Bihar Promotion News: बिहार राजस्व सेवा के अधिकारियों का इंतजार जारी, प्रमोशन के बाद भी नहीं मिली DCLR की पोस्ट
बिहार राजस्व सेवा के अधिकारियों को प्रमोशन के बाद भी डीसीएलआर और जिला भू अर्जन पदाधिकारी नहीं बनाया गया है। राजस्व सेवा संघ में इसको लेकर नाराजगी है। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने इस साल 19 जून को सरकार को एक पत्र लिखा था। इसमें राजस्व सेवा के अधिकारियों को डीसीएलआर और जिला भू अर्जन पदाधिकारी पद पर तैनात करने की अनुशंसा की गई थी।
राज्य ब्यूरो, पटना। साल भर पहले प्रोन्नति मिलने के बाद भी बिहार राजस्व सेवा के अधिकारियों को भूमि सुधार उप समाहर्ता (डीसीएलआर) और जिला भू अर्जन पदाधिकारी नहीं बनाया गया। मंगलवार को राज्य के आठ अनुमंडलों में नए डीसीएलआर की तैनाती हुई है। इनमें राजस्व सेवा के एक भी अधिकारी नहीं है। राजस्व सेवा संघ में नाराजगी है।
बिहार राजस्व सेवा का गठन 2010 में किया गया था। सरकार ने इस सेवा के अधिकारियों को 2023 में प्रोन्नति दी। विभागीय मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल (Dilip Kumar Jaiswal) ने इस साल 19 जून को सरकार को एक पत्र लिखा था। इसमें राजस्व सेवा के अधिकारियों को डीसीएलआर और जिला भू अर्जन पदाधिकारी पद पर तैनात करने की अनुशंसा की गई थी। पत्र में उन्होंने सरकार के 2010 के एक संकल्प का भी उदाहरण दिया था।
मंत्री जायसवाल के पत्र में क्या लिखा है?
इसमें लिखा है- जब तक अन्य विभागीय संवर्गों में प्रोन्नति के लिए चिह्नित पदों पर उस संवर्ग के निम्नतर ग्रेड में कार्यरत अधिकारी निर्धारित कालावधि पूर्ण कर प्रोन्नत नहीं हो जाते हैं, तब तक उन सेवाओं के पदों पर बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी औपबंधिक रूप से पदस्थापित किए जाते रहेंगे।
पत्र में इसी आधार पर राजस्व सेवा के अधिकारियों को डीसीएलआर और जिला भू अर्जन पदाधिकारी के पद पर तैनात करने की अनुशंसा की गई थी। तर्क यह कि राजस्व सेवा के अधिकारी प्रोन्नति पाकर समकक्ष पदों तक पहुंच गए हैं। इसलिए इन्हें तैनात किया जाए। मंत्री के पत्र में विधानसभा के बजट सत्र की भी चर्चा की गई है।
लिखा है- सदन में कई सदस्यों ने राजस्व सेवा के अधिकारियों को डीसीएलआर और जिला भू अर्जन पदाधिकारी बनाने की मांग की थी। सामान्य प्रशासन विभाग के प्रभारी मंत्री की हैसियत से विजय कुमार चौधरी ने कहा था कि चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के बाद राजस्व सेवा के नव प्रोन्नत अधिकारियों को पदस्थापित कर दिया जाएगा।
अंचलाधिकारी जमीन से जुड़े मामलों में न्यायिक निर्णय भी लेते हैं। उनके निर्णयों की गुणवत्ता की सुनवाई डीसीएलआर करते हैं। इन पदों पर तैनात बिप्रसे के अधिकारियों को जमीन से जुड़े कानूनों की जानकारी नहीं रहती है। इसके कारण मामलों के निष्पादन में देरी होती है। राजस्व सेवा के अधिकारी अगर डीसीएलआर बनते हैं तो जमीन से जुड़े विवादों का जल्द निबटारा होगा। - डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री।