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PM Awas Yojana: बिहार को मिलेंगे 2 लाख अतिरिक्त प्रधानमंत्री आवास, चुनाव से पहले मोदी सरकार का बड़ा दांव

बिहार को चालू वित्तीय वर्ष में 2 लाख अतिरिक्त प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) स्वीकृत किए जाने की उम्मीद है। केंद्र ने राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री के अनुरोध पर यह भरोसा दिया है। यह कदम अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों को देखते हुए उठाया गया है। बिहार ने केंद्र से 6.50 लाख आवासों की मांग की थी जिसमें से अब तक 2.60 लाख को मंजूरी मिली है।

By Raman Shukla Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 18 Nov 2024 03:46 PM (IST)
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बिहार को मिलेंगे 2 लाख अतिरिक्त प्रधानमंत्री आवास
रमण शुक्ला, पटना। केंद्र सरकार ने राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार के अनुरोध पर चालू वित्तीय वर्ष में दो लाख और प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) शीघ्र स्वीकृत करने का भरोसा दिया है। संभवत: बिहार में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) को देखते हुए केंद्र सरकार लगातार दरियादिली दिखा रही है।

दरअसल, बिहार ने केंद्र सरकार से चालू वित्तीय वर्ष में 6.50 लाख प्रधानमंत्री आवास की मांग की थी। इसकी तुलना में अभी तक 2.60 लाख प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति मिली है। वहीं, शेष 3.90 लाख की तुलना में दो लाख और आवास चालू वित्तीय वर्ष में देने का भरोसा केंद्र सरकार ने दिया है।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की ओर से पिछले दो वित्तीय वर्ष से प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojana) के लिए बिहार को कोई लक्ष्य नहीं मिलने के कारण दावेदारों की संख्या 13.50 लाख से अधिक पहुंच गई है। इसमें वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं 2023-2024 के साथ ही चालू वित्तीय वर्ष यानि 2024-2025 की प्रतीक्षा सूची सम्मिलित है।

38 लाख से अधिक को मिला लाभ

राजग सरकार की ओर से बिहार में वित्तीय वर्ष 2016-17 से अब तक प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 38 लाख से अधिक गरीबों को पक्के मकान बनाए गए हैं। वहीं, शहरी क्षेत्र का आंकड़ा अगर जोड़ दिया जाए तो पिछले 10 वर्षों में कुल डेढ़ करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है।

अहम यह है कि इस योजना के लिए शीघ्र ही नए परिवारों को लाभ देने के लिए सर्वे भी कराने की तैयारी अंतिम चरण में है। इसके बाद नए लाभार्थियों की सूची बनाई जाएगी।

शहरी आवास योजना लागू करने को लेकर केंद्र और राज्य सरकार में हुआ करार

प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 को बेहतर तरीके से लागू करने को लेकर सोमवार को नई दिल्ली में एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आयोजित कार्यशाला में बिहार ने भी शिरकत की। इस दौरान योजना लागू करने को लेकर राज्य के नगर विकास एवं आवास विभाग और केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, नई दिल्ली के बीच करार ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया।

नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने भागीदारी में किफायती आवास योजना घटक अंतर्गत उत्पन्न समस्या एवं समाधान के मुद्दे पर प्रकाश डाला। मालूम हो कि हाल ही में राज्य कैबिनेट की बैठक में किफायती आवास के लिए राज्य सरकार ने योजना के लाभुकों को एक-एक लाख रुपये प्रति आवासीय इकाई देने का निर्णय लिया है। इसके तहत केंद्र सरकार भी डेढ़ लाख रूपये की सहायता राशि देगी।

लाभुकों को मिलेगी दोगुनी राशि

बता दें कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण (बीएलसी) और साझेदारी में बनने वाले किफायती आवास (एएचपी) घटक के तहत प्रति आवासीय इकाई के लाभुकों को अब एक-एक लाख रुपये देगी। इससे पहले, लाभार्थी आधारित आवास योजना में स्टेट गवर्नमेंट लाभुकों को प्रति आवासीय इकाई 50 हजार रुपये की सहायता राशि देती थी। नई व्यवस्था के बाद योजना पर राज्य सरकार का सालाना एक हजार करोड़ रुपये का खर्च बढ़ेगा।

होम लोन पर मिलेगा इतना अनुदान

पीएम आवास योजना के तहत अगर आर्थिक रूप से कमजोर या निम्न-मध्यम वर्ग आय के लाभुक होम लोन पर घर खरीदते हैं, तो उन्हें ऋण ब्याज के अनुदान के रूप में अधिकतम एक लाख 80 हजार रुपये मिलेंगे। इसके लिए मिशन अवधि के दौरान लाभुकों को योजना के पोर्टल पर निबंधन कराना होगा। यह अनुदान केंद्र सरकार की ओर से मिलेगा।

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