दिल्ली में दफ्तरों के कामकाज की बदली टाइमिंग, CM आतिशी ने दी अहम जानकारी
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने दफ्तरों के कामकाज की टाइमिंग में बदलाव किया है। मुख्यमंत्री आतिशी ने बताया कि यातायात की भीड़ और प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्लीभर के सरकारी कार्यालय अलग-अलग समय पर काम करेंगे। इस कदम से वायु गुणवत्ता में सुधार और शहर में रहने वालों के स्वास्थ्य की रक्षा करने में मदद मिलेगी।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के चलते दफ्तरों में काजकाज की टाइमिंग बदल गई है। दिल्ली की सीएम आतिशी ने एक्स पर पोस्ट कर यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि यातायात की भीड़ और संबंधित प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्लीभर के सरकारी कार्यालय अलग-अलग समय पर काम करेंगे।
कार्यालयों की टाइमिंग यह होगी:
- दिल्ली नगर निगम: सुबह 8:30 बजे से शाम 5 बजे तक
- केंद्र सरकार: सुबह 9 बजे से शाम 5:30 बजे तक
- दिल्ली सरकार: सुबह 10 बजे से शाम 6:30 बजे तक
इससे पहले, सीएम आतिशी ने प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण अगले निर्देश तक दिल्ली के सभी प्राथमिक विद्यालय ऑनलाइन कक्षाओं में स्थानांतरित किए जाने की जानकारी दी थी। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने GRAP-3 के नियमों को लागू किए हैं। दिल्ली में देश में सबसे खराब प्रदूषण स्तर दर्ज किया गया। लगातार दो दिनों तक हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में बनी हुई है। शुक्रवार को शहर की वायु गुणवत्ता 411 के साथ गंभीर श्रेणी में थी।
चार चरणों में लागू होते हैं ग्रेप के प्रावधान
बता दें, राजधानी दिल्ली में शुक्रवार से ग्रेप तीन के प्रावधान लागू हूं। दरअसल, वायु गुणवत्ता के 400 से ऊपर चले जाने के कारण यह प्रावधान लागू किए गए हैं। दिल्ली-एनसीआर के लिए ग्रेप को वायु गुणवत्ता के चार चरणों में विभाजित किया गया है- 201 से 300 के बीच 'खराब' वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के लिए चरण 1, 301-400 के बीच 'बहुत खराब' एक्यूआई के लिए चरण 2, 301-400 के बीच के लिए चरण 3, 401-450 का गंभीर' AQI और 450 से अधिक 'गंभीर प्लस' AQI के लिए स्टेज 4 लागू करने के प्रावधान हैं।इन चीजों पर लग जाती है रोक
चरण तीन के तहत प्रतिबंधों में दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में गैर-आवश्यक निर्माण और विध्वंस पर प्रतिबंध और पत्थर क्रशर और खनन गतिविधियों को बंद करना शामिल है। ग्रेप के चरण-IV प्रतिबंधों के तहत, एनसीआर राज्यों से सभी अंतर-राज्यीय बसों- इलेक्ट्रिक वाहनों, सीएनजी वाहनों और बीएस-VI डीजल बसों को छोड़कर, को दिल्ली में प्रवेश करने से प्रतिबंधित किया जाएगा। इसके साथ ही निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर कड़ा प्रतिबंध लगाया जाएगा। खनन से संबंधित गतिविधियां, पांचवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं में स्थानांतरित करने और प्रमुख सड़कों पर दैनिक पानी का छिड़काव करने पर विचार किया जाएगा।
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