के बाद लोग एक बार फिर दहशत में आ गए।

हमारी नियति बन चुका है बाढ़

इलाके के गांव के लोगों की मानें तो, बाढ़ उनके लिए नियति बन चुका है। इस बार ज्यादा भय इसलिए है कि कोसी बराज से शनिवार को करीब छह लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ने की बात सामने आई है। जबकि, इतने बड़े पैमाने पर छह दशक के करीब बाद पानी छोड़ा गया।

लोग अपने माल मवेशी को ऊंचे स्थान पर पहुंचा रहे हैं। लोगों को इस बात का अंदाजा नहीं है कि पानी का दायरा कितने दूर तक बढ़ेगा। जबकि, इलाके के लोग हर साल के बाढ़ का अनुमान लगा चुके हैं।

पिछले वर्षों में आई बाढ़ से लोगों को पानी के दायरे का अनुभव है। यद्यपि, इस बार लोग पानी को लेकर सकते में हैं। वजह, हर साल जब कोसी रोद्र रूप दिखाती है तो, एक ही झटके में सबकुछ समा कर ले जाती है। इस बार की बात तो और ही अलग है।

इन इलाकों में हर साल आती है तबाही

कोसी नदी से सटे आलमनगर का मुरौत, खापुर, रतवारा, कपसिया, गंगापुर, सोनामुखी चौसा प्रखंड का फुलौत, बीड़ी खाल, चिरौरी, पैना, मोरसंडा आदि गांव है। जहां हर साल तबाही मचती है।

लोगों ने बताया कि अभी प्रशासनिक व्यवस्था नहीं दिख रही है। इस वजह से खुद से व्यवस्था में जुटे हुए हैं। मवेशी के चारा को लेकर विशेष परेशानी है। खाने-पीने और रहने की भी दिक्कतें होगी। प्रशासन को चाहिए की मुकम्मल व्यवस्था करें।

यह भी पढ़ें: Bihar Food Alert: बिहार में बाढ़ से तबाही... 5 लोग डूबे, पानी में घिरे SP-DM; कई तटबंध टूटने से मचा हाहाकार

Bihar Flood: जल प्रलय से निपटने पानी में उतरी NDRF 11 टीम, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद ने संभाला मोर्चा

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।