Pneumonia Vaccine: बिहार में जून से लगेगी निमोनिया की नई वैक्सीन, सभी सिविल सर्जन को मिले निर्देश
पीसीवी-10 वैक्सीन 10 तरह के निमोनिया सीरोटाइप पर प्रभावी है जबकि नई वैक्सीन 14 सीरोटाइप के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करेगी। इस वैक्सीन को हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता कंपनी बायोलॉजिकल ई लिमिटेड कंपनी ने बनाया है। इसकी गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर की है। यह वैक्सीन भी पूर्व की भांति 6 व 14 सप्ताह में दी जाएगी और तीसरी बूस्टर डोज नौ माह पर दी जाएगी।
जागरण संवाददाता, पटना। बच्चों की मौत के सबसे बड़े कारण निमोनिया से बचाव के लिए अब देश में ज्यादा प्रभावी नई निमोनिया कांज्युकेटेड वैक्सीन (पीसीवी)-14 लगाई जाएगी। पटना में जून माह से नई वैक्सीन मिलने लगेगी। अब तक अस्पतालों में पीसीवी-10 वैक्सीन दी जा रही है।
बता दें कि पीसीवी-10 वैक्सीन 10 तरह के निमोनिया सीरोटाइप पर प्रभावी है जबकि नई वैक्सीन 14 सीरोटाइप के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करेगी। इस वैक्सीन को हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता कंपनी बायोलॉजिकल ई लिमिटेड कंपनी ने बनाया है। इसकी गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर की है।
इस प्रकार दी जाएगी निमोनिया की नई वैक्सीन
यह वैक्सीन भी पूर्व की भांति 6 व 14 सप्ताह में दी जाएगी और तीसरी बूस्टर डोज नौ माह पर दी जाएगी। टीकाकरण के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी रामरतन ने इस बाबत सभी सिविल सर्जन को पत्र लिखा है।जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. एसपी विनायक ने बताया कि पूर्व से जो वैक्सीन दी जा रही है, वह माह के अंत तक खत्म हो जाएगी। इसके बाद नई वैक्सीन पीसीवी-14 सभी अस्पतालों को मुहैया करा दी जाएगी। पीसीवी-10 न्यूमोकोकल वैक्सीन 1, 5, 6ए, 6बी, 7 एफ, 9 वी, 14, 19ए, 19एफ व 23एफ सीरोटाइप पर ही प्रभावी है।
इसके विपरीत पीसीवी-14 वैक्सीन 1, 3, 4, 5, 6बी, 7एफ, 9 वी, 14, 18सी, 19ए, 19एफ, 22 एफ, 23 एफ एंड 33 एफ सीरोटाइप से सुरक्षा प्रदान करती है। यदि किसी बच्चे को पहली डोज पीसीवी-10 की दी गई है तो उसे शेष दो डोज पीसीवी-14 की दी जा सकती हैं।
हालांकि, विभाग ने पहले पीसीवी-10 को खत्म करने व एक टीकाकरण केंद्र पर एक ही तरह की वैक्सीन उपलब्ध कराने को कहा है। इस वैक्सीन को भी 2 से 8 डिग्री सेल्सियस पर ही संग्रहित किया जाना है।
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- 35 लाख से अधिक बच्चों का जन्म होता है हर वर्ष प्रदेश में
- 1 लाख 15 हजार बच्चों की मौत हो जाती है अलग-अलग रोगों के कारण
- 20 प्रतिशत से अधिक बच्चों की मौत होती है हर वर्ष सिर्फ निमोनिया से