Move to Jagran APP

Delhi Pollution: बढ़ती प्रदूषण से सांस के मरीजों की बढ़ी परेशानी, OPD में खांसी और सांस के रोगी का इजाफा

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण खांसी जुकाम और सांस की समस्याओं में इजाफा हुआ है। अस्पतालों की ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। सांस के पुराने मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। प्रदूषण से बचाव के लिए एन-95 मास्क का इस्तेमाल करें।

By Ranbijay Kumar Singh Edited By: Sonu Suman Updated: Tue, 22 Oct 2024 09:14 PM (IST)
Hero Image
बढ़ती प्रदूषण से सांस के मरीजों की बढ़ी परेशानी।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। राजधानी में प्रदूषण बढ़ने के कारण खांसी, जुकाम की समस्या बढ़ गई है। डॉक्टर बताते हैं कि पहले की तुलना में अस्पतालों की ओपीडी में खांसी और सांस के मरीज भी अधिक पहुंचने लगे हैं। खास तौर पर सांस के पुराने मरीज बढ़ी हुई बीमारी के साथ अधिक पहुंच रहे हैं। यदि प्रदूषण का यही हाल रहा तो अगले कुछ दिनों में स्वास्थ्य पर इसका असर अधिक दिखेगा।

अपोलो अस्पताल के मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञ डॉ. सुरंजीत चटर्जी ने बताया कि पिछले चार-पांच दिनों से खांसी, गले में खराश व जुकाम की समस्या ज्यादा होने लगी है। ओपीडी में भी ऐसे मरीज देखे जा रहे हैं। अभी दो दिन से एयर इंडेक्स बहुत खराब श्रेणी में है। पांच से सात दिन में इसका असर ज्यादा दिखेगा। यह देखा गया है कि प्रदूषण बढ़ने पर इमरजेंसी में 25-30 प्रतिशत मरीज बढ़ जाते हैं। अभी फ्लू के संक्रमण के कारण भी कुछ मरीज सांस की परेशानी के साथ पहुंच रहे हैं।

इनहेलर बढ़ाने पर भी खास सुधार नहीं हुआ

पीएसआरआई अस्पताल के पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर विभाग के चेयरमैन डॉ. जीसी खिलनानी ने बताया कि ओपीडी में लगातार पांच ऐसे मरीज देखे जिनका स्वास्थ्य पहले बिना किसी लक्षण के स्थिर था, लेकिन उन्हें अब खांसी, गले में खराश, छाती में जकड़न, नाक से पानी आने व सांस फूलने की परेशानी हो रही है। उन्हें बुखार नहीं था। इनहेलर बढ़ाने पर भी खास सुधार नहीं हुआ।

OPD में सांस के मरीज 15 से 20 प्रतिशत बढ़े 

पिछले सप्ताह में कुछ ऐसे भी मरीज देखे हैं, जिन्हें पहले से फेफड़े की कोई परेशानी नहीं थी, लेकिन वे खांसी व छाती में जकड़न की समस्या के साथ पहुंचे थे। इसका कारण प्रदूषण है। आकाश सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के पल्मोनरी मेडिसिन के विशेषज्ञ डॉ. अक्षय बुधराजा ने बताया कि पहले के मुकाबले ओपीडी में सांस के मरीज 15 से 20 प्रतिशत बढ़ गए हैं।

बाहर निकलने पर एन-95 मास्क का इस्तेमाल

इनमें ज्यादातर पुराने मरीज शामिल होते हैं, जिन्हें सांस फूलने की समस्या बढ़ गई है। कुछ पुराने मरीज दवा व डोज बदलवाने के लिए भी पहुंच रहे हैं। प्रदूषण से बचाव के लिए सांस के मरीज व बुजुर्ग अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें। घर से बाहर निकलने पर एन-95 मास्क का इस्तेमाल जरूर करें।

यह भी पढ़ें- सुबह बनाई नई सड़क, शाम होते-होते JCB से खोद दी गई... चर्चा में है दो विभागों का कारनामा

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।