Navratri Day 3 Puja Vidhi: मां चंद्रघंटा की पूजा कैसे करें? इस मंत्र और पूजा विधि से मनोकामना जरूर होगी पूर्ण
Maa Chandraghanta Puja Vidhi नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा भक्तों के लिए बहुत ही अधिक खास होता है। नौ दिनों तक पूरी तरह से भक्तिमय होकर माते के 9 स्वरूप की पूजा की जाती है। नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना होती है। मां चंद्रघंटा मां दुर्गा का तीसरा स्वरूप हैं। ऐसी मान्यता है कि मां अपने भक्तों से प्रसन्न होकर शांति और समृद्धि प्रदान करती हैं।
संवाद सूत्र, रजौली (नवादा)।
शनिवार को नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना होगी। देवी का स्वरूप अति रमणीय और भव्य है। ब्रह्म का अर्थ है तप यानी ये तप करने वाली देवी हैं। नारद जी के कहने पर इन्होंने कई हजार वर्षों तक भगवान शिव के लिए तपस्या की थी। तपोमय आचरण करने के फलस्वरूप इनका नाम ’ब्रह्मचारिणी’ हो गया।
देवी चंद्रघंटा की पूजा से मिलती है आध्यात्मिक शक्ति
आचार्य पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि देवी चंद्रघंटा की पूजा और भक्ति करने से आध्यात्मिक शक्ति मिलती है। बताया कि नवरात्रि के तीसरे दिन जो भी माता के तीसरे रूप मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना करता है, उन सभी को माता की कृपा प्राप्त होती है।नवरात्रि के तीसरे दिन माता की पूजा के लिए सबसे पहले कलश की पूजा करके सभी देवी देवताओं और माता के परिवार के देवता, गणेश, लक्ष्मी, विजया, कार्तिकेय, देवी सरस्वती एवं जया नामक योगिनी की पूजा करें। इसके बाद फिर मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना करें।
इन मंत्रों का करें जाप
या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।पिण्डज प्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते महयं चन्द्रघण्टेति विश्रुता।।
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