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आखिर पहाड़ी राज्यों की ओर क्यों रुख कर रहे दिल्लीवासी? इन शहरों में पहुंच रहे ज्यादा पर्यटक

दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण लोग पहाड़ी राज्यों का रुख कर रहे हैं। नवंबर में पर्यटन में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और उम्मीद है कि यह दिसंबर और जनवरी में और बढ़ेगी। हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड जम्मू-कश्मीर गोवा और दक्षिण भारत के राज्य पसंदीदा स्थल बने हुए हैं। वहीं दिल्ली आनेवाले पर्यटकों में भी 50 फीसदी की कमी आई है।

By Nimish Hemant Edited By: Sonu Suman Updated: Sun, 24 Nov 2024 11:24 AM (IST)
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प्रदूषण को लेकर पर्वतीय राज्यों की तरफ रुख कर रहे हैं दिल्लीवासी।
नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 के ऊपर होने से दिल्ली में सांस लेना कठिन बना हुआ है। ऐसे में कुछ दिन राहत की तलाश में दिल्ली वाले पर्वतीय राज्यों का रुख कर रहे हैं। विशेष बात कि कुछ बहुराष्ट्रीय कंपनियों के कर्मचारी कामकाज के सिलसिले में पर्वतीय राज्यों को चुन रहे हैं।

इसी तरह, स्कूल बंद है तो स्कूल के छात्रों का अध्ययन टूर पर्वतीय राज्यों को पहुंच रहा है जबकि, अपनी गाड़ियां उठाकर अचानक पर्वतीय राज्यों में खुली हवा में सांस लेने की चाहत रखने वाले भी काफी अधिक है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व जम्मू-कश्मीर के साथ गोवा और दक्षिण के राज्य पसंदीदा स्थल बने हुए हैं। मामले के जानकारों के अनुसार, वायु प्रदूषण आधारित पर्यटन में अक्टूबर की तुलना में नवंबर माह में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उम्मीद है कि यह दिसंबर और जनवरी में क्रिसमस और नव वर्ष के उत्सव तक चलेगा।

हिमाचल के बारे में अधिक पूछताछ कर रहे दिल्लीवासी

हिमाचल प्रदेश ट्रेवेल एजेंट एसोसिशन के महासचिव शेनव शर्मा के अनुसार, दिल्ली में वायु प्रदूषण के चलते दिल्ली-एनसीआर से ऐसे लाेगों की पूछताछ काफी बढ़ी है जो कुछ दिन के लिए हिमाचल प्रदेश को ठिकाना बनाना चाहते हैं। शिमला, मनाली, धर्मशाला व कसौल ऐसे पसंदीदा पर्यटन स्थल बने हुए हैं। उनके अनुसार, दिल्ली-एनसीआर की आईटी और अन्य से जुड़ी दो कंपनियों ने अपना तत्कालिक वर्किंग स्टेशन शिमला को बनाया है। इसके लिए उन्होंने फ्लैट आधारित व्यवस्था को चुना है। इसी तरह, कई स्कूलों के स्टडी टूर भी मौजूदा वक्त में शिमला समेत आस-पास के पर्यटन स्थलों में टिका हुआ है।

दिल्ली के कई लोग असमंजस की स्थिति में

उत्तराखंड टूरिज्म प्रोफेशनल्स एसोसिएशन के महासचिव सुनील बहुगुणा के अनुसार, दिल्ली में स्थिति वाकई में खराब है। देहरादून, नैनीताल, मसूरी व ऋषिकेश जैसे स्थान दिल्ली वालों के लिए पसंदीदा स्थल बने हुए हैं। मसूरी स्थित डिवाइन उत्तराखंड टूर एंड ट्रैवल के रोहित के अनुसार, मौजूदा समय में मसूरी हिल स्टेशन में 60 प्रतिशत से अधिक लोग अकेले दिल्ली वाले है। जो बातचीत में बता रहे हैं कि वह प्रदूषण के कारण यहां आए हुए हैं। वैसे, दिल्ली के कई लोग असमंजस की स्थिति में है, क्योंकि दिसंबर से जनवरी में क्रिसमस से लेकर नए वर्ष के उत्सव को वे छुट्टियों के रूप में चुनते हैं। फिर भी प्रदूषण मजबूर कर रहा है कि वे बाहर निकले और कुछ दिन अच्छी हवा में सांस ले लें।

पर्यटन में 50 प्रतिशत से अधिक की तेजी आई

इंडिजन फेडरेशन ऑफ टूरिज्म इंटग्रिटी (टिफ्टी) के अध्यक्ष शैलेंद्र श्रीवास्तव के अनुसार, अक्टूबर से नवंबर की तुलना में देखें तो पर्यटन में 50 प्रतिशत से अधिक की तेजी आई है और ये दिल्ली में वायु प्रदूषण के चलते हैं। लोग, खासकर उत्तराखंड को तत्कालिक ठिकाना बना रहे हैं। परिस्थितियों और बजट के अनुसार, कुछ दिन से लेकर कुछ हफ्ते के लिए दिल्ली से बाहर निकल रहे हैं। दिसंबर और जनवरी में इसमें तेजी देखी जाएगी, क्योंकि तब तक उत्सव का माहौल रहेगा।

प्रदूषण को व्यापारिक संभावनाओं में भुना रहे दिल्ली के व्यापारी

ऐसा नहीं है कि दिल्ली के व्यापारी प्रदूषण से व्यापारी संभावनाएं घटने से बेहद निराश है, बल्कि कई व्यापारी नए व्यापारिक संभावनाओं की तलाश में इन दिनों दूसरे राज्यों व विदेश का रुख कर रहे हैं। आटोमोटिव पार्ट्स मर्चेंट एसोसिएशन, कश्मीरी गेट के अध्यक्ष विनय नारंग ने हाल ही में पंजाब के कई शहरों में गए और अच्छी व्यापारिक संभावनाओं को देखा। वह कहते हैं कि यहां कारोबार कम है, क्योंकि प्रदूषण के चलते यहां दूसरे राज्यों के खरीदार नहीं आ रहे हैं तो इसका फायदा उन जैसे व्यापारी दूसरे राज्यों को जाकर अपनी व्यापारिक संभावनाओं को देखने में उठा रहे हैं। इसी तरह, कई व्यापारी विदेश में लगने वाले व्यापार आधारित मेलों में जा रहे हैं।

दिल्ली में 50 प्रतिशत कम हुए पर्यटक

वायु प्रदूषण के चलते दिल्ली में देसी-विदेशी पर्यटकों की आमद में काफी कमी आई है। इसका असर प्रगति मैदान में आयोजित विश्व व्यापार मेले में भी देखा जा रहा है। होटल महासंघ, पहाड़गंज के अध्यक्ष अजय अग्रवाल के अनुसार, प्रदूषण से देसी पर्यटकों की संख्या में 50 प्रतिशत की गिरावट आई है तो विदेशी पर्यटक भी घटकर 40 प्रतिशत तक रह गए हैं। क्योंकि, प्रदूषण की खबर वैश्विक हो गई है और कई आयोजन स्थगित भी हुए हैं ।

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