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Navratri Day 3 Puja Vidhi: मां चंद्रघंटा की पूजा कैसे करें? इस मंत्र और पूजा विधि से मनोकामना जरूर होगी पूर्ण

Maa Chandraghanta Puja Vidhi नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा भक्तों के लिए बहुत ही अधिक खास होता है। नौ दिनों तक पूरी तरह से भक्तिमय होकर माते के 9 स्वरूप की पूजा की जाती है। नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना होती है। मां चंद्रघंटा मां दुर्गा का तीसरा स्वरूप हैं। ऐसी मान्यता है कि मां अपने भक्तों से प्रसन्न होकर शांति और समृद्धि प्रदान करती हैं।

By Pawan Singh Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Sat, 05 Oct 2024 10:10 AM (IST)
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मां चंद्रघंटा की पूजा विधि (जागरण फोटो)
 संवाद सूत्र, रजौली (नवादा)।  शनिवार को नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना होगी। देवी का स्वरूप अति रमणीय और भव्य है। ब्रह्म का अर्थ है तप यानी ये तप करने वाली देवी हैं। नारद जी के कहने पर इन्होंने कई हजार वर्षों तक भगवान शिव के लिए तपस्या की थी। तपोमय आचरण करने के फलस्वरूप इनका नाम ’ब्रह्मचारिणी’ हो गया।

माता के एक हाथ में कमण्डल और एक में जप करने हेतु माला है। वह प्रत्येक काम में सफलता प्रदान करती हैं। नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप देवी चंद्रघंटा की आराधना की जाएगी। पूजा पर बैठे श्रद्धालु राहुल कुमार ने बताया कि देवी चंद्रघंटा पार्वती माता का विवाहित रूप हैं।

उन्होंने शिव जी से विवाह करने के बाद माथे पर आधा चंद्रमा सजाना शुरू कर दिया था। इसलिए उन्हें मां चंद्रघंटा कहा जाता है। बात देवी के रूप की करें, तों उनका स्वरूप मन मोह लेने वाला है। वह हाथों में त्रिशूल, गदा, तलवार, बाण, धनुष, कमंडल व कमल का फूल रखती हैं। रजौली में हर तरफ पूजा अर्चना होने से माहौल भक्तिमय हो गया है।

देवी चंद्रघंटा की पूजा से मिलती है आध्यात्मिक शक्ति

आचार्य पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि देवी चंद्रघंटा की पूजा और भक्ति करने से आध्यात्मिक शक्ति मिलती है। बताया कि नवरात्रि के तीसरे दिन जो भी माता के तीसरे रूप मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना करता है, उन सभी को माता की कृपा प्राप्त होती है।

नवरात्रि के तीसरे दिन माता की पूजा के लिए सबसे पहले कलश की पूजा करके सभी देवी देवताओं और माता के परिवार के देवता, गणेश, लक्ष्मी, विजया, कार्तिकेय, देवी सरस्वती एवं जया नामक योगिनी की पूजा करें। इसके बाद फिर मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना करें।

इन मंत्रों का करें जाप

या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

पिण्डज प्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते महयं चन्द्रघण्टेति विश्रुता।।

खीर का लगाएं भोग

नवरात्रि के तीसरे दिन माता की पूजा करते समय माता को दूध या दूध से बनी मिठाई और खीर का भोग लगाया जाता है। मां को भोग लगाने के बाद दूध का दान भी किया जा सकता है और ब्राह्मण को भोजन करवा कर दक्षिणा दान में दें। माता चंद्रघंटा को शहद का भोग भी लगाया जाता है।

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