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IPL 2023 में युवाओं के जोश से लेकर के वरिष्ठ खिलाड़ियों के होश तक, Harbhajan Singh ने बताई कई मजेदार बातें

भारत के पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने आईपीएल 2023 में घटे कई शानदार घटनाओं पर बातचीत की। इस लीग में खेल रहे युवा से लेकर अनुभवी खिलाड़ियों से जुड़ी कई बातें बताई। वहीं आगामी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप को लेकर कुछ अहम बातें कही।

By Abhishek TripathiEdited By: Piyush KumarUpdated: Tue, 02 May 2023 06:05 PM (IST)
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भारत के पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह की फाइल फोटो।(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)
अभिषेक त्रिपाठी, स्पोर्ट्स डेस्क। पूर्व भारतीय ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह का मानना है कि आस्ट्रेलिया के विरुद्ध सात जून से होने वाले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में केएल राहुल को विकेटकीपिंग का जिम्मा संभालना चाहिए और इसके लिए उन्हें अभी से आइपीएल में ही दस्ताने पहन लेने चाहिए। मालूम हो कि लखनऊ सुपरजायंट्स के कप्तान राहुल अभी विकेटकीपिंग नहीं कर रहे हैं। निकोलस पूरन लखनऊ के लिए विकेट के पीछे जिम्मा संभाल रहे हैं।

टीवी प्रसारक स्टार स्पो‌र्ट्स के कमेंट्री पैनल में शामिल हरभजन सिंह से अभिषेक त्रिपाठी ने विशेष बातचीत की।

पेश हैं मुख्य अंश- --

सवाल- यशस्वी जायसवाल ने मुंबई इंडियंस के विरुद्ध शतक लगाया। टीम इंडिया में उनके भविष्य को कैसे देखते हैं?-

जवाब- मैंने यशस्वी के लिए कमेंट्री बाक्स में खड़े होकर तालियां बजाई हैं। उसकी क्या कहानी है और फिर खेलने का अंदाज निराला है। युवाओं में उससे बेहतर सलामी बल्लेबाज अभी कोई नहीं है। वह पूरी तरह तैयार है और किसी भी दिन भारतीय टीम में शामिल हो सकता है।

ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड किसी के भी विरुद्ध वह खेल सकते हैं और उनके पदार्पण के लिए इंतजार नहीं करना चाहिए। यशस्वी शानदार क्रिकेट खेलते हैं। वह तेज गेंदबाज और स्पिनर दोनों को अच्छे से खेलते हैं। यशस्वी दिखा रहे हैं कि टी-20 प्रारूप को किस तरह खेला जाता है। उसकी जो कहानी है वो सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत है। आप कहां से आते हो यह मायने नहीं रखता, बल्कि अपने सपनों को पूरा करने के लिए कितनी मेहनत करते हो यह महत्वपूर्ण है। यशस्वी ने ये करके दिखाया।

सवाल- कई क्रिकेटरों की कहानियां होती है, जो गरीबी से आकर संघर्ष करके इस स्तर पर पहुंचते हैं। ऐसे में यहां तक का सफर करना कितना कठिन होता है?

जवाब- चुनौती तो हर किसी के जीवन में होती है और सभी का संघर्ष भी अलग है। यशस्वी की कहानी ऐसी है कि वह अपने पिताजी के गोलगप्पे के काम में लगे। उन्होंने बताया कि जब वर्षा होती थी तो उनके लिए दैनिक क्रियाओं के लिए जाना मुश्किल हो जाता था। इतना पानी भरा होता था।

आप सोचकर देखो कि उनके लिए सामान्य सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं थी, लेकिन अब यशस्वी खुद इस लायक बन गए हैं कि वह अपने परिवार को देख सकते हैं। वह मकान, गाड़ी कुछ भी खरीद सकते हैं। ये आइपीएल और क्रिकेट की ऐसे खिलाड़ियों पर बड़ी देन है।

मैं सोचता हूं कि अगर आइपीएल नहीं होता तो क्या होता। बीसीसीआइ की आइपीएल शुरू करना सबसे बड़ी पहल है। अब दुनिया यशस्वी को जानती है। वह जहां खेले वहां उन्होंने रन बनाए। जिस तरह के उनके हालात थे तो सोचिए उनकी मानसिक स्थिति कितनी मजबूत होगी। उन्होंने ठान लिया था कि मुझे अपनी गरीबी दूर करनी है।

सवाल- आप पर्पल कप की सूची देखें उसमें 10 में से नौ भारतीय हैं। इसे किस तरह देखते हैं?

जवाब- भारतीय लीग में अगर हमारे देश के खिलाड़ी छा रहे हैं तो इससे अच्छी बात कुछ और नहीं हो सकती। सभी खिलाड़ी निखरकर बाहर आ रहे हैं। रविचंद्रन अश्विन जैसा अनुभवी खिलाड़ी हो या कोई युवा गेंदबाज सभी अपने प्रदर्शन से प्रभावित कर रहे हैं तो यह देखकर मजा आ रहा है। आइपीएल में 15 वर्ष से जो मेहनत हुई है, उसके परिणाम सामने आ रहे हैं।

सवाल- ऐसा कहा जाता है कि आइपीएल युवाओं के लिए है, लेकिन पीयूष चावला, महेंद्र सिंह धौनी और मोहम्मद शमी जैसे अनुभवी खिलाड़ी प्रदर्शन कर रहे हैं। ये कितना महत्वपूर्ण है?

जवाब- अनुभव के साथ जाना बहुत जरूरी है क्योंकि अनुभव जिसके पास है वो कहीं पर भी प्रदर्शन कर सकता है। पीयूष चावला और धौनी जैसे खिलाड़ी इतना खेलें हैं कि उन्हें अनुभव है। फ्रेंचाइजी को भी देखना होगा कि सिर्फ युवाओं को लेने से काम नहीं चलेगा, बल्कि अनुभव खिलाड़ियों को भी साथ लेना होगा। प्रतिभा को तो आप नजरअंदाज कर ही नहीं सकते।

चावला का 15 साल का अनुभव है और कोई दो मैच खेलने वाला खिलाड़ी उन्हें मात नहीं दे सकता। जब सही निर्णय लेने की बात आती है तो अनुभव ही काम आता है। टी-20 या आइपीएल का प्रारूप ऐसा नहीं है जहां युवा ही खेलें, यहां अनुभव को भी शामिल करना होता है। मेरे नजरिये में जिस टीम में अनुभवी खिलाड़ी होते हैं वो बेहतर खेलती है।

चेन्नई ने अपनी टीम में कई अनुभवी खिलाड़ियों को लिया था और सभी इसे देखकर चकित थे, लेकिन उस सत्र में चेन्नई के सामने कोई खड़ा नहीं हो पाया था। ऐसी टीम में किसी को कुछ बताने की जरूरत नहीं पड़ती, सभी को अपनी भूमिकाएं पता होती हैं जिससे टीम बेहतर खेलती है। --

सवाल- अर्जुन तेंदुलकर को आपने विकसित होते देखा, पिछली बार भी वह टीम में थे, लेकिन खेल नहीं सके। इस बार उन्हें मौका मिला है, उनके भविष्य को किस तरह देखते हैं?

जवाब- अर्जुन को अभी समय लगेगा, लेकिन अच्छी बात यह है कि उनको मौका मिला। जब अवसर मिला है तो उन्होंने दिखाया कि वह किस स्तर पर खड़े हैं। यहां से और मेहनत करेंगे और उभर कर आएंगे। भविष्य उनका सुनहरा है, लेकिन यह उन पर निर्भर करता है कि वह यहां से कितनी मेहनत करेंगे।

कोई कोच एक समय तक ही आपको बता सकता है, लेकिन जब आप खेलते हो तो पता चलता है कि आपको खुद में क्या-क्या चीजें लानी पड़ेंगी। खेल के ही खिलाड़ी सीख सकता है और उनको देखकर अच्छा लग रहा है। उन्हें अभी काफी चीजें करनी है।

मैं लोगों से भी कहूंगा कि अर्जुन को उनके पिता से जोड़कर मत देखो। अर्जुन को अपने पिता के नाम का दबाव नहीं महसूस होने देना चाहिए, उसे खुद की पहचान बनानी है। अर्जुन का नाम उनकी वजह से हो ना कि सचिन तेंदुलकर की वजह से। सचिन खुद भी यही चाहेंगे। सुनील गावस्कर के बेटे के साथ ऐसा ही होता था।

सवाल-- डब्ल्यूटीसी फाइनल होना है। भारतीय खिलाड़ी यहां आइपीएल में खेल रहे हैं, लेकिन आस्ट्रेलिया के कुछ क्रिकेटरों ने आराम लिया हुआ है। क्या हमें ज्यादा खेलने का नुकसान होगा, या आस्ट्रेलिया को नहीं खेलने का नुकसान होगा?

जवाब- आइपीएल ऐसा प्रारूप है जो पूरी तरह से टेस्ट के विपरीत है। हमारे तेज गेंदबाज काफी क्रिकेट खेलते हैं और मुझे यही डर है कि वे थक ना जाएं। बल्लेबाजी में देखें तो आपको आइपीएल के बाद थोड़ा समय मिलेगा। तेज गेंदबाजों के लिए थोड़ी चंता की बात है क्योंकि वे यात्रा करते हैं, फिर खेलते हैं।

शमी और सिराज जैसे गेंदबाज अपनी टीमों के लिए लगभग सभी मैच खेलते हैं और डर इस बात का है कि ये चोटिल ना हो जाएं। ये दोनों हमारे ऐसे मजबूत गेंदबाज हैं जिनका फिट और ताजा रहना जरूरी है। थक गए या फिट नहीं हुए तो मजा नहीं आएगा। आइपीएल खेलना ठीक है, लेकिन शरीर को आराम देना भी जरूरी है। बल्लेबाज तीन चार सत्र में समझ जाते हैं कि क्या करना है।

सवाल- रोहित और केएल राहुल की वर्तमान फार्म को देखते हुए डब्ल्यूटीसी फाइनल को लेकर क्या कहेंगे? रहाणे के टीम में शामिल होने पर क्या कहेंगे?

जवाब- राहुल और रोहित की जो फार्म है तो मुझे यह लगता है कि इस प्रारूप से हमें इन्हें जज नहीं करना चाहिए। टी-20 अलग प्रारूप है और जब टेस्ट की बारी आएगी तो हमें कोई दिक्कत नहीं होगी। रोहित को लेकर कोई परेशानी नहीं है क्योंकि वह बड़े खिलाड़ी हैं और बड़े मैच में अधिक निखर कर आएंगे। केएल के लिए मैं चाहता हूं कि वह पांचवें या छठे नंबर पर खेलें और विकेटकीपिंग भी करें।

केएस भरत के खेलने से बल्लेबाजी थोड़ी छोटी लगेगी और केएल नई गेंद से अच्छा खेल सकते हैं इसलिए मुझे लगता है कि केएस भरत की तुलना में राहुल ज्यादा बेहतर रहेंगे। अजिंक्य रहाणे को वापस लाने का निर्णय मुझे काफी अच्छा लगा।

रहाणे एक ऐसा खिलाड़ी है जिसे देखकर आप कह सकते हैं कि हां यह क्रीज पर है तो सही है। अभी वह खेल भी अच्छा रहे हैं। मुझे लगता है कि बड़े मैचों में आपको अनुभव की जरूरत पड़ती है और रहाणे का भाग्य अच्छा है कि दो-तीन मैच खेले और उन्होंने जबरदस्त प्रदर्शन किया। रहाणे को लेना टीम इंडिया के लिए फायदेमंद रहेगा।

सवाल- क्या राहुल पांच दिन विकेटकी¨पग करने के लिए तैयार हैं?

जवाब- राहुल को विकेटकीपिंग करनी चाहिए क्योंकि ये अच्छा रहेगा। मुझे नहीं लगता कि क्या होगा और टीम प्रबंधन क्या निर्णय लेगा। अगर मैं शामिल होता तो मैं कहता कि राहुल को विकेटकीपिंग का जिम्मा दें। उन्हें अगर ऐसा करना है तो आइपीएल से ही विकेटकीपिंग शुरू करनी होगी। डब्ल्यूटीसी के फाइनल मैच में विकेटकीपिंग करें ना करें, लेकिन आइपीएल में दस्ताने पहन लें जिससे राहुल को विकेटकीपिंग का अभ्यास हो सके।