Move to Jagran APP

Exclusive: दिल्ली चुनाव में AAP-कांग्रेस का गठबंधन होगा या नहीं? प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कर दिया साफ

Delhi Assembly Elections में कांग्रेस का आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन होगा या नहीं? इसका जवाब मिल गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव (Devender Yadav) ने आप से गठबंधन पर दो टूक जवाब दिया। उन्होंने कहा कि गलती एक बार होती है दूसरी बार ब्लंडर होता है। साथ ही यह भी कहा कि कांग्रेस आलाकमान कोई तानाशाह नहीं जो अपना निर्णय प्रदेश इकाई पर थोप दे।

By sanjeev Gupta Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Sun, 17 Nov 2024 03:54 PM (IST)
Hero Image
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं। आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस तीनों ही प्रमुख पार्टियां सक्रिय हो गई हैं। दलबदल जोरों पर चल रहा है तो सियासी गतिविधियां भी जोर पकड़ रही हैं। बीते दो चुनाव से दिल्ली की सत्ता से बाहर चल रही कांग्रेस भी इस बार फार्म में नजर आ रही है।

प्रदेशाध्यक्ष देवेंद्र यादव न्याय यात्रा निकाल रहे हैं तो संगठनात्मक स्तर पर भी लगातार बैठकें कर रहे हैं। हालांकि सियासी गलियारों में यह चर्चा भी जोरों पर है कि लोकसभा के बाद विधानसभा चुनाव में भी आप और कांग्रेस हाथ मिला सकती हैं। कुछ ऐसे ही माहौल में हमारे प्रमुख संवाददाता संजीव गुप्ता ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव से लंबी बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश:-

दिल्ली न्याय यात्रा में कैसा रिस्पांस मिल रहा है, क्या कुछ उम्मीदें हैं?

पहले चरण में न्याय यात्रा ने दिल्ली की 70 में से 15 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करते हुए करीब 125 किमी का सफर तय किया है। 15 तारीख से दूसरा चरण चल रहा है। इस दौरान हमारी समाज के हर वर्ग के लोगों से बात हुई है। हम हर उस समस्या पर चर्चा कर रहे है जिससे वे प्रभावित हैं। बेरोजगारी एवं महंगाई लोगों की जीवन शैली और उन्हें आर्थिक रुप से प्रभावित करने वाला मुद्दे हैं। आप सरकार इस पर नियंत्रण करने में पूरी तरह से फेल साबित रही हैं। जनता अब कांग्रेस को ही दिल्ली की सत्ता सौंपना चाहती है।

क्या वजह है कि पूर्व सांसद जेपी अग्रवाल सहित कई वरिष्ठ नेता इस यात्रा से दूर हैं?

ऐसा नहीं है। जयप्रकाश अग्रवाल न्याय यात्रा की लांचिंग पर मंच का हिस्सा थे। दरअसल, सभी की अपनी उपलब्धता का मुददा है। कुछ नेता लांचिंग में पहुंचे तो कुछ राजघाट से इसकी शुरुआत पर रहे।कुछ बीच बीच में यात्रा से जुड़ते रहते हैं। नाराजगी जैसी कहीं कोई बात नहीं है।

दिल्ली में न्याय यात्रा के दौरान देवेंद्र यादव।

न्याय यात्रा के जरिये आप जनता को पार्टी से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन पार्टी के ही कुछ पुराने नेता हाथ का साथ छोड़ रहे हैं?

देखिए, चौधरी मतीन अहमद हों या फिर वीर सिंह धिंगान... इनमें सत्ता के समीप रहने की ललक ही इन्हें पार्टी से दूर ले गई। सत्ता के पीछे भागने वाले आगे भी पाला बदल सकते हैं। इन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। ऐसे नेताओं से पार्टी का कोई मोह नहीं क्योंकि इनके होने या न होने से कोई फर्क नहीं पड़ता।

कहा जा रहा है कि इस न्याय यात्रा का मुख्य मकसद आप पर दबाव बनाना है ताकि गठबंधन में ज्यादा सीटें पाई जा सकें?

यह सिर्फ अफवाहें और भ्रमित की कोशिश है। देखिए, गलती एक बार होती है, बार- बार नहीं। वही गलती यदि दोबारा दोहराई जाए तो उसे ब्लंडर कहते हैं। इस बार न गलती होगी और न ही ब्लंडर। वैसे भी आप का साथ तो उसके अपने ही छोड़ते जा रहे हैं। कांग्रेस दिल्ली की सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।

लेकिन ऐसा भी तो सकता है कि ऐन वक्त पर आलाकमान के दबाव में या उनका नाम लेकर गठबंधन हो जाए?

कांग्रेस आलाकमान कोई तानाशाह नहीं है जो प्रदेश इकाई पर जबरदस्ती अपनी मर्जी थोप दे। पंजाब व हरियाणा में भी आलाकमान ने पार्टी की प्रदेश इकाई की मर्जी का सम्मान किया था। दिल्ली में भी आला नेताओं और पार्टी पदाधिकारियों से सलाह मशविरा करके ही हम न्याय यात्रा निकाल रहे हैं एवं आप की कलई खोल रहे हैं।

इस विधानसभा चुनाव में आपको क्या कुछ उम्मीद लग रही है?

जो स्थिति 2013 में बनी थी, वैसी ही आज बन रही है। तब दिल्ली के लोगों ने कांग्रेस की ऐसी सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया थाा, जिसने ढेरों काम किए थे। जबकि आप सरकार के पास तो गिनवाने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है। दिल्ली दशकों पीछे चली गई है। फ्री-फ्री के चक्कर में दिल्ली का विकास ठप हो गया है। जगह जगह लोगों का दर्द व परेशानी सामने आ रही है। मुझे पूरी उम्मीद है कि इस बार फिर सत्ता पलटेगी और कांग्रेस सरकार बनाएगी।

कहा जा रहा है कि कांग्रेस के पास तो अच्छे उम्मीदवार ही नहीं हैं। पुराने नेता साथ छोड़ रहे हैं?

पुराने नेताओं में सिर्फ सत्ता के लालची साथ छोड़ रहे हैं। रही बात उम्मीदवारों की तो हमारे पास हर सीट पर 10 से 12 उम्मीदवार लाइन में हैं। उन्हीं में से अच्छे उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा।

कब तक घोषित करेंगे अपने उम्मीदवार, कुछ जल्दी?

न जल्दी और न देर से। उम्मीदवारों की घोषणा तय समय पर ही होगी, लेकिन हां उन्हें प्रचार का पूरा समय दिया जाएगा।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।