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    Delhi Blast: आतंकी हमले में 10 लोग मारे गए, पर सख्त नहीं हुई दिल्ली पुलिस; दैनिक जागरण की पड़ताल में खुली पोल

    Updated: Wed, 12 Nov 2025 09:25 AM (IST)

    दिल्ली में आतंकी हमले में 10 लोगों की मौत के बाद भी दिल्ली पुलिस की लापरवाही उजागर हुई है। दैनिक जागरण की पड़ताल में सुरक्षा व्यवस्था में ढिलाई और जांच में सुस्ती सामने आई है, जिससे जनता में आक्रोश है। लोग पुलिस से सख्त कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।

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    निहाल सिंह, नई दिल्ली। फरीदाबाद से चलकर लाल किला तक पहुंचने और आत्मघाती हमले में कई मासूम लोगों की मौत हो गई, लेकिन इसके बावजूद भी राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा इंतजाम बहुत कम रहे।

    इस हमले के बाद मंगलवार को दैनिक जागरण की पड़ताल में पता चला कि बदरपुर बॉर्डर से लाल किला की 16 किलोमीटर की दूरी में सुरक्षा जांच तो दूर की बात है, पुलिसकर्मियों की तैनाती भी नहीं की गई है। बता दें कि आतंकी हमले का आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर बदरपुर बॉर्डर होते हुए ही लाल किला पहुंचा था।

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    हमले के एक दिन बाद भी ऐसा प्रतीत हुआ, जैसे पुलिस केवल पेट्रोल पंप, सड़कों पर लगे सीसीटीवी के भरोसे हैं। फरीदाबाद से लेकर पूरे रास्ते को तो छोड़िए लाल किला के पास दरियागंज में निषादराज मार्ग तक कोई सघन जांच अभियान चलता नहीं दिखाई दिया।

    अब इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि घटना के बाद भी पुलिस की सुरक्षा और सतर्कता की यह स्थिति है तो घटना से पूर्व क्या स्थिति रही होगी।

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    दैनिक जागरण की पड़ताल में हमले के अगले दिन बदरपुर के एमसीडी टोल और एनएचएआई टोल पर स्थानीय पुलिस वाहनों की जांच करती हुई नजर आई। यह एक दिन पहले होता तो हमलावर दिल्ली नहीं पहुंच पाता। पूरे मार्ग में कुछ जगहों पर यातायात पुलिस वाहनों के कागज जांचती हुई नजर आई।

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    दैनिक जागरण की टीम ने 16 किमी के इस सफर को कार से एक घंटे तय किया। लेकिन रास्ते में कहीं वाहन की जांच नहीं हुई। सरिता विहार, बदरपुर बॉर्डर और लाजपत नगर जैसे मेट्रो स्टेशन के सीसीटीवी जरूर लगे हैं। अपोलो अस्पताल के पास भी सड़क पर सीसीटीवी लगे हुए नजर आए, लेकिन कोई पुलिस या दूसरे एजेंसियों के सुरक्षा कर्मी नजर नहीं आए। न ही पुलिस की कोई पिकेट लगी मिली।