बेमौसम बारिश-तूफान से धान-मक्का-सब्जी-आलू की फसलें तबाह, 45 सौ हेक्टेयर खेत प्रभावित
मढ़ौरा प्रखंड में बेमौसम बारिश और तूफान ने किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। लगभग 45 सौ हेक्टेयर में लगी धान, मक्का, आलू और सब्जियों की फसलें तबाह हो गई हैं। खेतों में पानी भरने से फसलें सड़ रही हैं, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। किसान सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। कृषि विभाग नुकसान का आकलन कर रहा है।

बेमौसम बारिश-तूफान से फसलें तबाह
संवाद सूत्र, मढ़ौरा (सारण)। प्रखंड क्षेत्र में लगातार तीन दिनों से जारी बेमौसम वर्षा और तेज हवा ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। इस वर्ष धान और मक्के की फसल लगभग कटाई योग्य हो चुकी थी, किसान छठ पर्व के बाद खेतों में फसल काटने और सुखाने में जुटे थे।
तभी अचानक आये तूफान और लगातार हो रही वर्षा ने खेतों में लगी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया। बताया जाता है कि क्षेत्र के 45 सौ हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में लगी फसलें प्रभावित हुई हैं, जिससे किसानों में निराशा और चिंता का माहौल है।
प्रखंड के मिर्जापुर, भलुई, रामपुर, नरहरपुर, शिल्हौरी, ओल्हनपुर, भावलपुर, हसनपुरा, बहुआरापट्टी समेत करीब 50 से अधिक गांवों में धान की फसलें सबसे अधिक क्षतिग्रस्त हुई हैं।
पानी जमा हो जाने से फसलें सड़ने लगी
किसानों ने खेतों से काटे गए धान को सुखाने के लिए खेतों में ही फैला रखा था, लेकिन लगातार वर्षा के कारण वे पूरी तरह से जलमग्न हो गए। कई जगहों पर खेतों में पानी जमा हो जाने से फसलें सड़ने लगी हैं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
धान के साथ-साथ मक्का, आलू और मौसमी सब्जियों की फसलें भी बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। किसान अब इस बात को लेकर चिंतित हैं कि वे कर्ज कैसे चुकाएंगे और अगली बुवाई के लिए संसाधन कहां से जुटाएंगे।
हर ओर मायूसी का माहौल
कुछ किसानों ने बताया कि फसल की तैयारी पर उन्होंने काफी खर्च किया था, लेकिन अब सब कुछ पानी में बह गया। गांवों में हर ओर मायूसी का माहौल है। खेतों में जहां पहले सुनहरी बालियां लहरा रही थीं, अब वहां पानी और कीचड़ का सैलाब है।
कई किसानों का कहना है कि यदि सरकार जल्द राहत और मुआवज़े की व्यवस्था नहीं करती, तो वे अगली फसल की तैयारी करने में असमर्थ होंगे।
प्रभावित किसानों को सहायता
इस संबंध में प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने बताया कि सभी पंचायतों में कृषि कर्मियों को फसल क्षति का आकलन करने का निर्देश दिया गया है। रिपोर्ट तैयार कर जिला मुख्यालय को भेजी जाएगी ताकि प्रभावित किसानों को सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
लगातार वर्षा से न केवल फसलों को नुकसान हुआ है, बल्कि ग्रामीण इलाकों में जलजमाव और गड्ढों में पानी भरने से खेतों तक पहुंचना भी मुश्किल हो गया है। मढ़ौरा क्षेत्र में किसानों की उम्मीदों की फसल इस बार मौसम की मार झेल गई है जिससे पूरे इलाके में हताशा और चिंता का माहौल व्याप्त है।

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