नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे का अब नए सिरे से होगा सर्वे, 10 लाख सफर करने वालों को मिलेगा फायदा
Noida Greater Noida Expressway नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर हर रोज करीब 10 लाख गुजरते हैं। अब नोएडा प्राधिकरण इन्हें सुरक्षित यात्रा कराने के लिए शानदार इंतजाम करने वाला है। अब इस एक्सप्रेस-वे पर केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान नए सिरे से सर्वे करेगा। अगस्त महीने में संजय कुमार खत्री की अध्यक्षता में सुरक्षा मानकों में खामियां देखी गई थी। लेख के माध्यम से जानें पूरी खबर।
कुंदन तिवारी, नोएडा। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर प्रतिदिन गुजरने वाले 10 लाख वाहनों को सुरक्षित सफर कराने की दिशा में नोएडा प्राधिकरण ने कदम बढ़ा दिया है। इसके लिए सलाहकार कंपनी केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) का चयन कर एक्सप्रेस-वे का नए सिरे से सर्वे कराने को लिखा है।
इसमें उन बिंदुओं को प्रमुखता से उजागर करने को कहा है, जो एक्सप्रेस-वे पर वाहन दुर्घटना का कारण बन रहे हैं। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) के बाद एक्सप्रेस-वे पर बदलाव की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा।
सुरक्षा मानकों में खामियों के उजागर के बाद फैसला
नोएडा प्राधिकरण ने एक्सप्रेस-वे पर सुरक्षा मानकों में बदलाव का निर्णय उस सर्वे रिपोर्ट के बाद लिया है, जिसे अगस्त माह में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजय कुमार खत्री की अध्यक्षता में सुरक्षा मानकों में खामियों को उजागर किया गया था।
यह सर्वे सड़क दुर्घटना में तीन युवकों की मौत के बाद हुआ था, जिसमें नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) के विद्युत यांत्रिकी विभाग में तैनात अवर अभियंता के दो बेटों सहित उसके मित्र की मौत हुई थी। दैनिक जागरण ने घटना के दिन ही कारण बता दिया था।
हादसे की वजह मानी गई छह परियोजनाएं
हादसे में यातायात पुलिस की गेंट्री पोल के बेस में कार टकरा गई थी, जो बेस गलत तरीके से कैश बैरियर के अंदर बना था। इसके बाद प्राधिकरण सीईओ ने अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी की अध्यक्षता में जांच टीम गठित की थी। जांच रिपोर्ट में हादसों का कारण छह परियोजनाओं को माना गया है।
इसमें जितने इंट्रीगेटेड सिक्योरिटी एवं ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइएसटीएमएस) के पोल, जिसमें यातायात पुलिस कैमरों से कंट्रोल रूम से निगरानी व ई-चालान किया जा रहा है। यातायात नियमों की जानकारी के लिए पुलिस की ओर से लगवाई गई गेंट्री, नोएडा ट्रैफिक सेल की ओर से लगाई गई मार्ग निर्देशिका, जनस्वास्थ्य विभाग की ओर से बनवाए गए सार्वजनिक शौचालय सभी नियम विरुद्ध बने हैं।
एक्सप्रेस-वे से इंट्रीगेटेड सिक्योरिटी एवं ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइएसटीएमएस) के पोल,बाह्य विज्ञापन के यूनीपोल, फुटओवर ब्रिज, साइन बोर्ड, सार्वजनिक शौचालय, यातायात पुलिस की गेंट्री का स्थान बदलने की बात कही थी।
एक्सप्रेस-वे पर सड़क सुरक्षा मानकों को सही कराया जाए। इसके लिए सीआरआरआई को नए सिरे से सर्वे कराने को कहा है। इसकी रिपोर्ट आने के बाद मानकों को दुरुस्त कराया जाएगा। संजय कुमार खत्री, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, नोएडा प्राधिकरण
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