JP Associates को खरीदने की सबसे बड़ी बोली लगाने वाली वेदांता के होंगे 5 हिस्से! NCLT ने डीमर्जर पर सुरक्षित रखा फैसला
वेदांता के डीमर्जर (Vedanta Demerger) मामले में एनसीएलटी ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। वेदांता ने जेपी एसोसिएट्स को खरीदने के लिए सबसे बड़ी बोली ...और पढ़ें

नई दिल्ली। Vedanta Demerger: JP Associates को खरीदने के लिए सबसे बड़ी बोली लगाने वाली अनिल अग्रवाल की वेदांता के डीमर्जर पर नई खबर सामने आई है। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने बुधवार को वेदांता विभाजन मामले (Vedanta Demerger News) पर संक्षिप्त सुनवाई की और अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। एनसीएलटी की नवगठित पीठ ने कंपनी अधिनियम की धारा 230-232 के तहत कंपनी के प्रस्तावित विभाजन पर नियामक मंजूरी मांगने वाली वेदांता की याचिका पर सुनवाई की।
सितंबर में अनिल अग्रवाल की वेदांता ने दिवालिया हो चुकी जयप्रकाश एसोसिएट्स को खरीदने के लिए 17 हजार करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। वेदांता सबसे बड़ी बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरी थी। अब वेदांता जल्द ही 5 हिस्सों में बंटेगी।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय (MoPnG) का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने वेदांता के विभाजन के बाद संभावित वित्तीय जोखिमों और धातु एवं खनन समूह द्वारा हाइड्रोकार्बन परिसंपत्तियों के कथित गलत चित्रण और देनदारियों के अपर्याप्त प्रकटीकरण पर चिंताओं का हवाला दिया। मंत्रालय के वकील ने कहा कि एमओपीएनजी तथ्यों को छिपाने के बारे में भी खुलासा चाहता है, जिसमें अन्वेषण ब्लॉकों को वेदांता की संपत्ति के रूप में दिखाना और उन परिसंपत्तियों के आधार पर लिए गए लोन का विवरण आदि शामिल है।
Vedanta के वकील ने कही यह बात
वेदांता के वकील ने कहा कि कंपनी ने पहले ही सभी आवश्यक मानदंडों का पालन कर लिया है। उन्होंने न्यायाधिकरण को यह भी बताया कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने प्रकटीकरण और अनुपालन संबंधी मुद्दों पर पूर्व चेतावनियों के बाद कंपनी की संशोधित विभाजन योजना को मंजूरी दे दी है।
वेदांता के एक प्रवक्ता ने कहा, "कंपनी प्रस्तावित विभाजन के लिए प्रतिबद्ध है, जिसका उद्देश्य एल्युमीनियम, तेल एवं गैस, बिजली, तथा लोहा एवं इस्पात क्षेत्रों में स्वतंत्र, क्षेत्र-विशिष्ट संस्था बनाना है।"
डीमर्जर के बाद Vedanta की कितनी कंपनियां हो जाएंगी
डीमर्जर के बाद वेदांता (Vedanta Demerger) के अलग-अलग बिजनेस अलग-अलग कंपनियों के तहत आ जाएंगे। जिस प्रकार Tata Motors का डीमर्जर हुआ था और कंपनी दो हिस्सों में बंट गई थी।
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- Vedanta Limited
- Vedanta Aluminium
- Vedanta Oil & Gas
- Vedanta Steel & Ferrous Materials
- Vedanta Power
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