दिल्ली चुनाव से तीन महीने पहले AAP ने बागियों को टिकट देकर दिया संदेश, हारी सीटों पर मजबूती से लड़ने की तैयारी
दिल्ली चुनाव से तीन महीने पहले आप ने 11 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। इसमें से छह सीटें ऐसी हैं जो इस समय भाजपा के पास हैं। आप ने इन सीटों को जीतने के लिए मजबूत उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। पार्टी ने दूसरे दलों के लोगों को भी बड़ी संख्या में टिकट देकर एक संदेश दिया है कि उनका भी पार्टी में पूरा सम्मान है।
वी के शुक्ला, नई दिल्ली। पिछले चुनाव में आठ सीटों पर हुई पराजय पर फोकस करते हुए आप ने इन सीटों पर बढ़त के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी है। घोषित किए गए 11 सीटों के प्रत्याशियों में से छह वे सीटें शामिल हैं जो इस समय भाजपा के पास हैं। ये ऐसी सीटें हैं जिन्हें आप अपनी आंधी में भी नहीं जीत पाई थी।
आप इस बार इन सीटों को जीत लेने की रणनीति के तहत उतरी है। आप को इन सीटों पर जो मजबूत प्रत्याशी लगा है, उसे मैदान में उतारा है। वहीं केजरीवाल ने दूसरे दलों के लोगों को बड़ी संख्या में टिकट देकर एक संदेश भी दे दिया है उनका भी पार्टी में पूरा सम्मान है।
जनवरी के पहले सप्ताह में हो सकती है अधिसूचना जारी
स्थिति पर गौर करें तो महाराष्ट्र और झारखंड में मतदान खत्म होने के अगले ही दिन दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए आप ने पहली सूची जारी कर दी है। जबकि, राजधानी में अगले साल चुनाव होने हैं और अभी इसकी अधिसूचना भी जारी नहीं हुई है। माना जा रहा है कि इस चुनाव के लिए करीब डेढ़ माह बाद जनवरी के पहले सप्ताह में अधिसूचना जारी हो सकती है और चुनाव के लिए अभी करीब तीन माह का समय है।चुनाव की तैयारियों को लेकर बढ़त बनाने की भी कोशिश
राजनीतिक जानकारों की मानें तो तीन माह पहले पहली सूची जारी कर आप ने चुनाव की तैयारियों को लेकर बढ़त बनाने की भी कोशिश की है। उनकी मानें तो अभी दूसरे दल खासकर भाजपा धरना प्रदर्शन में ही लगी हुई है और आप ने विधानसभा सीटों पर फोकस कर दिया है और चुनाव प्रचार में उतर रही है।
नितिन त्यागी लोकसभा चुनाव से पहले आप से हुए अलग
पार्टी के रणनीतिकाराें का कहना है कि चुनाव के लिए इन सीटों पर अतिरिक्त तैयारी के तहत इन सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए गए हैं, उनकी मानें तो पार्टी इन सीटों को कमजोर कड़ियां मान रही है। यमुनापार की जिन छह सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए गए हैं उनमें वे सीटें भी शामिल हैं 2015 में जिन पर आप के विधायक थे, मगर 2020 में चुनाव नहीं जीत पाए थे। इसमें से लक्ष्मी नगर सीट से नितिन त्यागी आप के विधायक थे जाे 2020 में हार जाने के बाद गत लोकसभा चुनाव में आप से अलग हो गए थे।2020 में चुनाव हारने के बाद फिर से टिकट पाने में कामयाब
घोंडा से विधायक रहे श्रीदत्त शर्मा के 2020 में हार जाने के बाद इस बार टिकट नहीं मिला है। राेहतास नगर से 2020 में चुनाव हार जाने के बाद सरिता सिंह ही फिर से टिकट पाने में कामयाब रही हैं। इसके पीछे भी आप नेतृत्व ने संदेश दिया है कि जो भी उनकी नजर में जिताऊ है, उसे टिकट मिलेगा, इसके अलावा अन्य कोई पार्टी की नीति नहीं है। चुनाव से तीन माह पहले प्रत्याशी घोषित करने की प्रक्रिया आप 2013 और 2015 में भी अपना चुकी है।
यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि जिन दूसरे दलों के लोगों को आप नेताओं ने शामिल कराया था, उसी समय उन्हें यह भरोसा भी दिया था कि उन्हें टिकट भी दिया जाएगा। पार्टी उन्हें चुनाव लड़ाएगी। आप ने उनसे किया वादा सबसे पहले निभा दिया है।यह भी पढ़ें- दिल्ली में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के ऑफिस जाने की बदली टाइमिंग, बढ़ते प्रदूषण को लेकर मंत्रालय का फैसला
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