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    दिल्ली हाईकोर्ट ने बार-बार याचिका दायर करने पर जताई नाराजगी, याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाने पर कर रहा विचार

    Updated: Wed, 12 Nov 2025 08:13 PM (IST)

    दिल्ली उच्च न्यायालय ने बार-बार याचिका दायर करने पर याचिकाकर्ता के प्रति नाराजगी व्यक्त की है। न्यायालय अब याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाने पर विचार कर रहा है, क्योंकि न्यायालय का मानना है कि यह न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है और इससे न्यायालय का समय बर्बाद होता है।

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    प्रतीकात्मक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के कुछ प्रविधानों को चुनौती देते हुए बार-बार याचिका दायर करने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को नाराजगी व्यक्त की। जनहित याचिका खारिज करते हुए मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता उपेंद्र नाथ दलाई पर जुर्माना लगाने पर भी विचार किया जाएगा।

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    पूर्व में याचिकाएं खारिज होने के बाद भी याचिका दायर करने पर अदालत ने आपत्ति जाहिर की। याचिकाकर्ता ने भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध छेड़ने के अपराध को आपराधिक बनाने वाले प्रविधान को चुनौती दी है।

    अदालत ने अपने मामले में पुलवामा आतंकवादी हमले का संदर्भ देने के लिए याचिकाकर्ता की भी खिंचाई की। पीठ ने कहा कि याची ने पहले रिट याचिका दायर की, फिर पुनर्विचार याचिका की मांग की जाती है और अब जनहित याचिका दायर की जा रही है।

    अदालत ने कहा कि शब्दों को बदलने मात्र से रिट याचिका दायर करने की अनुमति नहीं मिल जाएगी। अदालत ने आगे कहा कि याचिका में दिए गए तर्कों के लिए अदालत उपयुक्त मंच नहीं है।

    याचिकाकर्ता ने बीएनएस की धारा 147 से 158 को चुनौती दी थी, जोकि भारत के विरुद्ध युद्ध छेड़ने के अपराधों और दंडों से संबंधित हैं और वैध हिरासत से भाग रहे किसी राज्य बंदी या युद्धबंदी की सहायता करने, उसे बचाने या उसे शरण देने के लिए दंड का प्रविधान करती हैं।

    याची ने तर्क दिया था कि ये प्रविधान नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं। हालांकि, अदालत ने कहा कि लेख लिखने के लिए ये सब ठीक हैं, लेकिन याचिका में ये सब नहीं होता।

    वहीं, अतिरिक्त सालिसिटर जनरल (एएसजी) चेतन शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता बार-बार अपराध करता रहा है और उस पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए। इस पर अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाने पर विचार किया जाएगा।

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