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Cancer Disease: बवासीर समझ इलाज नहीं कराने वाले 10 प्रतिशत बुजुर्गों को कैंसर, डॉक्टरों ने किया अलर्ट

बवासीर एक आम समस्या है लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह कैंसर का कारण भी बन सकती है? बिहार में पाइल्स के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 60 वर्ष से अधिक उम्र के रोगियों में रोगी बवासीर समझ जिसकी अनदेखी करते हैं उनमें से 10 प्रतिशत को बॉवेल कैंसर निकल रहा है। बवासीर समझ अनदेखी करने से अधिसंख्य को चौथे चरण का बॉवेल कैंसर होता है।

By Pawan Mishra Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 21 Nov 2024 04:12 PM (IST)
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बवासीर समझ इलाज नहीं कराने वाले 10 प्रतिशत बुजुर्गों को कैंसर
जागरण संवाददाता, पटना। आरामतलब जिंदगी, बढ़ता तनाव, जंक-प्रास्सेड फूड या बाहर का ज्यादा खानपान, अधिक समय तक बैठकर काम या यात्रा व बढ़ते तनाव से पटना व प्रदेश में पाइल्स (बवासीर) के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। सरकारी से निजी अस्पतालों तक में हर माह बड़ी संख्या में लोग सर्जरी करा रहे हैं वहीं दो तिहाई मरीज शर्म के कारण डाक्टरों के पास नहीं जाते।

60 वर्ष से अधिक उम्र के रोगियों में रोगी बवासीर समझ जिसकी अनदेखी करते हैं, उनमें से 10 प्रतिशत को बॉवेल कैंसर (Bowel Cancer) निकल रहा है। बवासीर समझ अनदेखी करने से इनमें से अधिसंख्य को चौथे चरण का बॉवेल कैंसर होता है।

ये बातें बुधवार को विश्व पाइल्स दिवस पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में आईजीआईएमएस के जनरल सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ. पीके झा ने कहीं। इसके पूर्व संस्थान के निदेशक प्रो. डॉ. बिन्दे कुमार, यूरोलाजी के विभागाध्यक्ष सह डीन परीक्षा डॉ. राजेश कुमार तिवारी, प्रभारी चिकित्साधीक्षक डॉ. समरेंद्र कुमार सिंह, रेडियोलाजी के विभागाध्यक्ष डॉ. संजय कुमार सुमन, फिजियोथेरेपी के विभागाध्यक्ष डॉ. बिनय कुमार पांडेय ने किया।

बुधवार को आईजीआईएमएस में विश्व पाइल्स द‍िवस पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम का उद्घाटन करते नि‍देशक डॉ. बिंन्दे व अन्य विभागाध्यक्ष l जागरण

प्रो. डॉ. बिन्दे कुमार ने कहा कि आईजीआईएमएस में पाइल्स उपचार की ओपेन व लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की सभी तकनीकों से उपचार किया जाता है। प्रो. डा. राजेश कुमार तिवारी ने बताया कि नियमित व्यायाम, उच्च फाइबर युक्त हरी-पत्तेदार सब्जियों को खानपान में शामिल कर व जंक फूड के साथ बाहर के खाने से परहेज कर काफी हदतक इससे बचा जा सकता है।

सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. समरेंद्र कुमार सिंह ने रोगियों की हालत के अनुसार ओपेन, लैप्रोस्कोपिक, लेजर, स्टेपल्ड हेमरोइडोपेक्सी आदि तकनीक की जानकारी दी। सर्जरी के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. प्रदीप जायसवाल ने मरीजों को बताया कि यदि उनके पास आयुष्मान कार्ड है तो आईजीआईएमएस में उनकी निशुल्क सर्जरी होगी। एडिशनल प्रोफेसर सह कार्यक्रम के संयोजक डॉ. मुकेश कुमार ने पाइल्स की नवीनतम विधि से सर्जरी एवं बचाव की जानकारी दी।

चांदसी दवाखाना में उपचार से जटिल हो रहा रोग:

डॉ. पीके झा ने कहा कि बवासीर एक रोग है। कई बार यह आनुवंशिक कारणों, अधिक वजन, अधिक यात्रा, कम पानी पीने से भी होता है। ऐसे में उपचार कराने में शर्म महसूस नहीं करें न ही चांदसी दवाखाना में उपचार कराएं। चांदसी वाले इंजेक्शन देते हैं जिससे गुदा मार्ग बहुत संकरा हो जाता है। इससे सर्जरी जटिल हो जाती है। इसी प्रकार इलाज में देरी से शरीर में खून की कमी हो जाती है।

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