Chhapra Muzaffarpur Road: छपरा और मुजफ्फरपुर वालों के लिए खुशखबरी! NH-722 का टेंडर फाइनल; 68 करोड़ में होगा काम
छपरा से मुजफ्फरपुर जाने वाली जर्जर सड़क (Chhapra To Muzaffarpur Road) के दिन बहुरने वाले हैं। NH-722 टोल रोड के लिए 68 करोड़ का टेंडर फाइनल हो गया है। एक सप्ताह के भीतर सड़क पर मेंटेनेंस का काम शुरू हो जाएगा जबकि 5 साल तक यह कंपनी एनएच की देखभाल करेगी। इस सड़क के बनने से लोगों को काफी सहूलियत होगी।
प्रवीण कुमार, छपरा। छपरा से मुजफ्फरपुर जाने व आने वाले लोगों को सहूलियत मिलने वाली है। कई महीनों से क्षतिग्रस्त एनएच-722 (National Highway 722) टोल रोड के टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो गई है। रायपुर की एक कंपनी को 68 करोड़ में यह काम मिल गया है। अब एक सप्ताह के भीतर इस सड़क पर मेंटेनेंस का काम शुरू हो जाएगा। इसके बाद फिर यह सड़क चकाचक हो जाएगी।
जानकारी के अनुसार, छपरा से मुजफ्फरपुर (Chhapra To Muzafffarpur Road) के बीच लगभग 74 किलोमीटर की दूरी इस एनएच की है। छपरा के मेहियां से लेकर मकेर गंडक पुल तक सारण जिले के एरिया में आता है। इस बीच में सोनहो के पास एक टोल टैक्स विभाग के द्वारा बनाया गया है। वहां आने जाने वाले वाहनों से बेहतर सड़क पर चलने व कम समय में अपने मंजिल पर पहुंचने के लिए टोल पर रुपए लिए जाते हैं।
वाहन चालक हो रहे थे परेशान
इसके बावजूद टोल सड़क पर जो सुविधा मिलनी चाहिए, जैसी सड़क होनी चाहिए, वह नहीं थी। उसके कारण अक्सर वाहन चालक कोसते रहते थे। अब विभाग ने पांच वर्ष के लिए इस सड़क का टेंडर फाइनल कर दिया है। यह बीके जैन नाम के एक कंपनी को मिला है, जो कंपनी अब एक सप्ताह के भीतर मेंटेनेंस का काम लगा देगी।
एक परत ओवरले होगा
छपरा से मुजफ्फरपुर के बीच इस एनएच पर काम लगने से लोगों में राहत मिलेगी। गड़खा से लेकर मकेर के बीच बड़े-बड़े गड्ढे बन गए थे। उसके कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही थी। आए दिन सड़क दुर्घटनाएं भी होती रहती थी। सड़क का टेंडर जिस कंपनी को मिला है, उसे दोनों तरफ ओवरले करना है और जिस जगह पर सड़क ज्यादा क्षतिग्रस्त है उसको तोड़कर बेहतर तरीके से सड़क का निर्माण करना है। वही इस कंपनी को सड़क का पांच वर्षों तक के रखरखाव का भी जिम्मा मिला है।
क्या कहते हैं अधिकारी?
छपरा से मुजफ्फरपुर के बीच एनएच 722 सड़क के लिए एक कंपनी को 68 करोड़ में टेंडर की पूरी प्रक्रिया करने के बाद कागजात दे दिया गया है। एक सप्ताह के भीतर कंपनी को काम लगाने का निर्देश दिया गया है, जबकि 5 साल तक यह कंपनी एनएच की देखभाल करेगी। - राजू कुमार, परियोजना निदेशक, एनएचएआई, सारण
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