Video Games: वीडियो गेम खेलने से बचें बच्चे, हड्डियों का नहीं हो रहा विकास; टेढ़े हो रहे घुटने
Video Games जो बच्चे ज्यादा वीडियो गेम्स खेलते हैं उनका शरीर पर खराब असर पड़ रहा है। डॉक्टर ने बताया कि उन्हें शारीरिक एक्टिविटी करने की ज्यादा जरूरत हैं। वीडियो गेम खेलने वाले बच्चों की हड्डियों का विकास नहीं हो पा रहा है इससे हड्डियां कमजोर हो रही हैं। उनके घुटने भी टेढ़े हो जा रहे हैं। डॉक्टर ने माता-पिता को बच्चों को घर के बाहर खेलने की सलाह दी।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। खेलकूद सिर्फ पेशेवर खिलाड़ी व एथलीट बनने के लिए जरूरी नहीं है, बल्कि हड्डियों व मांसपेशियों के विकास और मजबूती के लिए भी जरूरी है। खेलकूद के जिस उम्र में हड्डियों का विकास हो रहा होता है, उस उम्र में कई बच्चे भी हड्डियां कमजोर होने की बीमारी के साथ ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचते हैं।
आरएमएल अस्पताल में राष्ट्रीय अस्थि दिवस के मद्देनजर आयोजित एक कार्यक्रम में डाक्टरों ने यह जानकारी दी। डॉक्टर बताते हैं कि मोबाइल व वीडियो गेम में अधिक सक्रियता और आउट डोर खेल से दूरी बच्चों में हड्डियां कमजोर व घुटने टेढ़े होने की बीमारी का कारण बन रही है।
डॉक्टर ने क्या कहा?
अस्पताल के आर्थोपेडिक के विभागाध्यक्ष डॉ. राहुल खरे ने बताया कि छोटे उम्र में हड्डियों व मांसपेशियों का विकास हो रहा होता है। यह प्रक्रिया 25 वर्ष की उम्र तक जारी रहती है। इसके बाद हड्डियां मजबूत होने की प्रक्रिया बंद हो जाती है। महिलाओं में मेनोपाज के बाद हड्डियां कमजोर होना शुरू हो जाती हैं। इस वजह से महिलाएं आस्टियोपोरोसिस से अधिक पीड़ित होती हैं।
बच्चों के घुटने टेढ़े हो रहे
पुरुषों को ज्यादातर यह बीमारी 65 वर्ष के बाद होती है। इन सबके बीच ओपीडी में हर दिन पांच से छह ऐसे बच्चे देखे जाते हैं, जिनके घुटने टेढ़े होते हैं। इसका कारण यह है कि बच्चों का खेलकूद कम हो गया है। बच्चे मोबाइल पर गेम या वीडियो देखने में अधिक समय देते हैं। बाहर खेलने के लिए नहीं निकल पाते।
विटामिन-डी की हो रही कमी
इस वजह से विटामिन डी की भी कमी होती है। इसका असर हड्डियां के विकास पर पड़ता है और धीरे-धीरे घुटने टेढ़े होने लगते हैं। जल्दी इलाज नहीं करने पर बाद में सर्जरी की नौबत आ जाती है। ऐसी बीमारियों से बचाव के लिए खानपान में नियमित रूप से दूध, पर्याप्त प्रोटीन व कैल्शियम युक्त भोजन जरूरी है। इसके अलावा बाहर खेलकूद जरूरी है। इससे हड्डियां मजबूत होती हैं।
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ये लक्षण हो तो डॉक्टर से संपर्क जरूरी
- जिन बच्चों के सिर की खोपड़ी मुलायम रह जाए।
- दांत देर से निकले या दांत टेढ़े हों।
- पेट फूला रहता हो।
- जिन बच्चों की कलाई चौड़ी हो।
- जिन बच्चों के घुटने आपस में टकराते हों तो यह घुटना टेढ़ा होने का लक्षण हो सकता है।