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राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को दे दिया नया निर्देश, 31 दिसंबर तक पूरा करना होगा यह काम

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने अधिकारियों से कहा है कि वे आम लोगों की समस्याओं के निदान पर जोर दें सिर्फ उपलब्धियों का आंकड़ा नहीं जुटाएं। उन्होंने भू अर्जन निदेशालय की समीक्षा बैठक में यह बात कही। अपर मुख्य सचिव ने डाटा इंट्री ऑपरेटरों की कमी की शिकायत पर कहा कि इनके रिक्त पद जल्द भरे जाएं।

By Arun Ashesh Edited By: Mukul Kumar Updated: Mon, 18 Nov 2024 04:05 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने अधिकारियों से कहा है कि वे सिर्फ उपलब्धियों का आंकड़ा नहीं जुटाएं, आम लोगों की समस्याओं के निदान पर जोर दें। वे साेमवार को भू अर्जन निदेशालय की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कुछ जिलों में डाटा इंट्री ऑपरेटरों की कमी की शिकायत पर कहा कि इनके रिक्त पद जल्द भरे जाएं। बैठक में पिछली बैठकों के निर्णयों के कार्यान्वयन की समीक्षा की गई।

भू अर्जन निदेशालय की ओर से एमआईएस (मैनेजमेंट इंफारमेशन सिस्टम) पोर्टल विकसित किया गया है। ताकि जिला भू अर्जन कार्यालयों में की जा रही भू अर्जन संबंधित कार्यवाही की जानकारी विभाग को तुरंत प्राप्त हो सके। अभी इस पोर्टल पर जिला भू अर्जन कार्यालयों की ओर से परियोजनाओं की जानकारी अपलोड की जा रही है।

हर जिले में भू अर्जन कार्यालय को दिए जा रहे दो लैपटॉप 

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि एमआईएस पोर्टल का सफलता पूर्वक संचालन हमारी मुख्य प्राथमिकता है। बैठक में बताया गया कि विभाग द्वारा प्रत्येक जिले के भू अर्जन कार्यालय को दो लैपटॉप दिए जा रहे हैं।

भू अर्जन निदेशालय द्वारा नियमित रूप से जिलावार वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भू अर्जन पदाधिकारियों के साथ बैठक की जाती है। इसका उद्देश्य जिला स्तर पर भू अर्जन संबंधित कार्यों की प्रगति की समीक्षा करना है।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि जिलावार समीक्षा के क्रम में समस्याओं के निदान पर ध्यान केंद्रीत करें। अपर मुख्य सचिव ने मुख्यालय स्तर के सभी अभिलेखों की स्कैनिंग कर 31 दिसंबर तक भू- अभिलेखों के डिजिटलाइजेशन का कार्य पूरा करने का निर्देश दिया।

बैठक में भू अर्जन के निदेशक कमलेश कुमार सिंह तथा सहायक निदेशक सह संयुक्त सचिव आजीव वत्सराज सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

खेल मैदान के लिए भूमि नहीं तो सीओ और कार्यपालक अभियंता को देना होगा प्रमाण पत्र

मनरेगा के तहत राज्य की सभी पंचायतों में खेल मैदान विकसित किया जाना है। ताकि ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभा को बेहतर प्लेटफार्म विभिन्न खेल प्रतियोगिता की तैयारी करने के लिए मिल सके। जिले में सकरा प्रखंड की विशुनपुर बघनगरी पंचायत में एक एकड़ भूमि पर खेल मैदान विकसित किया गया है।

हालांकि, अन्य पंचायतों में इसकी प्रक्रिया चल रही है तो कई जगहों पर भूमि की अनुपलब्धता के कारण योजना धरातल पर नहीं उतर सकी है। राज्य से अब तक 6324 स्थलों का चयन करते हुए ग्रामीण विकास विभाग को सूची भेजी गई है।

इसमें से चार एकड़ तक के बड़े खेल मैदान के लिए 1272 स्थल, एक से डेढ़ एकड़ तक के 2121 और एक एकड़ से कम के लिए 2931 स्थल चिह्नित कर भेजे गए हैं। विभाग के की आयुक्त अभिलाषा कुमारी शर्मा ने सभी जिलाधिकारी और उप विकास आयुक्त को पत्र भेजकर वस्तुस्थिति की जानकारी दी है।

उन्होंने कहा है कि जिन पंचायतों में खेल भूमि अनुपलब्ध होने की रिपोर्ट दी जा रही है, वहां के संबंधित सीओ और कार्यक्रम पदाधिकारी से इस आशय का प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से लें। जिसमें यह लिखा होना चाहिए चार एकड़, एक से डेढ़ एकड़ और एक एकड़ से कम सरकारी भूमि उपलब्ध नहीं है।

इसके बाद अपने स्तर से इसकी समीक्षा और सत्यापन करें। अगर रिपोर्ट गलत पाई गई तो संबंधितों पर कार्रवाई करने को कहा गया है।

फुटबॉल और बास्केटबॉल कोर्ट समेत अन्य का नक्शा तैयार कर भेजा

ग्रामीण विकास विभाग की ओर से खेल मैदान का नक्शा तैयार कर सभी जिलों को भेजा गया है। इसी अनुसार भूमि चिह्नित करने को कहा गया है। चार एकड़ वाले मैदान में रनिंग ट्रैक, फुटबाल कोर्ट, बास्केटबाल कोर्ट, खोखो, बैडमिंटन कोर्ट, कबड्डी मैदान के साथ लांग जंप और हाई जंप के लिए ढ़ाचा तैयार करने को कहा गया है।

छोटे मैदान में चार प्रकार के खेलों की व्यवस्था रहेगी। इसमें वालीबाल, बास्केटबाल, बैडमिंटन और रनिंग ट्रैक शामिल है। आयुक्त ने जिलों के संबंधित पदाधिकारियों ने शेष स्थलों का चयन कर शीघ्र रिपोर्ट भेजने को कहा है। ताकि उसी अनुसार आगे की प्रक्रिया पूरी की जा सके।

17 लाख रुपये से अधिक किए जाएंगे खर्च

एक खेल मैदान को विकसित करने में करीब 17 लाख रुपये से अधिक खर्च किया जाना है। इसके तहत मैदान के चारों ओर पौधे भी लगाए जाएंगे। ताकि पर्यावरण की शुद्धता बनी रहे। इसके अलावा ओपेन जिम और चेंजिंग रूम के साथ महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय का भी निर्माण किया जाएगा।

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