उक्त बातें सोमवार को अपने कार्यालय कक्ष में प्रेसवार्ता करते हुए पुलिस अधीक्षक (एसपी) सुशील कुमार ने कहीं।उन्होंने बताया कि नामजद अभियुक्त ललित राम का अपहरण करने तथा विधि व्यवस्था भंग करने के आरोपित मनोज के विरुद्ध बाबूबरही थानाध्यक्ष चंद्रमणि के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
गिरफ्तार करने गई पुलिस, लाठी-डंडे के साथ खड़े थे लोग
एसपी ने बताया कि थानाध्यक्ष को गुप्त सूचना मिली कि मनोज अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाला है। इस पर सदर एसडीपीओ टू मनोज राम के नेतृत्व में टीम गिरफ्तारी के लिए गई।वहां पहले से ही लगभग पांच दर्जन महिला पुरुष लाठी-डंडा, मिर्च पाउडर सहित अन्य हथियार लेकर खड़े थे। पुलिस को देखते ही मनोज ने इनको आदेश दिया कि पुलिस मुझे गिरफ्तार करने आई है, इन्हें बुरी तरह मारो-पीटो।
इस बीच मौके का फायदा उठाते हुए मनोज भाग निकला। उक्त घटना को लेकर बाबूबरही थाने में एक और प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस मनोज का पीछा करते हुए सोनपताही सर्रा पहुंच गई, जहां उसके आवास से गिरफ्तार किया गया।
फर्जी सिमों से करता था ठगी व धोखाधड़ी
पूछताछ में यह बात सामने आई कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कई फर्जी सिम कार्ड निकाल रखे हैं, जिसका उपयोग ठगी एवं धोखाधड़ी में की है। उक्त मामले को लेकर एक और प्राथमिकी दर्ज की गई है।
मनोज के विरुद्ध विभिन्न राज्यों के थानों में एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। आधा दर्जन मामला बाबूबरही थाने में दर्ज हैं।चंडीगढ़ सेक्टर 17, समराला लुधियाना, अंबाला थाना, शिवाजी नगर गुरुग्राम, पार्लियामेंट स्ट्रीट थाना, नगर थाना दरभंगा, लहरियासराय थाना दरभंगा तथा नगर थाना मधुबनी सहित अन्य दूसरे राज्यों में भी मामले दर्ज हैं।
महाठगी का नटवरलाल
मनोज विभिन्न राज्यों में बड़े-बड़े ठगी का काम करता था। इस कारण हरियाणा, दिल्ली एवं पंजाब सहित अन्य राज्यों में वह नटवरलाल के रूप में प्रसिद्ध होने लगा था।
उसने अपने एक मोबाइल नंबर के वाट्सऐप डीपी और प्रोफाइल फोटो सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस का बना रखा है।बता दें कि 10 फरवरी 2015 को मनोज ने एडीजे अमरजीत एवं सुप्रीम कोर्ट के जज के नाम से हरियाणा, अंबाला सिटी के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दंडाधिकारी आशुतोष जैन को ठगने का प्रयास किया था। उक्त मामले में भिवानी पुलिस की इकोनॉमिक सेल ने कोलकाता से मनोज गिरफ्तार किया था।
जा चुका है तिहाड़ जेल
एसपी ने बताया कि महज 12वीं पास मनोज ने वर्ष 2015 में निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ा था। वर्ष 1999 में दिल्ली के चाणक्यपुरी शांति पथ में स्थित अलग-अलग विदेशी दूतावास से ठगी का खेल शुरू किया था।
वीजा लगाने के नाम पर हाई प्रोफाइल कंपनी और बड़े-बड़े संस्थानों के कर्मचारी एवं अधिकारियों को भी ठगी का शिकार बना चुका है।चाणक्यपुरी पुलिस स्टेशन और इंटेलिजेंस विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए उस वक्त मनोज को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेजा था।
मसाला कंपनी के नाम से शुरू फिर शुरू किया ठगी का धंधा
जेल से आने के बाद पान मसाला प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम पर ठगी शुरू कर दी थी। नोएडा एवं गाजियाबाद के डीएम को न्यायाधीश का रिश्तेदार बताकर डराने-धमकाने का काम किया था।
मनोज सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की फोटो अपने वॉट्सऐप डीपी पर लगाकर अधिकारियों को मैसेज करता और अपनी ठगी का शिकार बनाने का प्रयास करता रहा है।
एनएचएआई चेयरमैन बनकर ठगे 80 लाख रुपये
वर्ष 2021 में उसने खुद को नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया का चेयरमैन बताकर 80 लाख की ठगी की थी। उक्त मामले में सीबीआइ ने मनोज को 200 सिम कार्ड सहित अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ गिरफ्तार किया था।
मनोज ने कभी विद्युत विभाग के सेक्रेटरी तो कभी किसी अन्य विभाग का वरीय अधिकारी बनकर विभिन्न राज्यों में करोड़ों की ठगी कर संपत्ति अर्जित की है। इसके बारे में और जानकारी एकत्रित की जा रही हैं।
यह भी पढ़ें: 'तुम पति को टेंशन काहे देती हो, हमें को-ऑपरेट करो...'; महिला का दारोगा पर गंभीर आरोप; सामने आया ऑडियो
Mukesh Sahani: थानेदार ने VIP सुप्रीमो मुकेश सहनी को दी भद्दी गालियां, ऑडियो वायरल; SP ने दिए जांच के आदेश