पटना हाईकोर्ट ने खारिज की अपील: RTI न देने पर डीसीएलआर को 25 हजार जुर्माना, 4 हफ्ते में भरना होगा
पटना हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में आरटीआई (सूचना का अधिकार) के तहत जानकारी न देने पर डीसीएलआर पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। अदालत ने डी ...और पढ़ें

पटना हाई कोर्ट (फाइल फोटो)
विधि संवाददाता, पटना। पटना हाई कोर्ट ने आरटीआई के तहत सूचना उपलब्ध नहीं कराने के मामले में दंडित किए गए तत्कालीन डीसीएलआर (पटना सदर) सुधांशु कुमार चौबे की याचिका खारिज कर दी है।
अदालत ने राज्य सूचना आयोग द्वारा लगाए गए 25 हजार रुपये के जुर्माने को सही ठहराते हुए कहा कि अधिकारी ने नोटिस के बावजूद समय पर सूचना उपलब्ध नहीं कराई और न ही संतोषजनक प्रत्युत्तर दिया।
न्यायाधीश राजीव राय की एकलपीठ ने कहा कि सूचना आयोग ने तथ्यों की समीक्षा के बाद ही दंड लगाया था, इसलिए हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जुर्माने का प्रभाव याचिकाकर्ता की सेवा अभिलेख पर नहीं पड़ेगा, लेकिन उन्हें चार सप्ताह के भीतर राशि आरटीआई आवेदक को अदा करनी होगी।
विलंब होने पर पांच हजार रुपये अतिरिक्त लागत देय होगी। मामले के अनुसार, आवेदक ने 2012 में फुलवारीशरीफ सर्किल कार्यालय से म्यूटेशन से संबंधित सूचनाएं मांगी थी।
आयोग ने पाया कि कई अवसर दिए जाने के बावजूद सूचना समय पर उपलब्ध नहीं कराई गई। कोर्ट ने कहा कि आरटीआई कानून का उद्देश्य नागरिकों को शासन की कार्यप्रणाली जानने का अधिकार देना है, जिसे बाधित करने पर अधिकारी दंडित हो सकते हैं।

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