Move to Jagran APP

MS Dhoni जब अपने 10,000 रन की खुशी नहीं मना पाए, Ravi Shastri ने ड्रेसिंग रूम में जमकर लगाई थी फटकार; जानें पूरा मामला

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) दुनिया के सबसे महान कप्तानों में से एक हैं। धोनी की अगुआई में भारत ने आईसीसी के तीन खिताबों को अपने नाम किया है लेकिन एक ऐसा समय था जब दिग्गज फिनिशर की पारी ने पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री को नाराज कर दिया था। आइए जानते हैं उस मैच का किस्सा।

By Priyanka Joshi Edited By: Priyanka Joshi Updated: Wed, 25 Sep 2024 02:37 PM (IST)
Hero Image
जब MS Dhoni पर भड़के थे पूर्व भारतीय कोच Ravi Shastri
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। बात है साल 2018 की, जब भारतीय टीम इंग्लैंड के दौरे पर गई थी। इंग्लैंड के खिलाफ टी20 सीरीज जीतने के बाद वनडे सीरीज में जीतने के इरादे से भारतीय टीम उतरी थी।

पहले वनडे में टीम इंडिया ने जीत भी दर्ज कर ली थी, लेकिन दूसरे वनडे में उसे करारी हार का सामना करना पड़ा था। भारत की हार के जिम्मेदार पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी बने थे।

भारतीय टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने धोनी को इस मैच के बाद ड्रेसिंग रूम में खूब खरी-खोटी सुनाई थी। आखिर क्या थी इसके पीछे की वजह आइए जानते हैं इस आर्टिकल के जरिए।

जब MS Dhoni पर भड़के थे पूर्व भारतीय कोच Ravi Shastri

दरअसल, 2018 की बात है जब भारत-इंग्लैंड के बीच दूसरे वनडे मैच खेला जा रहा था। इस मैच में भारतीय टीम को जीत के लिए 323 रन बनाने थे, लेकिन टीम के प्रदर्शन को देखकर ऐसा लग रहा था कि खिलाड़ियों ने उन्होंने लक्ष्य तक पहुंचाने की कोशिश ही नहीं की।

उस मैच में एमएस धोनी ने काफी धीमी बल्लेबाजी की और यह वहीं मैच था जिसमें माही ने वनडे क्रिकेट में अपने 10,000 रन पूरे कर लिए थे, लेकिन फिर भी धोनी इस उपलब्धि से खुश नहीं थे।

यह भी पढ़ें: Rishabh Pant की धोनी से तुलना करना Dinesh Karthik को नहीं हुआ हजम, पूर्व क्रिकेटर ने बयां की मन की बात

धोनी 10000 टेस्ट रन बनाने के बावजूद नहीं थे खुश

भारत को उस मैच में इंग्लैंड के हाथों 86 रन से शिकस्त झेलनी पड़ी थी। पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री ने धोनी को टारगेट करते हुए एक काफी गुस्से से भरी प्रतिक्रिया दी थी।

पूर्व फील्डिंग आर श्रीधर ने अपनी बुक 'कोचिंग बियॉन्ड' में इस किस्से का जिक्र किया। उन्होंने लिखा कि जब तक विराट कोहली और सुरेश रैना क्रीज पर डटे हुए थे तब तक मैच भारत के पक्ष में था, लेकिन एक विकेट गंवाने के बाद धोनी के पास कंपनी देने के लिए केवल गेंदबाज ही बचे थे।

उस समय उन्होंने धीमी बल्लेबाजी की। हमें 10 रन प्रति ओवर की जरूरत थी। उस समय हमने 6 ओवर में 20 रन बनाए। हम धोनी के 10000 वनडे रन पूरे होने पर काफी खुश थे, लेकिन हम जानना चाहता थे कि उन्होंने टारगेट तक पहुंचने की कोशिश क्यों नहीं की।

यह भी पढ़ें: On This Day: 24 साल का सूखा हुआ खत्म, ड्रीम फाइनल में पाकिस्तान को हरा वर्ल्ड चैंपियन बना भारत, माही युग की हुई शुरुआत

उन्होंने अपनी किताब में आगे लिखा था कि रवि शास्त्री ने आखिरी वनडे से पहले कहा था कि ये जरूरी नहीं है कि आप क्या हैं। ऐसा दूसरा मौका नहीं होना चाहिए जब टीम मैच जीतने की कोशिश ही न करें। मेरे रहते हुए ये बिल्कुल भी नहीं होगा, लेकिन अगर कोई ऐसा करता है तो वह उसका आखिरी मैच होगा। आप एक मुकाबला हार सकते हैं उसमें शर्मिंदा होने की बात नहीं है लेकिन हम ऐसे नहीं हारेंगे।