Bihar Land Mutation: समय पर नहीं हो रहा म्यूटेशन अपील का निपटारा, DCLR की बन रही लिस्ट; होगी कार्रवाई
बिहार में भूमि सुधार उप समाहर्ता (डीसीएलआर) के स्तर पर म्यूटेशन अपील के निपटारे में देरी एक गंभीर समस्या बन गई है। किसी भी डीसीएलआर ने अक्टूबर महीने में अपना 60 प्रतिशत लक्ष्य भी पूरा नहीं किया है। विभाग पिछड़े डीसीएलआर की सूची बना रहा है और प्रमंडलीय आयुक्तों को कार्यालयों के नियमित निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं। म्यूटेशन अपील के निबटारे में पिछड़े डीसीएलआर पर कार्रवाई होगी।
राज्य ब्यूरो, पटना। भूमि सुधार उप समाहर्ता (डीसीएलआर) के स्तर पर म्युटेशन अपील (Bihar Land Mutation) का निपटारा न होना राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के लिए सिरदर्द बन गया है। अक्टूबर महीने की रिपोर्ट में देखा गया कि किसी भी डीसीएलआर ने इस मामले में अपना 60 प्रतिशत लक्ष्य भी पूरा नहीं किया है। विभाग अपने स्तर पर पिछड़े डीसीएलआर की सूची बना रहा है।
दूसरी तरफ, अपर मुख्य सचिव ने सभी प्रमंडलीय आयुक्तों को पत्र लिखकर डीसीएलआर के कार्यालयों का नियमित निरीक्षण के लिए कहा है। प्रमंडलीय आयुक्त की रिपोर्ट और विभाग की अपनी छानबीन के आधार पर म्यूटेशन अपील के निबटारे में पिछड़े डीसीएलआर पर कार्रवाई होगी।
डीसीएलआर को 30 दिनों के डेडलाइन
नियम के अनुसार, किसी भी डीसीएलआर के लिए म्यूटेशन अपील का निपटारा 30 दिनों में करना बाध्यकारी है। अक्टूबर की डीसीएलआर की परफॉर्मेंस रिपोर्ट में शेखपुरा अनंमंडल को शीर्ष स्थान मिला था, लेकिन म्यूटेशन अपील के निबटारे में उसे सौ में 45.77 अंक मिले। संपूर्ण उपलब्धियों के हिसाब से अक्टूबर में एक से 10 के बीच जिन अनुमंडलों को स्थान मिला, ये हैं-शेखपुरा, बांका, तारापुर, निर्मली ,बेलसंड, हाजीपुर, बेगूसराय, पटोरी, त्रिवेणीगंज, सिमरी बख्तियारपुर।इनमें तारापुर अनुमंडल की उपलब्धि ठीक है। इस अनुमंडल में म्युटेशन के म्युटेशन अपील के 82.38 प्रतिशत मामलों का निष्पादन किया गया।कुछ ऐसे भी अनुमंडल हैं, जिनकी उपलब्ध 10 प्रतिशत से भी कम है। सीमामढ़ी के बेलसंड की उपलब्धि सिर्फ 9.61 प्रतिशत है।म्यूटेशन के मामलों के निष्पादन में देरी का खराब असर भूमि सर्वेक्षण पर भी पड़ रहा है। विभाग ने नवंबर तक चार लाख से अधिक लंबित मामलों के निबटारे का आदेश दिया है। समय समाप्त होने के बाद समीक्षा होगी कि लक्ष्य पूरा हुआ है या नहीं। यह भी सीओ और डीसीएलआर के विरूद्ध कार्रवाई का आधार बनेगा।
जमानत पर जेल से बाहर आए डीसीएलआर फिर हुए निलंबित
जमानत पर जेल से बाहर आए सिवान जिले के महाराजगंज के तत्कालीन भूूमि सुधार उप समाहर्ता राम रंजन सिंह को फिर से निलंबित कर दिया है। सिवान के जिला पदाधिकारी की अनुशंसा पर सामान्य प्रशासन विभाग ने यह कार्रवाई की है। भूमि सुधार उप समाहर्ता को विशेष निगरानी इकाई की टीम ने तीन सितंबर को उनके आवास से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उन पर रिश्वत मांगने का आरोप था।
सिंह को विजिलेंस के स्पेशल जज ने 19 अक्टूबर को जमानत पर रिहा कर दिया।वह अगले दिन जेल से निकले। 21 अक्टूबर को सामान्य प्रशासन विभाग में योगदान किया। जेल अवधि में उन्हें निलंबित रखा गया था। विभाग में योगदान के बाद फिर उन्हें निलंबित कर दिया गया। निलंबन अवधि में वे सारण के प्रमंडल आयुक्त के कार्यालय से संबद्ध रहेंगे। इसबीच विभाग ने उनके विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई शुरू कर दी है।
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