Gold Prices: सोने और चांदी की कीमतों में बड़ी गिरावट, चेक करें लेटेस्ट प्राइस
ग्लोबल मार्केट में सोने की मांग काफी कमजोर है। यह फैक्टर डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद से ही देखा जा रहा है। दुनियाभर के निवेशकों का अनुमान है कि ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद दूसरी करेंसियों के मुकाबले डॉलर कमजोर होगा। इस स्थिति में सोने की डिमांड की कमजोर होगी। इसी फैक्टर का असर दुनियाभर के बाजारों में देखा जा रहा है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। सोने की कीमतों में गिरावट का सिलसिला जारी है। वहीं, एक दिन की तेजी के बाद चांदी की चमक भी फीकी पड़ी है। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को सोने की कीमतों में एक बार फिर भारी गिरावट आई और यह 700 रुपये टूटकर 77,050 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। एक दिन पहले यानी बुधवार को इसमें 50 रुपये की मामूली गिरावट आई थी। चांदी भी 2,310 रुपये टूटकर 90,190 रुपये प्रति किलो पर आ गई। इसका पिछला बंद भाव 92,500 रुपये प्रति किलो पर था।
क्यों गिर रहे हैं सोने-चांदी के भाव
अखिल भारतीय सर्राफा संघ के मुताबिक, ग्लोबल मार्केट में सोने की मांग काफी कमजोर है। यह फैक्टर डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद से ही देखा जा रहा है। दुनियाभर के निवेशकों का अनुमान है कि ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद दूसरी करेंसियों के मुकाबले डॉलर कमजोर होगा। इस स्थिति में सोने की डिमांड की कमजोर होगी। इसी फैक्टर का असर दुनियाभर के बाजारों में देखा जा रहा है।
एमसीएक्स पर वायदा कारोबार में दिसंबर डिलीवरी वाले सोने के अनुबंध 804 रुपये या 1.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 73,678 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहे थे। दिन के कारोबार के दौरान गोल्ड 1,182 रुपये या 1.59 प्रतिशत की गिरावट के साथ 73,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया था।
गोल्ड प्राइस पर एक्सपर्ट की राय
एलकेपी सिक्योरिटीज के वीपी रिसर्च एनालिस्ट- कमोडिटी एंड करेंसी, जतिन त्रिवेदी ने कहा, "डॉलर के चढ़ने के साथ ही एमसीएक्स में सोने की कीमत 73,500 रुपये के करीब गिरने के साथ कमजोरी बनी रही। यूएस सीपीआई डेटा के 2.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद थी, लेकिन यह 2.6 प्रतिशत रहा। इससे भी डॉलर की मजबूती को बढ़ावा मिला।
त्रिवेदी का कहना है कि अमेरिकी फेड रिजर्व ने ब्याज दरों में कटौती जारी रखी है, क्योंकि मुद्रास्फीति अपने 2 प्रतिशत लक्ष्य के करीब पहुंच गई है। लेकिन, सीपीआई डेटा से चिंता बढ़ घई है कि आगे की कटौती रोकी जा सकती है।" त्रिवेदी ने कहा कि इस घटनाक्रम ने सोने की कीमतों पर दबाव बढ़ा दिया, जिसने मजबूत डॉलर और फेड नीति में संभावित बदलाव पर नकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की।
ट्रंप की नीतियों से सहमा सोना
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में कमोडिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा, "अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद डॉलर (यूएसडी) की तेजी जारी रही, जो नए साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई, जिससे सोने की कीमतों पर दबाव बना हुआ है।" निवेशकों का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों से डॉलर मजबूत होगा, इसलिए वे लगातार अमेरिकी डॉलर खरीद कर रहे हैं। इससे लगातार पांचवें दिन गोल्ड की प्राइस में गिरावट आई है।
जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज में ईबीजी - कमोडिटी एवं करेंसी रिसर्च के उपाध्यक्ष प्रणव मेर के अनुसार, व्यापारियों की नजर गुरुवार को आने वाले अमेरिकी उत्पादक मूल्य सूचकांक (पीपीआई) और साप्ताहिक बेरोजगारी दावों के आंकड़ों पर रहेगी। साथ ही, शुक्रवार को खुदरा बिक्री के आंकड़े और फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल और अन्य केंद्रीय बैंक अधिकारियों की टिप्पणियां भी अहम रहेंगी। यह भी पढ़ें : Gold Loan: गोल्ड लोन लेने जा रहे हैं, तो इन बातों का रखें ध्यान, बाद में नहीं होगी कोई परेशानी