Garkha Vidhan Sabha: बिहार की इस सीट में दांव पर तीन दिग्गजों की साख, दिलचस्प हुआ मुकाबला
छपरा जिले के गड़खा विधानसभा क्षेत्र में इस बार मुकाबला दिलचस्प है। यहां तीन पूर्व विधायक - सुरेन्द्र राम, मुनेश्वर चौधरी और रघुनंदन मांझी - चुनावी मैदान में हैं। सुरेन्द्र राम राजद से हैं, जबकि चौधरी और मांझी निर्दलीय उम्मीदवार हैं। क्षेत्र के मुख्य मुद्दे बाढ़, कटाव और पलायन हैं, जिनसे मतदाता चिंतित हैं। देखना यह है कि जनता इस बार किसे चुनती है।

शिवानुग्रह सिंह, छपरा। सारण जिले के 10 विधानसभा क्षेत्रों में गड़खा हमेशा सियासत का केंद्र रहा है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित यह सीट 1957 के बाद स्वतंत्र रूप से गठित हुई।
इसके पूर्व यह छपरा ग्रामीण सह गड़खा के नाम से जानी जाती थी। अबकी बार यहां का चुनाव खास दिलचस्प हो गया है, क्योंकि मैदान में तीन ऐसे चेहरे हैं, जिन्होंने न सिर्फ इस क्षेत्र का बिहार विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया है, बल्कि मंत्री पद तक सफर तय किया है।
गड़खा के मौजूदा विधायक और पूर्व मंत्री सुरेन्द्र राम, पांच बार यहां के विधायक रहे मुनेश्वर चौधरी तथा चार बार के विधायक रघुनंदन मांझी इस बार आमने-सामने हैं। दिलचस्प यह है कि चौधरी और मांझी दिनों इस बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में हैं। वहीं सुरेन्द्र राम को राजद ने लगातार दूसरी बार मौका दिया है।
तीनों का गढ़ एक ही फैसला जनता के हाथ
पूर्व विधायक रघुनंदन मांझी तीन बार कांग्रेस और एक बार यहां के निर्दलीय विधायक रह चुके हैं। मुनेश्वर चौधरी का गड़खा में सियासी सफर और भी दिलचस्प रहा है। वे जनता पार्टी, निर्दलीय, जनता दल और राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर यहां से पांच बार विधानसभा पहुंच चुके हैं।
राजद प्रत्याशी व पूर्व मंत्री सुरेन्द्र राम यह चुनाव उनके जनाधार की परीक्षा है। उनके सामने दो ऐसे चेहरे हैं, जो कभी इसी सीट से सत्ता की सीढ़ियां चढ़ चुके हैं। लोजपा (आर) की ओर से सीमात मृणाल एनडीए के प्रत्याशी हैं, तो जनसुराज पार्टी ने मनोहर कुमार राम को अपना उम्मीदवार बनाया है। ये दोनों लड़ाई को बहुकोणीय बनाने में लगे हैं। इस बार यहां के मैदान में 12 प्रत्याशी हैं जबकि 2020 के चुनाव में यह संख्या 10 थी।
बाढ़, कटाव और पलायन जैसे मुद्दे हैं हावी
गड़खा के मतदाताओं से जब चुनाव पर जब चर्चा होती है तो वे मुद्दे की बात करने लगते हैं। इनका चुनावी मुद्दा वही पुराना है - बाढ़, कटाव और पलायन। गंगा दियारा और चंवर क्षेत्र की यह जमीन लगभग हर साल बाढ़ और कटाव की मार झेलती है।
खेती-किसानी पर संकट, बेकारी और पलायन यहां के मतदाताओं की प्रमुख चिंता है। उनके जुबान पर बस समाधान की राग है। बावजूद इनका यह भी कहना है कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए मतदान तो करना ही है, यह हमारा अधिकार है। पर, वोट किसे के सवाल पर सधा सा जवाब है, देखेंगे। अब देखना यह है कि गड़खा की जनता अनुभव पर भरोसा जताती है या इस बार बदलाव की राह चुनती है।
पिछले चुनाव के नतीजे (2020)
| प्रत्याशी | पार्टी | वोट | स्थिति |
|---|---|---|---|
| सुरेन्द्र राम | राजद | 83,412 | जीत |
| ज्ञानचंद मांझी | भाजपा | 73,415 | हारे |
| मुनेश्वर चौधरी | जअपा | 4419 | हारे |
ये हैं दावेदार (2025)
अविनाश कुमार - निर्दलीय
नीरज राम - निर्दलीय
नागेन्द्र राम - आरपीआई
रघुनंदन मांझी - निर्दलीय
मुनेश्वर चौधरी - निर्दलीय
मनोहर कुमार राम - जनसुराज
सीमांत मृणाल - लोजपा
सविता देवी - निर्दलीय
सनद कुमार - आप
नंद किशोर मांझी - निर्दलीय
बीगन मांझी - लोक जलशक्ति
सुरेन्द्र राम - राजद

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