Mukhyamantri Udyami Yojana: मुख्यमंत्री उद्यमी योजना में 340 लोगों को नोटिस, सरकार के साथ कर रहे थे चालाकी
Mukhyamantri Udyami Yojana मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत 340 लाभुकों ने वर्ष 2018 से 2022 तक बैंक से पांच-पांच लाख रुपये का ऋण लिया था लेकिन वे ऋण की किस्त का भुगतान नहीं कर रहे हैं। उद्योग विभाग ने इन लाभुकों को नोटिस भेजा है और अगर वे भुगतान नहीं करते हैं तो वसूली के लिए कार्रवाई की जाएगी। लोगों से भुगतान देने की अपील की गई है।
जागरण संवाददाता, छपरा। Mukhyamantri Udyami Yojana: सारण जिले में वर्ष 2018 से लेकर 22 तक मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत उद्यम के लिए बैंक से ऋण लेने वाले लाभुक ऋण के किस्त का भुगतान नहीं कर रहे हैं। अब उद्योग विभाग उक्त उद्यमियों को किस्त भुगतान के लिए नोटिस भेज रहा है।
उद्योग महाप्रबंधक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार पूरे जिले में वर्ष 2018 से लेकर 22 तक मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत 340 लाभुकों ने लिए गए राशि का भुगतान नहीं किया है। उन पर नोटिस के बाद सर्टिफिकेट केश करने की तैयारी चल रही है।
लाभुकों को स्वरोजगार करने के लिए बैंक से पांच-पांच लाख रुपये दिये गये थे। उद्यमियों को योजना का लाभ मिलने के बाद ऋण का मासिक किस्त विभाग के पोर्टल पर आनलाइन जमा करना था, लेकिन 20 प्रखंडों के 340 लाभुक मासिक किस्त कई महीनों से नहीं जमा कर रहे हैं। नोटिस मिलने के बाद भी अगर इनके द्वारा लिए गए ऋण के किस्त का भुगतान नहीं किया जाता है तो विभाग की ओर से वसूली के लिए कार्रवाई की जाएगी।
उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक ज्योति कुमारी ने बताया कि ऋण की रुपये वसूली के लिए प्रखंडवार डिफाल्टर लाभुकों की सूची तैयारी कर बकाया राशि जमा करने के लिए नोटिस भेजा जा रहा है। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के लाभुक नोटिस के बाद भी बकाया राशि जमा नहीं करते हैं तो इन पर सर्टिफिकेट केस किया जाएगा।
उद्यमी योजना के लाभुकों को तीन किस्त में दी जाती है राशि
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत सरकार की ओर से उद्यमियों को पहले 2018 में पांच लाख रुपये दिये जाते थे। अब 10 लाख रुपये तक का ऋण मिलता है। योजनान्तर्गत 50 प्रतिशत अनुदान व शेष ब्याज रहित लोन दिया जाता है। शर्त यह है कि सात साल यानी 84 किस्तों में राशि लौटानी होती है। योजना में ऋण प्राप्त उद्यमी अपना किश्त ससमय जमा करें एवं जमा की राशि की पावती की प्रति कार्यालय में जमा करते हैं।उद्योग विभाग के प्रावधान के अनुसार चयनित लाभुक को पहली किश्त में उद्योग लगाने के लिए शेड निर्माण, बिजली व सुरक्षा के संसाधन उपलब्ध कराना होता है। दूसरी किश्त मशीन लगाने के लिए दी जाती है। जबकि तीसरी किश्त की राशि लगाई गई मशीन के ट्रायल के बाद कार्यशील पूंजी के तौर पर दी जाती है।स्मार्ट मीटर तेजी से घूमता है... शिकायत पर बिजली विभाग ने लगाई गजब की तरकीब, गांव वाले तुरंत हो गए तैयार
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