Hyundai IPO Listing: हुंडई आईपीओ की शेयर मार्केट में कब होगी एंट्री, कितना मिल सकता है लिस्टिंग गेन?
Hyundai IPO Listing Date हुंडई मोटर इंडिया के आईपीओ की कल शेयर मार्केट में NSE और BSE पर लिस्टिंग हो सकती है। हुंडई के आईपीओ की काफी चर्चा थी लेकिन इसे निवेशकों का वैसा रिस्पॉन्स मिला नहीं। रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व हिस्सा महज 50 फीसदी सब्सक्राइब हुआ। इसके जीएमपी में भी लगातार गिरावट देखी गई। आइए जानते हैं कि हुंडई आईपीओ को निवेशकों की अच्छी प्रतिक्रिया क्यों नहीं मिली।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। देश के बहुचर्चित हुंडई मोटर इंडिया के आईपीओ की लिस्टिंग मंगलवार, 22 अक्टूबर 2024 को होगी। पिछले कुछ ही दिनों के भीतर इस आईपीओ ने भारी उतार-चढ़ाव देखा है। इसे लेकर शुरुआत में निवेशक काफी उत्साहित थे, क्योंकि करीब दो दशक बाद कोई ऑटो मेकर आईपीओ लाकर शेयर मार्केट में लिस्ट हो रही थी। आखिरी दफा मारुति सुजुकी आईपीओ लाई थी, वो भी 2003 में।
हुंडई मोटर इंडिया के इश्यू को देश का सबसे बड़ा आईपीओ बताकर जोरशोर से प्रचारित किया गया। लेकिन, आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए खुलने पर निवेशकों ने अच्छी प्रतिक्रिया नहीं दी। खासकर, रिटेल इन्वेस्टर्स ने। उनके लिए रिजर्व हिस्सा महज 50 फीसदी ही सब्सक्राइब हुआ। हालांकि, आखिरी दिन तक यह पब्लिक इश्यू ओवरऑल 2.37 गुना भर गया।
Hyundai IPO का लेटेस्ट GMP
हुंडई आईपीओ को ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) शुरुआत में काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला था। लेकिन, फिर वह एकाएक क्रैश हो गया। एक वक्त तो हुंडई आईपीओ का जीएमपी नेगेटिव में चला गया था। हालांकि, अब इसने थोड़ी रफ्तार बढ़ाई है। हुंडई आईपीओ की लेटेस्ट जीएमपी 95 रुपये है, जो 4.85 फीसदी लिस्टिंग गेन का संकेत दे रही है। इसके आईपीओ पर सबसे अधिक 585 रुपये तक जीएमपी गया था।ग्रे मार्केट एक अन-ऑफिशियल मार्केट है, जहां लिस्टिंग से पहले शेयर का कारोबार होता है। ग्रे मार्केट की स्थिति लगातार बदलती रहती है। इसके आधार पर अंदाजा लगाया जाता है कि किसी कंपनी के शेयर की डिमांड कैसी है। हालांकि, एक्सपर्ट जोर देते हैं कि किसी कंपनी के आईपीओ में पैसा लगाने से पहले उसके जीएमपी से अधिक फंडामेंटल पर गौर करना चाहिए।
हुंडई IPO को फीका रिस्पॉन्स क्यों
हुंडई के आईपीओ में ज्यादातर निवेशक शुरू से ही दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे। इसकी बड़ी वजह थी आईपीओ का पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल होना। इसका मतलब कि आईपीओ से मिलने वाले पूरे पैसे प्रमोटर को मिलेंगे और उसे हुंडई मोटर इंडिया के कामकाज को बेहतर करने के लिए निवेश नहीं किया जाएगा।फिर रही-सही कसर प्राइस बैंड ने पूरी कर दी, जो निवेशकों की नजर में ओवरवैल्यूएड थी और उनके लिए मुनाफे की ज्यादा गुंजाइश नहीं छोड़ती थी। अगर हुंडई ऑफर फॉर सेल के साथ फ्रेश इक्विटी भी जारी करती और प्राइस थोड़ा कम रखती, तो इसे निवेशकों का शानदार रिस्पॉन्स मिल सकता था। फिर शायद आईपीओ निवेशकों को और भी लिस्टिंग गेन मिलता।
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