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NMCH में मरीज की आंख निकालने के मामले में 2 नर्स सस्पेंड, जांच के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन

एनएमसीएच में फंटूस नाम के युवक की मौत के बाद उसकी बाईं आंख गायब होने के मामले में सहायक प्राध्यापक के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई। इसके बाद मामले में सर्जरी आइसीयू में रात्रि पाली में कार्यरत दो नर्स निलंबित कर दी गई हैं। वहीं पूरे मामले की जांच के लिए 4 सदस्यीय टीम का भी गठन किया गया है।

By anil kumar Edited By: Divya Agnihotri Updated: Mon, 18 Nov 2024 03:45 PM (IST)
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युवक की मौत के बाद आंख निकालने के मामले में दो नर्स सस्पेंड
जागरण संवाददाता, पटना सिटी। नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सर्जिकल आइसीयू में भर्ती नालंदा के छात्र फंटूस की मौत के बाद उसकी बाईं आंख गायब होने के मामले को जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने गंभीरता से लेते हुए गठित जांच टीम के रिपोर्ट पर कार्रवाई की बात कही है। डीएम ने कहा कि आंख की चोरी,अंग तस्करी और चूहे के कुतरने के मामले में हर दृष्टिकोण से जांच पड़ताल की जा रही है। वहीं इस मामले में दो नर्स को निलंबित कर दिया गया है।

डॉ.सुधीर कुमार ने दर्ज कराई शिकायत

मामले में सर्जरी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ.सुधीर कुमार ने प्राथमिकी कराई है। वहीं अस्पताल प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए दो नर्स को निलंबित कर दिया है। एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि अस्पताल प्रशासन के निर्देश के आलोक में सर्जरी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. सुधीर कुमार ने आलमगंज थाने में शनिवार को कांड संख्या 1025/24 कराई है।

प्राथमिकी में बताया गया है कि नालंदा जिले के चिकसौरा हुरारी निवासी दिलीप प्रसाद के 24 वर्षीय पुत्र फंटुस कुमार को पंजीयन संख्या ईआरएस/ 1577 डॉ. मुन्नवर अहसन की इकाई में भर्ती कराया गया। इलाज के क्रम में 15 नवंबर की रात लगभग 8:55 बजे पर फंटूस की मौत हो गई थी। फंटूस की मौत की सूचना एनएमसीएच के टीओपी प्रभारी को लगभग ढाई घंटे बाद यानी 11:20 बजे दी गई। युवक की मौत के बाद परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने की बात कही, लेकिन रात में पोस्टमार्टम नहीं करने का हवाला देकर शव को बेड पर ही छोड़ दिया गया।

मौत के बाद निकाली गई युवक की आंख

अगले दिन सुबह जब परिजन मृतक के पास पहुंचे तो शव से बाईं आंख मिसिंग थी। स्वजनों ने किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा आंख निकालने की संभावना जताई और इस संबंध में कानूनी कार्रवाई करने का आग्रह किया गया। मामले की सूचना एनएमसीएच के अधीक्षक को भी दी गई। आलमगंज थाना पुलिस ने धारा 303 (2), 324 (2) के कांड संख्या 1025/24 दर्ज कर दरोगा अभिषेक कुमार सिंह को अनुसंधान का जिम्मा दिया।

रविवार को आलमगंज थाना पुलिस टीम आईसीयू में पहुंच कर मामले में जांच पड़ताल की। आइसीयू के बाहर लगे सीसीटीवी फुटेज को देखने के बाद इस मामले में दो नर्स को निलंबित किया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में आगे की कार्रवाई होगी ।

एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने रविवार को बताया कि इलाज के दौरान हुई छात्र की मौत के बाद समय पर पुलिस को रिपोर्ट नहीं पहुंचाने और आपातकालीन विभाग के आन डय़ूटी स्वास्थ्य प्रबंधक को शव मोर्चरी में रखवाने के लिए आवश्यक सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई।

2 नर्स सस्पेंड

मामले में सर्जरी आइसीयू में रात्रि पाली में कार्यरत नर्स सुनीता कुमारी और प्रीति मंडल को कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित किया गया। निलंबन अवधि में उन्हें प्राचार्या जीएनएम स्कूल में रखा गया है।

चार सदस्यीय टीम का गठन

अधीक्षक ने बताया कि एनेस्थीसिया डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष डॉ. विजय कुमार की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच टीम गठित हुई है। गठित टीम में एनेस्थीसिया डिपार्टमेंट विभागाध्यक्ष के साथ सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. पीडी वर्मा, नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डॉ. प्रदीप कारक और नेत्र रोग विभाग के सहायक प्राध्यायक डॉ. अभिषेक रंजन शामिल हैं।

टीम को निर्देश दिया गया है कि घटना के दिन संबंधित ईकाई प्रभारी,चिकित्सक,नर्स व कर्मी से जांच पड़ताल कर सकते हैं। उपाधीक्षक डॉ. सरोज कुमार ने बताया कि आंख गायब प्रकरण में गठित जांच टीम और पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

कांग्रेस ने साधा निशाना

इस पूरे मामले में बिहार कांग्रेस ने कहा कि सरकार को जब अपनी खामियां छिपानी होती है तो चूहे को हर बार कठघरे में खड़ा कर देती है। बिहार कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने कहा कि सरकारी अस्पताल में इलाजरत व्यक्ति की आंखे गायब होने पर अस्पताल प्रशासन ने चूहे को दोषी करार दे दिया।

इस सरकार ने सारी नैतिकता खो दी हैं। राज्य में कभी बरामद शराब को चूहे पी जाते हैं तो कभी बना बनाया बांध चूहे कुतर जाते हैं। अब सारी बेशर्मी पार करते हुए राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में इलाजरत व्यक्ति की आंखें ही गायब कर दी। बिहार में विकास को कुतरने वाले चूहे सरकार संपोषित हैं या प्रशासनिक अधिकारी सरकार के दबाव में दोषमुक्त होने को चूहों को ही दोषी बनाकर मामले को बंद कर दें रहें हैं ये भी जांच का विषय है।

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