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दिल्ली में जल्द लागू होगा क्लिनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट, CM आतिशी ने उपराज्यपाल को भेजी फाइल

Clinical Establishment Act क्लिनिकल प्रतिष्ठानों को विनियमित करने के लिए नया स्वास्थ्य कानून बनाने से संबंधित याचिका पर दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट को सूचित किया है। जिसमें उसने बताया कि क्लिनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट को लागू करने की प्रक्रिया जोरों पर है। बता दें इससे पहले याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने स्वास्थ्य सचिव को फटकार लगाई थी।

By Vineet Tripathi Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Wed, 23 Oct 2024 08:21 PM (IST)
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Delhi News: मुख्यमंत्री आतिशी ने एलजी ऑफिस भेजी फाइल। फाइल फोटो
विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। क्लिनिकल प्रतिष्ठानों को विनियमित करने के लिए नया स्वास्थ्य कानून बनाने से संबंधित जनहित याचिका पर दिल्ली सरकार ने हलफनामा दाखिल कर दिल्ली हाई कोर्ट को सूचित किया कि क्लिनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट को लागू करने की प्रक्रिया चल रही है।

दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता उदित मलिक ने अदालत को सूचित किया कि एक्ट को लागू करने से संबंधित फाइल को उचित कार्यवाही के लिए उपराज्यपाल को भेज दिया गया है।

मामले में 21 नवंबर को होगी अगली सुनवाई

दिल्ली सरकार के बयान को रिकॉर्ड पर लेते हुए मुख्य न्यायाधीश मनमोहन व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार अपने बयान के लिए बाध्य है। मामले में आगे की सुनवाई 21 नवंबर को होगी।

याचिकाकर्ता बेजोन कुमार मिश्रा ने अधिवक्ता शशांक देव सुधि के माध्यम से दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय राजधानी में अनधिकृत प्रयोगशालाएं और डायग्नोस्टिक केंद्र अयोग्य तकनीशियनों के साथ काम कर रहे थे और मरीजों को गलत रिपोर्ट दे रहे थे।

कोर्ट ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज को लिया आड़े हाथ

याचिका पर सुनवाई करते हुए पूर्व में मुख्य पीठ ने न्यायिक आदेशों का पालन नहीं करने पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) व स्वास्थ्य सचिव एसबी दीपक कुमार को आड़े हाथों लिया था।

अदालत ने स्वास्थ्य मंत्री व स्वास्थ्य सचिव को जेल भेजने की चेतावनी देते हुए कहा था कि वे सरकार के सेवक हैं और बड़े अहंकार नहीं रख सकते। पीठ ने यह भी कहा था कि यह सुनिश्चित करना होगा कि स्वास्थ्य मंत्री व सचिव के बीच की लड़ाई से दलालों को फायदा न हो।

इसके लागू होने से लोगों को मिलेगा ये लाभ

  • क्‍नीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत जल्द ही स्वास्थ्य संस्थानों, अस्पतालों, क्‍लीनिक व लैब व परीक्षण केंद्रों का स्थायी पंजीकरण होगा।
  • अभी हर साल नवीनीकरण करवाना पड़ता है और पंजीकरण व नवीनीकरण की फीस एक समान है।
  • इसका मुख्य उद्देश्य ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों से लोगों की स्वास्थ्य की सुरक्षा करना है जो लोगों की आंखों और कान व अन्य उपचार के दौरान उन्हें अंधा, काना और गंभीर रोगी बना देते हैं।
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