कोई नहीं जानता बचेगा या डूब जाएगा आपका पैसा, अगर प्लानिंग है तो पैनिक होने का डर कैसा
कोई सेक्टर या कोई खास फंड अच्छा या खराब करने लगता है तो निवेशक पैनिक में या तो उसकी तरफ भागते हैं या उससे दूर। ये उस निवेश के पीछे भागना होता है जो पहले तो अच्छा प्रदर्शन कर रहा था और आने वाले वक्त में कम अच्छा प्रदर्शन करेगा।
By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Sun, 16 Apr 2023 08:49 PM (IST)
धीरेंद्र कुमार, नई दिल्ली। बिना प्लान वाले निवेशक अक्सर अचानक होने वाली घटना से घबरा जाते हैं। कई बार ये पैनिक असल होता है और कई बार थोपा गया होता है। हाल ही में कई म्यूचुअल फंड निवेशकों ने खुद थोपा गया पैनिक झेला। कुछ इसके शिकार हुए और कुछ नहीं। अगर पैनिक आप आपको बस छूकर गुजर गया, तो खुद को किस्मत वाला समझिए।
ज्यादा संभावना इस बात की है कि इसमें आपकी किस्मत का कोई हाथ नहीं होगा, क्योंकि एक निवेशक के तौर पर आप जानते थे कि आप क्या कर रहे थे। इसके लिए आपको मुबारकबाद। जो लोग पैनिक में थे, उन्हें समझने की कोशिश करनी चाहिए कि उन्होंने ऐसा क्यों किया।
ऐसे शुरू होता है पैनिक इफेक्ट
बात सिर्फ इतनी-सी है कि कुछ म्यूचुअल फंड कैटेगरी के टैक्स में बदलाव हुए। आंकड़े बताते हैं कि जिन निवेशकों पर इसका सबसे ज्यादा असर हुआ, वो ऐसे लोग थे जो आमतौर पर डेट फंड निवेश को तीन साल या उससे ज्यादा समय के लिए होल्ड करते हैं। क्योंकि डेट फंड आमतौर पर शार्ट-टर्म के इस्तेमाल के लिए होते हैं। इसलिए ये उतनी बड़ी बात नहीं होनी चाहिए थी।
हालांकि, फंड बेचने वालों ने कई निवेशकों पर काफी जोर डाला कि उन्हें टैक्स में हुए बदलावों की घोषणा और एक अप्रैल से उनके लागू होने के पहले बचे हुए 4-5 दिनों में ही तुरंत निवेश कर लेना चाहिए।
इससे हुआ ये कि पांच दिन के भीतर यानी 27 से 31 मार्च के बीच डेट फंड कैटेगरी में 39,325 करोड़ निवेश किए गए। महीने के पहले हिस्से से इसकी तुलना करें तो पता चलेगा कि तब केवल 4,430 करोड़ का निवेश हुआ था। इस आंकड़े तक पहुंचने के लिए रोजाना का एयूएम और फंड्स का एनएवी देखा गया। पर, ये भेड़ चाल शुरू क्यों हुई? जरा इस बारे में सोचिए।