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Sharda Sinha Last Rites: शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार पटना में क्यों होगा? बिहार कोकिला के बेटे ने बताई वजह

बिहार कोकिला के नाम से प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का 72 वर्ष की आयु में मल्टीपल मायलोमा से निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार पटना में किया जाएगा। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी मैथिली और हिंदी लोक संगीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हें बिहार की सांस्कृतिक राजदूत माना जाता था। प्रधानमंत्री मोदी राहुल गांधी और नीतीश कुमार सहित कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया।

By Mukul Kumar Edited By: Mukul Kumar Updated: Wed, 06 Nov 2024 03:07 PM (IST)
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लोक गायिका शारदा सिन्हा का 72 वर्ष की आयु में निधन
डिजिटल डेस्क, पटना। 'बिहार कोकिला' के नाम से मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार रात करीब 9.20 बजे निधन हो गया। बुधवार सुबह उनका पार्थिव शरीर इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (आईजीआई) एयरपोर्ट पर पहुंचा। जहां से उन्हें पटना ला गया। उनका अंतिम संस्कार पटना में ही किया जाएगा।

शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर उनके आवास पर अंतिम दर्शन को रखा गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घर पहुंचकर उन्हे श्रद्धांजलि दी है।

पटना के गुलाबी घाट में शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार होगा। इस बीच, सीएम नीतीश कुमर ने बड़ी घोषणा कर दी है। उन्होंने घोषणा की कि शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। 

शारदा सिन्हा एक गंभीर ब्लड कैंसर की बीमारी से जूझ रही थीं। जिसका नाम मल्टीपल मायलोमा बताया जा रहा है। इसका निदान 2018 में हुआ था। सोमवार को उनकी हालत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें वेंट पर रखा गया था। शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान सिन्हा ने उनके अंतिम संस्कार के बारे में विस्तृत जानकारी दी। 

शारदा सिन्हा के बेटे ने क्या कहा? 

अंशुमान सिन्हा ने कहा, 'हमने तय किया है कि मेरी मां (शारदा सिन्हा) का अंतिम संस्कार उसी स्थान पर होगा, जहां मेरे पिता का अंतिम संस्कार हुआ था... इसलिए हम उनका पार्थिव शरीर पटना ले जाएंगे...'

अंशुमान सिन्हा ने बुधवार को कहा कि यह परिवार और उनके चाहने वालों के लिए दुख की घड़ी है, क्योंकि उन्होंने छठ पूजा के पहले ही दिन अंतिम सांस ली। अपनी मां को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वह हमेशा लोगों के दिलों में रहेंगी।

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उन्होंने आगे कहा कि यह सभी के लिए सदमे से भरी बात है। मुझे यकीन है कि उनके चाहने वाले भी मेरी तरह दुखी होंगे। उनका मातृत्व उनके गीतों के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व में भी साफ झलकता था। वह छठ पूजा के पहले दिन हमें छोड़कर चली गईं... वह हमेशा लोगों के दिलों में रहेंगी...

मनोज तिवारी ने बिहार सरकार से की बात

दूसरी ओर, भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि उनका अंतिम संस्कार पूरे सम्मान के साथ किया जाएगा।उन्होंने कहा कि शारदा सिन्हा का निधन एक अपूरणीय क्षति है। उनके परिवार ने तय किया है कि उनका अंतिम संस्कार बिहार में ही होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस पर दुख जताया है।

मनोज तिवारी ने आगे कहा कि मैंने बिहार सरकार से भी बात की है, उनका अंतिम संस्कार पूरे सम्मान के साथ होगा। यह मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है।

उन्होंने कहा था कि वह मेरे घर आएंगी, लेकिन अब यह वादा अधूरा रह जाएगा। वह हमेशा हमारे दिलों में रहेंगी। भगवान उनके परिवार और उनसे प्यार करने वाले सभी लोगों को शक्ति प्रदान करें।

छठ पूजा उत्सव की शुरुआत 5 नवंबर को 'नहाय-खाए' की रस्म के साथ हुई थी। शारदा सिन्हा विशेष रूप से मधुर 'छठ महापर्व' गीतों के लिए जानी जाती हैं।

सभी नेताओं ने व्यक्त किया शोक

इस बीच, प्रधानमंत्री मोदी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, बिहार के सीएम नीतीश कुमार और अन्य नेताओं सहित विभिन्न राजनीतिक बिरादरियों ने शोक व्यक्त किया है।

72 वर्षीय सिन्हा ने भोजपुरी, मैथिली और हिंदी लोक संगीत में बहुत योगदान दिया है और लोक संगीत की अपनी भावपूर्ण प्रस्तुतियों के लिए जानी जाती हैं।

बिहार के पारंपरिक लोक संगीत और अपने प्रतिष्ठित छठ गीत में अपने योगदान के लिए जानी जाने वाली शारदा सिन्हा को इस क्षेत्र की सांस्कृतिक राजदूत माना जाता है।

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