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Insurance के लिए खत्म हुई Age Limit की टेंशन, जानिए क्‍या है इसके मायने

Health Insurance आज के समय में बहुत जरूरी है। यह आपात स्थिति में काफी मदद आता है। देश में सभी के पास हेल्थ इंश्योरेंस हो खासकर सीनियर सिटीजन के पास इसके लिए अप्रैल में IRDAI ने सर्कुलर जारी किया है। सर्कुलर के अनुसार अब हेल्थ इंश्योरेंस लेने के लिए कोई आयु की सीमा नहीं है। इरडा के फैसले से आम जनता और इंश्योरेंस सेक्टर को कैसे लाभ होगा?

By Priyanka Kumari Edited By: Priyanka Kumari Updated: Fri, 10 May 2024 08:15 AM (IST)
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Insurance after Retirement: इंश्योरेंस लेने की कोई उम्र नहीं
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। Insurance after Retirement: आज के समय में हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) बहुत जरूरी हो गया है। बीमारी कभी भी बता कर नहीं आती है। ऐसे में जब कोई गंभीर बीमारी या फिर सामान्य बीमारी होती है तो हमें उसके खर्चों को लेकर काफी टेंशन होती है।

कई बार पैसों की कमी की वजह से हम सही इलाज भी नहीं करवा पाते हैं। वहीं कई बार इलाज के लिए हमें उधार लेना पड़ जाता है जो हमें फाइनेंशियल तौर पर कमजोर करता है। ऐसी स्थिति में इलाज के खर्चों को कम करने के लिए मेडिक्लेम (Mediclaim) काफी अच्छा ऑप्शन है।

देश में कई लोगों के पास अभी तक हेल्थ इंश्योरेंस नहीं है। अगर सीनियर सिटीजन की बात करें तो गंभीर बीमारी या फिर इनकम सोर्स न होने की वजह कंपनियां उन्हें इंश्योरेंस नहीं देती है। अब यह नहीं होगा। दरअसल, पिछले कारोबारी साल तक हेल्थ इंश्योरेंस के लिए आयु की सीमा थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है।

भारतीय बीमा विनियामक व विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने इस साल इंश्योरेंस की उम्र सीमा को हटा दिया है इसको लेकर अप्रैल में इरडा ने सर्कुलर जारी किया था। इरडा ने सर्कुलर में साफ कहा कि अब 65 साल से ज्यादा आयु वाले व्यक्ति भी हेल्थ इंश्योरेंस ले सकते हैं।

आज हम आपको बताएंगे कि इरडा के इस फैसला से हेल्थ सेक्टर के साथ आम जनता को किस प्रकार लाभ होगा?

हरित भार्गव, फाइनेंशियल एडवाइजर ने कहा कि

IRDAI के इस फैसले से सीनियर सिटीजन को बहुत लाभ मिलेगा। अब 65 साल से ज्यादा आयु के व्यक्ति को अगर कोई गंभीर बीमारी है तब भी उसका हेल्थ इंश्योरेंस हो सकेगा । इससे कहीं न कहीं उनके मेडिकल खर्चों  का बोझ कम होगा और सीनियर सिटीजन इसका फायदा उठा सकते हैं । सभी इंश्योरेंस कंपनियां अपने सीनियर सिटीजन के लिए नए प्रोडक्ट लॉन्च करने में जोरो से लग गई हैं। IRDAI के फैसले के बाद इंश्योरेंस सेक्टर में तेजी देखने को मिलेगी।

नया स्वास्थ्य बीमा प्रावधान कैसे मदद करेगा?

पिछले कारोबारी साल तक 65 साल से ज्यादा उम्र वाले व्यक्ति को हेल्थ इंश्योरेंस लेने में काफी परेशानी होती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। इरडा ने इंश्योरेंस कंपनियों को आदेश दिया है कि वह अब किसी भी व्यक्ति को हेल्थ इंश्योरेंस देने से मना नहीं कर सकते हैं।

इसके अलावा भारतीय बीमा विनियामक व विकास प्राधिकरण ने कंपनियों को कहा कि वह सीनियर सिटीजन के साथ स्टूडेंट, बच्चों के लिए स्पेशल इंश्योरेंस प्रोडक्ट डिजाइन करें। जिससे सभी वर्ग के लोग आसानी से इंश्योरेंस ले पाएं।

वर्तमान में कुछ इंश्योरेंस कंपनियां ही हैं जो सिनीयर सिटीजन के लिए स्पेशल पॉलिसी चलाती है। अब सभी कंपनियां सभी वर्ग के लिए स्पेशल इंश्योरेंस प्रोडक्ट लॉन्च करेगी, जिसके बाद इंश्योरेंस होल्डर की संख्या में तेजी देखने को मिल सकती है।

अगर किसी सीनियर सिटीजन को पिछले वित्त वर्ष में किसी वजह से हेल्थ इंश्योरेंस नहीं मिला है तो वह इरडा के फैसले के बाद आसानी से मेडिक्लेम ले सकता है।

इरडा ने पॉलिसी के वेटिंग पीरियड (Policy Waiting Period) को भी कम कर दिया है। अब पॉलिसी का वेटिंग पीरियड 48 महीने के बजाय 36 महीने हो गया है।

इसे ऐसे समझिए कि अगर किसी पॉलिसी होल्डर को कैंसर, हार्ट और एड्स जैसी गंभीर बीमारियां हैं तो उसे पॉलिसी में कवर करने में जहां पहले 8 साल लगता था वो अब मात्र 5 साल में कवर हो जाएगा।

वहीं, अगर किसी व्यक्ति ने 31 मार्च 2024 से पहले हेल्थ इंश्योरेंस लिया है तो उनकी सभी बीमारी मात्र 6 साल में कवर हो जाएगी। इसके अलावा क्लेम सेटलमेंट में भी इरडा ने सुधार किया है।    

IRDAI के फैसले का क्या होगा असर?

इरडा द्वारा नया स्वास्थ्य बीमा प्रावधान जारी होने के बाद हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में तेजी देखने को मिल सकती है। अगर बच्चों, स्टूडेंट और सीनियर सिटीजन के अलग इंश्योरेंस प्लान होगा तो पॉलिसी होल्डर की संख्या में तेजी आएगी। जिसकी वजह से इंश्योरेंस सेक्टर में वृद्धि हो सकती है।

अगर सभी वर्ग के लिए स्पेशल प्लान होगा तो लोग हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने में दिलचस्पी दिखाएंगे। जनरल इंश्योरेंस काउंसिल ने हेल्थ इंश्योरेंस द्वारा प्रीमियम से होने वाली कमाई के आंकड़े जारी किये थे। इन आंकड़ों के अनुसार मार्च 2024 को समाप्त कारोबारी साल में हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों ने 1.09 लाख करोड़ रुपये इंश्योरेंस प्रीमियम से जुटाए हैं।

ऐसे में उम्मीद है कि अगर इंश्योरेंस प्रोडक्ट की संख्या में तेजी आई तो इंश्योरेंस कंपनियों को भी वित्तीय लाभ होगा।

भारत सरकार द्वारा भी देश के सभी जन के पास हेल्थ इंश्योरेंस हो इसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार ने पहले ही कमजोर वर्ग के लिए प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) चला रही है। यह एक तरह का मेडिक्लेम है। इसमें लाभार्थी 5 लाख रुपये तक का फ्री में इलाज करवा सकता है।

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सीनियर सिटीजन को कैसे होगा लाभ?

IRDAI के इस फैसले से सीनियर सिटीजन को बहुत लाभ मिलेगा। अगर अब 65 साल से ज्यादा आयु वाले व्यक्ति को गंभीर बीमारी है तब भी उसे हेल्थ इंश्योरेंस का लाभ मिलेगा। इससे कहीं न कहीं उनके मेडिकल खर्चों को बोझ कम होगा।

इस फैसले के बाद सीनियर सिटीजन भी बेहतर हेल्थ सर्विस का लाभ उठा पाएंगे। पहले उनकी उम्र की वजह उन्हें हेल्थ इंश्योरेंस नहीं मिलता था पर अब वह बिना किसी वित्तीय बोझ के मेडिकल ट्रीटमेंट करवा पाएंगे।

इरडा ता यह फैसला इंश्योरेंस सेक्टर के लिए एक बेहतर कदम है। यह एक तरफ सीनियर सिटीजन को हेल्थ सर्विस दे रहा और साथ इंश्योरेंस मार्केट को भी मजबूत कर रहा है।

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