रामगढ़ और तरारी सीट पर BJP ने राजद-माले को कैसे किया चित? पीछे से 2 बड़े नेता कर रहे थे फील्डिंग, ऐसी रही रणनीति
भाजपा ने बिहार की उपचुनाव वाली दो सीटों पर अपना कब्जा जमाया है। पहले दोनों सीट महागठबंधन के खाते में थी। रामगढ़ सीट से पहले राजद के सुधाकर सिंह विधायक थे। वहीं तरारी सीट से माले के सुदामा प्रसाद लगातार दो बार से जीत रहे थे। हालांकि इस बार बाजी पलट गई। दोनों सीट भाजपा के खाते में चली गई।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में हुए विधानसभा उप चुनाव में शत प्रतिशत सफलता प्राप्त करने के साथ ही भाजपा की जीत के कर्णधारों का कद भी बढ़ने की संभावना प्रबल हो गई है। इसमें तरारी सीट पर भाकपा (माले) के गढ़ एवं वैश्य समाज के बीच पैठ बनाने में विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी एवं पंचायती राज मंत्री केदार गुप्ता की भूमिका अहम रही।
इसी तरह रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में श्रम संसाधन मंत्री संतोष सिंह चक्रव्यूह रचने में सफल रहे। केदार एवं संतोष के साथ भाजपा के प्रदेश संगठन एवं सरकार में सम्मिलित अन्य मंत्रियों का चुनावी प्रबंधन भी पार्टी की कसौटी पर खरी उतरी। इसमें कई नाम सम्मिलित हैं।
भाजपा की ओर से पार्टी की दोनों सीटों के अतिरिक्त बेलागंज एवं इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में नीतीश सरकार में सम्मिलित अन्य मंत्रियों को भी लगाया गया था।
वैश्य समाज में बढ़ी गुप्ता की लोकप्रियता
भाजपा ने तरारी में आरा सांसद सुदामा प्रसाद की लोकप्रियता एवं वामदल कैडर वोटर को साधने के लिए वैश्य समाज के नेता एवं पंचायती राज मंत्री केदार गुप्ता को उतारा था।गुप्ता ने वैश्य समाज के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपलब्धियों को गिनाने के साथ ही डबल इंजन सरकार के कामकाज को भी भरसक भुनाने का प्रयास किया। इसका सुफल भी भाजपा प्रत्याशी विशाल प्रशांत को मिला।
लोकसभा चुनाव के समय इस विधानसभा क्षेत्र में जहां पांच हजार से अधिक मतों से भाजपा की हार हुई थी। वहीं, विधानसभा उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी ने दस हजार से अधिक मतों से जीत का परचम लहराया।
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