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दिल्ली की सीमा पर लगेंगे बाहरी राज्यों की 2000 बसों के ब्रेक, बनेंगे तीन नए ISBT

दिल्ली की सीमा पर तीन नए आईएसबीटी बनने जा रहे हैं। इनके बनने से बाहरी राज्यों की 2000 बसें दिल्ली शहर के अंदर नहीं आ पाएंगी। इससे प्रदूषण कम होगा और ट्रैफिक जाम से भी राहत मिलेगी। इन तीनों आईएसबीटी को टीकरी बॉर्डर नरेला और द्वारका-21 में बनाया जाएगा। टीकरी बॉर्डर आईएसबीटी के लिए पीडब्ल्यूडी ने सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है।

By V K Shukla Edited By: Geetarjun Updated: Tue, 08 Oct 2024 12:37 AM (IST)
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दिल्ली का महाराणा प्रताप अंतरराज्यीय बस अड्डा (कश्मीरी गेट)।

वीके शुक्ला, नई दिल्ली। अगर सभी कुछ ठीक-ठाक रहा और परियोजनाओं के बीच कोई बड़ी तकनीकी अड़चन नहीं आई तो आने वाले कुछ सालों में दिल्ली को तीन नए आईएसबीटी मिलने जा रहे हैं। इन्हें बनाए जाने के पीछे बड़ा उद्देश्य दूसरे राज्यों की बसों को दिल्ली शहर के अंदर प्रवेश न देना है। इससे प्रदूषण कम होने के साथ-साथ खासकर कश्मीरी गेट इलाके को जाम से भी बड़ी राहत मिल सकेगी।

इन तीनों आईएसबीटी को टीकरी बॉर्डर, नरेला और द्वारका-21 में बनाया जाएगा। इनके बनने से बाहरी राज्यों की प्रतिदिन 2000 बसें दिल्ली शहर के अंदर आने से बच सकेंगी।

जमीन खरीदने की प्रक्रिया तेज

दिल्ली ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन (डीटीआईडीसी) ने इसमें से द्वारका आईएसबीटी के लिए डीएमआरसी को सलाहकार कंपनी नियुक्त कर दिया है। टीकरी बॉर्डर के लिए जमीन लेने के लिए प्रक्रिया तेज कर दी है और नरेला की जमीन पर कब्जा हो जाने से दूसरे स्थान पर जमीन ढूंढी जा रही है।

दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल दोनों ओर से इस पर सहमति है और दोनों के प्रयासों से योजना आगे बढ़ रही है। गत दिनों एलजी वी के सक्सेना की अध्यक्षता में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की मौजूदगी में हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह साफ कर दिया गया कि इन मुद्दे पर तेजी से काम किया जाए।

इसमें से नरेला और द्वारका की योजनाएं बहुत पुरानी हैं, जिनकी फाइलें धूल फांक रही थीं तथा टीकरी बॉर्डर की नई योजना सामने आई है।जमीन में व्यवधान आ जाने पर एलजी के निर्देश पर डीडीए ने नरेला आईएसबीटी के लिए नए भूखंड की तलाश तेज कर दी है।

इन परियोजनाओं पर परिवहन विभाग के अंतर्गत दिल्ली ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन (डीटीआईडीसी) इस पर काम कर रहा है। इन तीनों को पीपीपी (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) मोड में डीएमआरसी के माध्यम से चलाए जाने की योजना है। परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि इनके बनने पर दिल्ली में प्राइवेट और सरकारी मिलाकर कम से कम 2000 बसों के शहर में आने पर रोक लग सकेगी।

अभी आईएसबीटी कश्मीरी गेट, आनंद विहार व सराय काले खां से 3500 अंतर्राज्यीय बस ट्रिप प्रतिदिन लगाए जाते हैं और 2000 लोकल बस के ट्रिप भी लगाए जाते हैं। यहां से मुख्यत: उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से लेकर जम्मू-कश्मीर तक के लिए बसें चलती हैं।

किस आईएसबीटी की क्या है स्थिति

नरेला आईएसबीटी

नरेला आईएसबीटी के लिए वर्षों पर पहले आवंटित जमीन के कब्जा मुक्त नहीं होने से अब एलजी वी के सक्सेना के निर्देश के बाद इस योजना के लिए डीडीए द्वारा दूसरे स्थान पर जमीन उपलब्ध कराने की कवायद शुरू कर दी गई है। यह जमीन डीडीए की थी, इस जमीन के 50 प्रतिशत हिस्से पर अतिक्रमण है।इस आईएसबीटी को एक लाख वर्ग मीटर की भूमि पर विकसित किया जाना है।

द्वारका आईएसबीटी

द्वारका सेक्टर-21 में मेट्रो स्टेशन के सामने बनने वाले आईएसबीटी के लिए जमीन की चारदीवारी कराई जा चुकी है। यहां पर जमीन का लेकर अड़चन नहीं है। कुछ समय पहले ही डीटीआइडीसी ने इस आईएसबीटी को बनाने के लिए डीएमआरसी को सलाहकार को नियुक्त किया है।

अब जल्द ही इस योजना के आगे बढ़ने की उम्मीद है। इसे 27 एकड़ में बनाया जाना है। इसका काम 2022 में शुरू किया जाना था, मगर इसका काम शुरू हो पाने में देरी हुई है।

टीकरी बॉर्डर आईएसबीटी

टीकरी बॉर्डर आईएसबीटी 29,500 वर्ग मीटर भूमि पर विकसित किया जाएगा। जिस जमीन पर इस आईएसबीटी को बनाया जाना है यह भूमि पीडब्ल्यूडी के पास है। पीडब्ल्यूडी ने इस जमीन को आईएसबीटी को देने के लिए सहमति दे दी है। गत दिनों इस मुद्दे को लेकर हुई बैठक के बाद जमीन हस्तातरण के मुद्दे पर काम शुरू हो गया है। हरियाणा से सिंघु और टीकरी बॉर्डर के रास्ते आ रही बसों को यहां रोक दिया जाएगा।

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