रोड रेज मामले में वकील को दिल्ली HC से झटका, जमानत याचिका खारिज; ये है मामला
दिल्ली हाईकोर्ट ने रोड रेज के एक मामले में अधिवक्ता को जमानत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि सार्वजनिक स्थान पर दिनदहाड़े हुई हिंसा को लेकर राह ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने रोड रेज के एक मामले में एक अधिवक्ता को जमानत देने से इन्कार करते हुए कहा कि सार्वजनिक स्थान पर दिनदहाड़े हुई हिंसा के लिए राहत देने से समाज में गलत संकेत जाएगा कि हमलावर अपने पेशे के कारण छूट गया है।
अदालत ने जांच अधिकारी द्वारा विशेष रूप से हमला करने वाले हथियार को बरामद करने और आगे की जांच के लिए हिरासत में पूछताछ करने की आवश्यकता को देखते हुए कहा कि यह अग्रिम जमानत देने के लिए उपयुक्त मामला नहीं है।
न्यायमूर्ति गिरीश कठपालिया ने कहा कि कानून की नजर में सभी समान हैं और अग्रिम जमानत की राहत देने से वकालत के पेशे को बदनाम किया जाएगा।
न्यायमूर्ति ने आरोपित की इस दलील पर असहमति जताई कि यह मामला रोड रेज का था। अदालत ने आरोपित और उसके भाई द्वारा सार्वजनिक स्थान पर दिनदहाड़े की गई हिंसा की भयावहता को पूरी तरह से समझने के लिए सीसीटीवी फुटेज का हवाला दिया।
अदालत ने कहा कि यह महज रोड रेज नहीं है क्योंकि इसके कई व्यापक परिणाम होते हैं। न्यायाधीश ने कहा कि पीड़ित को सिर में भी चोट लगी थी, जो घातक हो सकती थी।
आरोपित अधिवक्ता पर आरोप है कि वो व उसका भाई, जो राजनीतिक संबंध रखते हैं, ने फरवरी में एक साफ्टवेयर इंजीनियर पर हमला किया, जो दोपहिया वाहन पर देवली रोड जा रहा था। हमले के बाद पीड़ित को चोटें आई लेकिन आरोपित ने इसे रोड रेज बताया।

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