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Fraud Prevention: सेबी ने धोखाधड़ी रोकने के लिए संस्थागत व्यवस्था को अनिवार्य बनाया

Fraud Prevention in Stock Broking ये सभी प्रविधान सेबी (शेयर ब्रोकर) (संशोधन) विनियम 2024 का हिस्सा हैं जिसका उद्देश्य बाजार की अखंडता और निवेशक सुरक्षा के उच्च मानकों को सुनिश्चित करना है। मानकों का कार्यान्वयन शेयर ब्रोकर के आकार पर निर्भर करेगा। 50000 से अधिक सक्रिय विशिष्ट ग्राहक कोड (यूसीसी) वाले ब्रोकर के लिए एक जनवरी 2025 तक इसका अनुपालन करना जरूरी है।

By Agency Edited By: Praveen Prasad Singh Thu, 04 Jul 2024 08:21 PM (IST)
शेयर बाजार के निवेशकों के‍ हितों की रक्षा के लिए सेबी ने यह कदम उठाया है।

पीटीआई, नई दिल्ली। मार्केट रेगुलेटर सेबी ने प्रतिभूति बाजार में निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए शेयर ब्रोकिंग कंपनियों को धोखाधड़ी यानी बाजार के दुरुपयोग को रोकने और उसका पता लगाने के लिए एक संस्थागत तंत्र स्थापित करने के लिए कहा है। सेबी ने गुरुवार को एक परिपत्र में ब्रोकिंग कंपनियों के लिए कारोबारी गतिविधियों और आंतरिक नियंत्रण की निगरानी के लिए प्रणालियां लागू करने और व्हिसल-ब्लोअर नीति की शुरुआत को अनिवार्य कर दिया है।

ये सभी प्रविधान सेबी (शेयर ब्रोकर) (संशोधन) विनियम, 2024 का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य बाजार की अखंडता और निवेशक सुरक्षा के उच्च मानकों को सुनिश्चित करना है। मानकों का कार्यान्वयन शेयर ब्रोकर के आकार पर निर्भर करेगा। 50,000 से अधिक सक्रिय विशिष्ट ग्राहक कोड (यूसीसी) वाले ब्रोकर के लिए एक जनवरी, 2025 तक इसका अनुपालन करना जरूरी है।

इसके अलावा 2,001 से लेकर 50,000 तक सक्रिय यूसीसी वाले ब्रोकर को एक अप्रैल, 2025 तक इसका अनुपालन करना होगा। वहीं 2,000 तक सक्रिय यूसीसी वाले ब्रोकरों को एक अप्रैल, 2026 तक इसका अनुपालन करना होगा। इसके अलावा पात्र शेयर ब्रोकर को संचालन और ग्राहक व्यवहार की निगरानी के लिए अपने मौजूदा दायित्वों पर विचार करते हुए एक अगस्त, 2024 तक इन शर्तों का पालन करना होगा। सेबी ने शेयर बाजारों को इस परिपत्र के प्रावधानों को शेयर ब्रोकरों के ध्यान में लाने और अपनी-अपनी वेबसाइट पर भी इसका प्रचार करने का निर्देश दिया।