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Patna News: ICU में भर्ती छात्र की मौत, गायब मिली एक आंख; डॉक्टरों ने कहा- चूहे ने खाया

नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल से बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है जहां ICU से मृत युवक की किसी ने आंखे निकाल ली। परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। मृतक के बेड से पुलिस ने आंख निकालने वाले ब्लेड को भी बरामद किया है। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है जिसके बाद ही आंख निकालने वाले का पता लग पाएगा।

By Jagran News Edited By: Divya Agnihotri Updated: Sat, 16 Nov 2024 12:03 PM (IST)
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युवक की मौत के बाद अज्ञात लोगों ने निकाली उसकी आंख
जागरण संवाददाता, पटना सिटी। नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल (एनएमसीएच) की सर्जिकल आइसीयू में शनिवार की सुबह कमरा नंबर दो में बेड संख्या 19 पर भर्ती एक छात्र की मौत के बाद उसकी बाईं आंख गायब होने मामला प्रकाश में आया।

मृतक की पहचान नालंदा जिले के चिकसौरा के हुरारी गांव निवासी फंटूस कुमार (28) के रूप में हुई है। उसके सिर के समीप बेड पर सर्जिकल ब्लेड रखा था। गायब आंख खोजने के बाद भी किसी को नहीं मिली।

सूचना पाकर पहुंचे एएसपी अतुलेश, आलमगंज थानेदार राजीव कुमार समेत अन्य पदाधिकारियों के साथ मौके पर पहुंच कर जांच में जुट गए।

आग्रह के बाद भी शव का नहीं हुआ पोस्टमार्टम

फंटूस के पिता दिलीप प्रसाद एवं चचेरे भाई विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि 14 नवंबर को गांव में हुए विवाद में विरोधियों ने फंटूस को गोलियों से छलनी कर दिया। इसके बाद अनुमंडल अस्पताल से चिकित्सक ने एनएमसीएच रेफर किया था। 14 को एनएमसीएच में ऑपरेशन कर फंटूस को सर्जिकल आइसीयू में रखा गया था।

तबीयत बिगड़ने पर 15 नवंबर की रात 8:55 बजे चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। स्वजन का कहना था कि फंटूस की मृत्यु के बाद चिकित्सक से पुलिस अधिकारियों तक शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए वे लगातार आग्रह करते रहे। रात में पोस्टमार्टम नहीं करने का हवाला देकर शव को बेड पर ही छोड़ दिया गया।

फंटूस का छह माह पहले विवाह हुआ था। स्वजन ने बताया कि रात 12 बजे परिवार के लोग सोने के लिए आइसीयू के बाहर चले गए। शनिवार की सुबह पांच बजे आइसीयू के भीतर जाकर शव देखा तो चादर पर खून लगा था। वहीं पास में एक सर्जिकल ब्लेड रखा था।

गहराई से किसी ने काट कर फंटूस की बायीं आंख निकाल ली थी। फंटूस पटना में भूतनाथ स्थित नंद लाल छपरा के समीप किराये पर कमरा लेकर पढ़ाई करता था। जीविकोपार्जन के लिए कुछ काम भी कर लेता था।

स्वजन का आरोप, अस्पताल में गिरोह ने निकाली आंख

स्वजन का आरोप है कि एनएमसीएच में अंग तस्करों का गिरोह है। जिसके किसी सदस्य ने आंख निकाल कर सौदा कर दिया। मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। उनका कहना है कि पूर्व में अस्पताल से बच्चा चोरी होने का मामला भी प्रकाश में आ चुका है।

इमरजेंसी से लेकर वार्ड और अस्पताल में इलाज व जांच के नाम पर दलालों का सक्रिय गिरोह घूम कर मरीजों को फंसाता है।

अधीक्षक ने जताई आशंका, चूहे ने खाई आंख

अधीक्षक प्रो. (डॉ.) विनोद कुमार सिंह ने कहा कि आइसीयू में दो और मरीज भर्ती थे। उनके स्वजन भी थे। किसी ने आंख निकालने की बात नहीं कही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही पूरे मामले का राजफाश होगा कि आंख निकाली गई या चूहे ने खा ली। यह जांच का विषय है। सीसी कैमरे आइसीयू के बाहर लगे हैं। उसे देखा जा रहा है।

अधीक्षक ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए अस्पताल ने चार विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम गठित की गई है। इस टीम में नेत्र रोग विभाग के अध्यक्ष, कार्निया मामलों के विशेषज्ञ, सर्जरी विभाग के अध्यक्ष, निश्चेतना विभाग के अध्यक्ष हैं।

कार्निया इंप्लांट के लिए मृत्यु होने के छह घंटे के भीतर स्वजन से स्वीकृति प्रमाण पत्र लेने के बाद कार्निया निकाला जाता है। मरीज की मृत्यु रात 8:55 बजे हुई और रात 12 बजे तक सब ठीक था। आंख निकालने का पता स्वजन को सुबह पांच बजे चला।

आइसीयू में बेड पर पड़े मरीज के शव से एक आंख गायब है। अस्पताल स्तर पर गठित मेडिकल टीम की जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मामला स्पष्ट होगा। पुलिस सभी का बयान ले रही है। सीसी कैमरों के फुटेज को देखा जा रहा है। पुराने विवाद और फायरिंग से भी मामले को जोड़ कर देखा जा रहा है। - अतुलेश झा, एएसपी

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