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    Dhirubhai Ambani ने इन 5 रूल्स से हासिल की कामयाबी, बिजनेस में मिली अपार सफलता; आपने पढ़े क्या?

    Updated: Sun, 07 Dec 2025 12:03 PM (IST)

    धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani), एक साधारण व्यक्ति से भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक साम्राज्य के निर्माता बने। उनकी सफलता की रणनीतियों में नवाचार पर ...और पढ़ें

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    धीरूभाई अंबानी की सफलता के 5 सबसे अहम मंत्र

    नई दिल्ली। धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) भारत के उन टॉप उद्यमियों में से हैं, जिन्होंने एक साधारण नौकरी से अपना सफर शुरू करके देश के सबसे बड़े बिजनेस साम्राज्यों में से एक खड़ा किया। उनकी सफलता के पीछे कुछ ऐसी रणनीतियाँ थीं, जो आज भी हर कारोबारी के लिए प्रेरणा हैं। यहां हम उनकी टॉप 5 बिजनेस स्ट्रैटेजी पर चर्चा करेंगे।

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    इनोवेशन पर खास फोकस

    धीरूभाई इनोवेशन के भूखे थे। उन्होंने भारत में सबसे पहले बैकवर्ड इंटीग्रेशन का मॉडल अपनाया – यानी कच्चे माल से लेकर तैयार प्रोडक्ट तक सब कुछ खुद के नियंत्रण में रखा। इससे लागत घटी और क्वालिटी बढ़ी। वे हमेशा सबसे नई टेक्नोलॉजी लाते थे और R&D में भारी निवेश करते थे। वे “जो आज नया करता है, वही कल बाजार पर राज करता है” पर विश्वास करते थे।

    नेटवर्किंग में थी महारत

    धीरूभाई को “नेटवर्किंग का बादशाह” कहा जाए तो गलत नहीं होगा। वे राजनेताओं, अफसरों, बिजनेसमैन से लेकर आम आदमी तक – हर किसी से गहरे रिश्ते बनाते थे। ये रिश्ते सिर्फ दिखावा नहीं, बल्कि बिजनेस के लिए ऑक्सीजन थे। लाइसेंस, फंडिंग, सरकारी प्रोजेक्ट – सब कुछ उनके मजबूत नेटवर्क की बदौलत मिलता था।

    रिस्क से नहीं घबराए

    धीरूभाई का सबसे बड़ा मंत्र था बिना रिस्क के बिजनेस नहीं होता। छोटी-सी पूंजी से शुरू करके उन्होंने देश की सबसे बड़ी कंपनी बनाई। शेयर मार्केट में इक्विटी कल्चर लाना, सीधी टक्कर लेना, बड़े-बड़े प्रोजेक्ट हाथ में लेना – हर कदम पर रिस्क था, लेकिन कैलकुलेटेड रिस्क।

    कस्टमर का पूरा ख्याल

    धीरूभाई को भारतीय उपभोक्ता की नब्ज पता थी। वे जानते थे कि भारतीय मिडिल क्लास को अच्छी क्वालिटी सस्ते में चाहिए। इसलिए उन्होंने “विमल” जैसे ब्रांड बनाए जो आम आदमी की पहुंच में थे। उनका फोकस हमेशा यह था कि ग्राहक खुश रहेगा तो बिजनेस अपने आप बढ़ेगा।

    करिश्माई लीडर

    धीरूभाई अंबानी करिश्माई लीडर थे। वे खुद कई-कई घंटे काम करते थे और अपनी टीम से भी वही जुनून की उम्मीद रखते थे। लेकिन वे अपने लोगों का पूरा ख्याल रखते थे। उन्होंने हजारों लोगों को लॉयल और सक्षम लीडर बनाया। उनकी सबसे बड़ी ताकत थी कि वे सपने बेचते थे और लोग उनके साथ चल पड़ते थे।

    ये पाँच रणनीतियाँ सिर्फ धीरूभाई अंबानी की नहीं, बल्कि हर उस भारतीय सपने की हैं – जहाँ एक साधारण इंसान असाधारण ऊँचाइयों को छू सकता है।

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