Bangladesh Crisis: क्या डूब जाएगी बांग्लादेश की इकोनॉमी? अमेरिकी रेटिंग एजेंसी ने घटाया ग्रोथ का अनुमान
मूडीज की रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा हिंसा और कर्फ्यू के चलते कई कंपनियां बांग्लादेश में अपना कारोबार जारी रखने के बारे में दोबारा विचार कर सकते हैं। कुछ व्यवसायों ने अपने ऑर्डर पहले ही दूसरे देशों में भेज दिए हैं ताकि सप्लाई के मोर्चे पर कोई दिक्कत नहीं आए। रिपोर्ट में कहा गया कि यह संभावित रूप से बांग्लादेश के आर्थिक पतन का संकेत हो सकता है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश में सियासी संकट का असर अर्थव्यवस्था भी पड़ने वाला है। अमेरिका की प्रतिष्ठित रेटिंग एजेंसी मूडीज ने एक हालिया रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि बांग्लादेश की इकोनॉमी लुढ़कर वापस कोरोना महामारी वाले दौर में जा सकती है। मूडीज ने बांग्लादेश में लागू कर्फ्यू से देश की अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान पहुंचने का अंदेशा जताया है।
क्या कहती है मूडीज की रिपोर्ट?
मूडीज की रिपोर्ट का कहना है कि बांग्लादेश में मौजूदा संघर्ष शुरू होने से पहले ही आर्थिक मोर्चे पर कई चुनौतियों से जूझ रहे थे। जैसे कि वैश्विक स्तर पर सुस्त डिमांड और कड़ी प्रतिस्पर्धा। अब मौजूदा हिंसा से इन व्यवसायों के बंद का खतरा भी बढ़ गया है। यह बांग्लादेश की इकोनॉमिक ग्रोथ के लिए बड़ी चुनौती है। अगर इससे जल्द ने निपटा गया, तो आर्थिक हालात काफी ज्यादा बिगड़ सकते हैं।
बांग्लादेश में कर्फ्यू आर्थिक तौर पर कोरोना महामारी वाले लॉकडाउन की याद दिलाता है। अगर बांग्लादेश में स्थिति शांत नहीं होती है और व्यवसायों को लंबे समय तक बंद रहने के लिए मजबूर किया जाता है, तो हमें निर्यात में काफी गिरावट की आशंका है। इस स्थिति में बांग्लादेश की जीडीपी ग्रोथ के लिए समस्याएं काफी ज्यादा बढ़ जाएंगी।
मूडीज, अमेरिकी रेटिंग एजेंसी
जीडीपी ग्रोथ का अनुमान भी घटाया
मूडीज ने पहले अनुमान जताया था कि 2024 में बांग्लादेश की जीडीपी ग्रोथ 5.4 फीसदी रहेगी। लेकिन, अब इसे घटाकर 5.1 प्रतिशत कर दिया है। मूडीज की रिपोर्ट में कहा गया है, 'हमने अभी के लिए बांग्लादेश के जीडीपी ग्रोथ के पूर्वानुमान को 5.4 प्रतिशत से घटाकर 5.1 प्रतिशत कर दिया है। यह अनंतिम आंकड़ा है, जो राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक उथल-पुथल की अवधि और गंभीरता पर निर्भर करता है।'
बांग्लादेश से बाहर निकलेंगी कंपनियां?
मूडीज की रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा हिंसा और कर्फ्यू के चलते कई कंपनियां बांग्लादेश में अपना कारोबार जारी रखने के बारे में दोबारा विचार कर सकते हैं। कुछ व्यवसायों ने अपने ऑर्डर पहले ही दूसरे देशों में भेज दिए हैं, ताकि सप्लाई के मोर्चे पर कोई दिक्कत नहीं आए। रिपोर्ट में कहा गया कि यह संभावित रूप से बांग्लादेश के आर्थिक पतन का संकेत हो सकता है, क्योंकि तेल की कीमतें बढ़ने से बांग्लादेश के आयात की लागत भी काफी बढ़ी है और व्यापार संतुलन प्रभावित हुआ है।
(पीटीआई से इनपुट के साथ)
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