Budget 2024: इंडस्ट्री का मिले दर्जा, होम लोन पर बढ़े टैक्स छूट; ये हैं रियल एस्टेट सेक्टर की उम्मीदें
रियल एस्टेट सेक्टर को भी बजट से काफी उम्मीदें हैं। खासकर ऐसे में समय जब आवासीय मकानों की डिमांड जोर पकड़ रही है। सरकार ने भी पीएम आवास योजना के तहत करीब 3 करोड़ मकान बनवाने का एलान किया है। इससे भी रियल एस्टेट सेक्टर को फायदा मिलने की उम्मीद है। आइए जानते हैं कि रियल एस्टेट सेक्टर की बजट से उम्मीदें क्या हैं।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जुलाई के आखिर में मोदी 3.0 का पहला पूर्ण बजट पेश करने वाली हैं। इसमें तमाम सेक्टर के लिए नियम और नीतियां बनेंगी। कई सेक्टर के प्रतिनिधि वित्त मंत्री से मुलाकात कर रहे हैं और उन्हें अपनी मांगों और सुझावों से अवगत करा रहे हैं।
रियल एस्टेट सेक्टर को भी बजट से काफी उम्मीदें हैं। खासकर, ऐसे में समय जब आवासीय मकानों की डिमांड जोर पकड़ रही है। सरकार ने भी पीएम आवास योजना के तहत करीब 3 करोड़ मकान बनवाने का एलान किया है। इससे भी रियल एस्टेट सेक्टर को फायदा मिलने की उम्मीद है।
क्या है रियल एस्टेट सेक्टर की डिमांड?
रियल एस्टेट कंपनी सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के फाउंडर और चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल को उम्मीद है कि सरकार बजट में रियल एस्टेट सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा देगी, जिससे निवेश बढ़ेगा और रेगुलेशन भी बेहतर होगा। उन्होंने कहा, 'अगर सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम लाती है, तो प्रोजेक्ट्स को जल्दी अप्रूवल मिलेगा। इससे प्रोजेक्ट में देरी के मामलों में कमी आएगी।'
अग्रवाल ने जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट के पुनर्मूल्यांकन की जरूरत भी बताई है। उन्होंने कहा कि से प्रॉपर्टी की कीमती कम होंगी और पारदर्शिता बढ़ेगी। अग्रवाल ने सेक्शन 24 के तहत होम लोन पर ब्याज की छूट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को पहली बार घर खरीद रहे खरीदार को स्टांप ड्यूटी से छूट मिलती है, तो रियल एस्टेट सेक्टर में डिमांड जोर पकड़ेगी।
'होम लोन में टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने की जरूरत'
अपने सपनों का घर खरीदने के लिए बहुत से लोग होम लोन का सहारा लेते हैं। रियल एस्टेट सेक्टर को उम्मीद है कि सरकार डिमांड बढ़ाने के लिए होम लोन में कुछ रियायत दे सकती है।
क्रिशुमी कॉर्पोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर मोहित जैन ने कहा, 'रियल एस्टेट को प्रोत्साहन देने का तरीका होम लोन के मूलधन और ब्याज दोनों पर कर छूट बढ़ाना हो सकता है। पिछले दो-तीन साल में प्रॉपर्टी की कीमतों में अच्छी-खासी वृद्धि को देखते हुए वर्तमान 2 लाख रुपये की कर छूट को कम से कम 5 लाख रुपये तक बढ़ाना चाहिए। इस कदम से रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की मांग बढ़ेगी। इसके साथ ही होम लोन के मूलधन की चुकौती पर कर छूट शुरू करने की जरूरत है, क्योंकि सेक्शन 80(सी) के अंतर्गत 1.5 लाख रुपये की सीमा अपर्याप्त है।'
'रियल एस्टेट सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा जरूरी'
रियल एस्टेट कंसल्टेंट फर्म वेस्टियन के सीईओ श्रीनिवास राव भी रियल एस्टेट सेक्टर के लिए इंडस्ट्री के दर्जे को जरूरी मानते हैं। उनका कहना है कि रियल एस्टेट को इंडस्ट्री का दर्जा देने से फंड आसानी से उपलब्ध होगा और विदेशी निवेशकों की प्रतिभागिता बढ़ेगी। श्रीनिवास ने कहा, 'अंतरिम बजट की घोषणाओं से स्पष्ट है कि सरकार भारत को $5 ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देगी, ताकि 2047 तक विकसित भारत बनाने के सपने को साकार किया जा सके। इस लक्ष्य को पूरा करनें में रियल एस्टेट सेक्टर की भूमिका काफी अहम होने वाली है।'
राव ने आगे कहा, "तीसरी पारी में सरकार पहले ही पीएमएवाई के तहत 3 करोड़ घर बनाने का एलान कर चुकी है। इससे जाहिर होता है कि सरकार का रियल एस्टेट सेक्टर के प्रति नजरिया काफी सकारात्मक है। अगर सरकार 2024-25 के बजट में होम लोन पर कर छूट सीमा को बढ़ाती है, तो रेजिडेंशियल यूनिटों की मांग और भी बढ़ने की उम्मीद है।"
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