Chanpatia vidhan sabha Chunav Result 2025: चनपटिया में बीजेपी को झटका, रेस से बाहर हुए मनीष कश्यप
बिहार विधानसभा चुनाव में Chanpatia election Result 2025 पर सबकी नजर है, क्योंकि यहां से फेमस यूट्यूबर Manish Kashyap चुनाव मैदान में हैं। यह सीट भाजपा का मजबूत गढ़ मानी जाती है। यहां पिछले 6 बार से भाजपा का कब्जा है। वर्तमान बीजेपी विधायक उमाकांत सिंह फिर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, कांग्रेस से अभिषेक रंजन एक बार फिर उन्हें टक्कर दे रहे हैं।

Chanpatia vidhan sabha Chunav Result 2025: मनीष कश्यप, उमाकांत सिंह और अभिषेक रंजन
डिजिटल डेस्क, पश्चिम चंपारण। जिले की चनपटिया विधानसभा सीट वोटों की गिनती जारी है। चनपटिया विधानसभा सीट से 22 में राउंड की गिनती में भाजपा के विधायक उमाकांत सिंह 828 मतों से पीछे चल रहे हैं।
चुनाव के नतीजे आने के बाद चनपटिया से जन सुराज के प्रत्याशी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा मैंने अपना हर संभव प्रयास किया। लेकिन कहीं कोई कमी रह गई होगी। इसलिए एक बार और फिर शुरू से शुरुआत करूंगा। जय बिहार
11 वें राउंड की वोटिंग के बाद बीजेपी के उमाकांत सिंह 1468 वोटों से आगे हैं। 11 वें राउंड तक जहां उमाकांत सिंह को 40131 वोट मिले हैं, तो कांग्रेस के अभिषेक रंजन 38663 वोट मिले हैं। वहीं जन सुराज के मनीष कश्यप को 170 वोट मिले हैं।
9 वें राउंड की वोटिंग के बाद बीजेपी के उमाकांत सिंह 1735 वोटों से आगे हैं। 9वें राउंड तक जहां उमाकांत सिंह को 33621 वोट मिले हैं, तो कांग्रेस के अभिषेक रंजन 31886 वोट मिले हैं। वहीं जन सुराज के मनीष कश्यप को 13827वोट मिले हैं।
7 राउंड की वोटिंग के बाद बीजेपी के उमाकांत सिंह 1199 वोटों से आगे हैं। 7वें राउंड तक जहां उमाकांत सिंह को 26992 वोट मिले हैं, तो कांग्रेस के अभिषेक रंजन 25793 वोट मिले हैं। वहीं जन सुराज के मनीष कश्यप को 10461 वोट मिले हैं।
सिकरहना नदी के बाढ़ एवं कटाव से त्रस्त इस विधानसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास काफी दिलचस्प है। कभी कांग्रेस और सीपीआइ का गढ़ माने जाने वाला इस विधानसभा क्षेत्र पर वर्ष 2000 से लगातार भाजपा का कब्जा है।
इस सीट पर ब्राह्मण और यादव वोटरों का दबदबा माना जाता है। मुस्लिम वोटरों की भी अच्छी संख्या हैं, वहीं, भूमिहार और कोइरी भी निर्णायक भूमिका में हैं। 1957 से इस सीट पर चुनाव हो रहे हैं।
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पहले चुनाव में कांग्रेस की केतकी देवी जीतने में सफल रही थीं। 1962 और 1967 में लगातार दो बार प्रमोद मिश्रा कांग्रेस की टिकट पर यहां से जीते थे। संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के वीर सिंह 1969 में चुनाव जीते थे। फिर 1972 में कांग्रेस के उमेश प्रसाद वर्मा चुनाव जीत गए।
लेकिन बाद में सीपीआइ यहां से 1980, 1985 और 1995 में जीतने में कामयाब रही। साल 2000 के विधानसभा चुनाव से भाजपा ने जीत का जो सिलसिला शुरू किया वह अब तक जारी है। भाजपा यहां से लगातार छह बार चुनाव जीत चुकी है।
2015 में इस सीट पर भाजपा और जदयू के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली थी। भाजपा के प्रकाश राय ने जदयू के एनएन शाही को महज 464 वोट से हराया था।
सीपीआइ के ओमप्रकाश क्रांति 10,136 मत लेकर तीसरे स्थान पर थे। जबकि 2010 में भाजपा के चंद्रमहोन राय ने बसपा के एजाज हुसैन को 23 हजार से ज्यादा वोट से हराया था।

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